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धनबाद में DMFT फंड का हो रहा दुरुपयोग, लाखों रुपये का पुल बनाकर सड़क बनाना गए भूल

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धनबाद के पूर्वी टुंडी प्रखंड क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव अंतर्गत खेतों के बीचो-बीच पुल का निर्माण करा दिया गया है, लेकिन यह ग्रामीणों के लिए अनुपयोगी साबित हो रहा है. पुल के एक छोर पर रैयतों का खेत है तो दूसरे छोर पर जंगल. किसी भी छोर से पहुंचने के लिए सुगम रास्ता नहीं है.

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Dhanbad news: धनबाद के टुंडी में बिना एप्रोच रोड के लाखों रुपये का पुल बनाया गया है. पुल को देख कर ही समझा जा सकता है कि डीएमएफटी फंड का किस प्रकार दुरुपयोग किया गया है. यह मामला पूर्वी टुंडी प्रखंड क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव स्थित टोला लोवाडीह की ओर से गोरगा के बीच का है. यहां खेतों के बीचो-बीच पुल का निर्माण तो कर दिया गया मगर यह ग्रामीणों के लिए अनुपयोगी साबित हो रहा है.

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52 लाख की लागत से कराया था पुल का निर्माण

हालांकि रघुनाथपुर गांव से इस पुल तक पहुंचने का सड़क तो छोड़िये कोई रास्ता तक नहीं है लेकिन जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट के मद से 52.29 लाख की राशि से पुल का निर्माण कर दिया गया है. पुल के एक छोर पर रैयतों का खेत और दूसरे छोर पर जंगल किसी भी छोर से पहुंचने के लिए सुगम रास्ता नहीं है.

पुल निर्माण पर विधायक न भी जताई थी हैरानी

बता दें कि इस योजना का शिलान्यास पिछले 29 दिसंबर 2021 को टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने किया था. उस वक्त विधायक जी को भी खेतों के आड़ में लगभग आधा किमी पैदल चलकर शिलान्यास करना पड़ा था और शिलान्यास स्थल पर पहुंचने के बाद विधायक जी ने भी उक्त स्थल पर पुल निर्माण पर हैरानी जताई थी. अब जब पुल बनकर तैयार है तो ग्रामीणों में ओपीलाल सोरेन, सुनील सोरेन, बिनोद सोरेन,सुबोधन मुर्मू, भड़तांग सोरेन आदि का कहना है कि बिना सड़क के यह पुल किसी काम का नहीं है. जब पुल तक जाने का रास्ता ही नहीं है तो पुल किस काम का.

क्या कहते हैं ग्रामीण

ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने पुल तो बना दिया लेकिन इस पुल तक बिना रास्ता के पहुंचेंगे कैसे. इसका भी उपाय सरकार को करने की जरूरत है. बिना सड़क के इस पुल का बनना न बनना बराबर है. यहां पहले सड़क बनना चाहिए था, तब पुल होता तो ठीक होता. फिलहाल यह ग्रामीणों के लिए कोई काम का नहीं है.

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