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West Bengal : घोटाले की जांच से निकला है नगरपालिका नियुक्ति घोटाला

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नगरपालिकाओं में हुई नियुक्तियों के घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच एजेंसियों की तफ्तीश के दायरे में राज्य के कुछ मंत्री, विधायक, पार्षद व अन्य प्रभावशाली लोग भी हैं. सीबीआइ और इडी के अधिकारी राज्य के मंत्रियों, विधायकों, पार्षदों और तृणमूल नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी भी कर चुके हैं.

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पश्चिम बंगाल में पिछले साल शिक्षक नियुक्ति घोटाले (Teacher Appointment Scam) की जांच के दौरान ही केंद्रीय जांच एजेंसी को एक नये घोटाले का पता चला, जिसका नाम ‘नगरपालिका नियुक्ति घोटाला’ है. गत वर्ष तृणमूल के निष्कासित नेता शांतनु बनर्जी से पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने 20 मार्च को उसके करीबी माने जाने वाले रियल एस्टेट डेवलॉपर, फिल्म निर्माता व व्यवसायी अयन शील को उसके सॉल्टलेक स्थित ठिकाने में लगभग 37 घंटे की तलाशी के बाद गिरफ्तार किया गया था. शील के ठिकाने से शिक्षक नियुक्ति घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज मिले. उन्हीं दस्तावेजों से नगरपालिका नियुक्ति घोटाले की भी भनक इडी को मिली. उसी वर्ष अप्रैल में शिक्षक नियुक्ति घोटाले से संबंधित एक रिपोर्ट इडी ने कलकत्ता हाइकोर्ट में पेश किया था.

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रिपोर्ट में जांच के दौरान कई दस्तावेजों की मिली थी जानकारी

रिपोर्ट में जांच के दौरान जब्त किये गये दस्तावेजों, एक डायरी, डिजिटल उपकरण व अन्य सामानों की जानकारी दी गयी, इनमें कई नगरपालिकाओं में नियुक्ति से संबंधित बड़े आपत्तिजनक दस्तावेज मिलने और जब्त करने का दावा किया था. केंद्रीय एजेंसी को शील के आवास से ओएमआर शीट, एडमिट कार्ड और उम्मीदवारों की एक सूची भी मिली थी. साथ ही यह भी आशंका जतायी गयी कि शिक्षक नियुक्ति घोटाले के समान ही राज्य में नगरपालिकों में नियुक्तियों में भी भ्रष्टाचार हुआ है. बताया गया कि विभिन्न नगरपालिकाओं, जिला प्राथमिक स्कूल परिषद और अन्य जगहों पर ग्रुप सी और ग्रुप डी में भर्तियों के लिए एक निजी कंपनी एबीएस इंफोजोन प्राइवेट लिमिटेड को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था.

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सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर नियुक्तियों में रची साजिश

प्रश्न पेपर बनाना, प्रिंटिंग, ओएमआर शीट की स्कैनिंग और फाइनल मेरिट लिस्ट बनाने तक का पूरा काम भी इसी कंपनी को दिया गया था, जिसका निदेशक शील भी था. इसके बाद कलकत्ता हाइकोर्ट ने मामले की जांच का आदेश सीबीआइ को करने का निर्देश दिया. उक्त कंपनी की निदेशक और अन्यों के खिलाफ सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू की. कंपनी और उसके पदाधिकारियों पर आरोप है कि सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर नियुक्तियों में साजिश रची, जिसके तहत पैसे के एवज में कई नगरपालिकाओं में अयोग्य उम्मीदवारों को गैरकानूनी तरीके से विभिन्न पदों पर भर्ती कर लिया गया.

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लगभग 1,500 से ज्यादा लोगों को अवैध रूप से किया गया था नियुक्त

सीबीआइ का आरोप है कि 2014 से 2018 के बीच राज्य के विभिन्न नगर निकायों ने पैसों के एवज में लगभग 1,500 से ज्यादा लोगों को अवैध रूप से नियुक्त किया था. कांचरापाड़ा, न्यू बैरकपुर, कमरहट्टी, टीटागढ़, बारानगर, हालीशहर, दमदम दक्षिण, टाकी समेत अन्य नगपालिकाओं में हुई नियुक्तियों को लेकर जांच शुरू की गयी. सीबीआइ के बाद 14 मई, 2023 को इडी ने भी नगरपालिकाओं में हुई नियुक्ति घोटाले की जांच शुरू की. इडी द्वारा दर्ज प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (इसीआइआर) में शील का नाम भी शामिल किया गया.

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शील पर आरोप है कि रिश्वत के लिए ओएमआर शीट में करता था हेरफेर

ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन) शीट आमतौर पर प्रतियोगी परीक्षाओं में उपयोग की जाती है, जिनमें बहुविकल्पीय प्रश्न होते हैं. उम्मीदवार विकल्पों के बगल में चिह्नित गोल बुलबुलों को भरते हैं, जो अंततः ओएमआर रीडर का उपयोग करके पढ़े जाते हैं. शील पर आरोप है कि रिश्वत के लिए ओएमआर शीट में हेरफेर करता था. शील 2015 में एक मोबाइल मैकेनिक था, लेकिन सात सालों में वह करोड़पति बन गया. उसके 23 बैंक खातों और कम से कम आठ संपत्तियों की जांच चल रही है. शील फिलहाल, न्यायिक हिरासत की अवधि प्रेसिडेंसी संशोधनागार में काट रहा है.

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जांच के घेरे में कुछ मंत्री, विधायक व अन्य प्रभावशाली भी

नगरपालिकाओं में हुई नियुक्तियों के घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच एजेंसियों की तफ्तीश के दायरे में राज्य के कुछ मंत्री, विधायक, पार्षद व अन्य प्रभावशाली लोग भी हैं. मामले को लेकर पहले भी सीबीआइ और इडी के अधिकारी राज्य के मंत्रियों, विधायकों, पार्षदों और तृणमूल नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी भी कर चुके हैं. साथ ही कुछ नगरपालिकों में भी तलाशी अभियान चलाया जा चुका है. पिछले साल अक्तूबर में राज्य के खाद्य और आपूर्ति मंत्री रथिन घोष के उत्तर 24 परगना के माइकलनगर स्थित आवास सहित 12 जगहों में इडी ने छापेमारी की थी. मामले में दक्षिण कोलकाता के चेतला इलाके में राज्य के शहरी विकास मंत्री व कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम के आवास और भवानीपुर इलाके में कमरहट्टी के विधायक मदन मित्रा के घर पर तलाशी ली जा चुकी है. अब इस साल 12 जनवरी को इडी ने राज्य के दमकल मंत्री सुजीत बोस, बरानगर के विधायक व तृणमूल नेता तापस राय के अलावा उत्तर दमदम के पार्षद सुबोध चक्रवर्ती के ठिकानों पर भी छापे मारे.

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