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Maha Shivratri: काशी में शिव-पार्वती विवाहोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ, बाबा को लगा ठंडई और मेवे का भोग

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Maha Shivratri: रविवार से काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर महाशिवरात्रि पर शिव-पार्वती विवाह के उत्सव का कार्यक्रम हल्दी की रस्म के साथ आरंभ हो गया.

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Varanasi News: महाशिवरात्रि के अवसर पर शंकर-पार्वती के विवाहोत्सव के कार्यक्रम का शुभारंभ महंत आवास पर बाबा को हल्दी लगाकर व मंगल गीत गाकर सम्पन्न हुआ. इस शुभ अवसर पर बाबा को ठंडई, पान और मेवे का भोग लगाया गया.

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संध्याबेला में शिव को लगाई गई हल्दी

रविवार से काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर महाशिवरात्रि पर शिव-पार्वती विवाह के उत्सव का कार्यक्रम हल्दी की रस्म के साथ आरंभ हो गया. टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर बाबा के रजत विग्रह का प्रतीक आगमन हुआ. संध्याबेला में शिव को हल्दी लगाई गई. बाबा को ठंडई, पान और मेवे का भोग लगाया गया. हल्दी की रस्म के लिए मंगल गीत गाने के लिए महिलाओं की कई टोलियां पहुंची थीं.

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मांगलिक गीतों से गुंजायमान हुआ महंत आवास

सायंकाल बाबा का संजीव रत्न मिश्र ने विशेष राजसी-स्वरूप में श्रृंगार कर आरती व भोग लगाया एक तरफ मंगल गीतों का गान हो रहा था, दूसरी तरफ बाबा को हल्दी लगाई जा रही थी. बाबा के तेल-हल्दी की रस्म महंत डॉ. कुलपति तिवारी के सानिध्य में हुई. मांगलिक गीतों से महंत आवास गुंजायमान हो रहा था. ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना पर आधारित गीत गाए गए.

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दूल्हे की खूबियों का किया गया बखान

‘पहिरे ला मुंडन क माला मगर दुल्हा लजाला…’, ‘दुल्हा के देहीं से भस्मी छोड़ावा सखी हरदी लगावा ना…’,’शिव दुल्हा के माथे पर सोहे चनरमा…’,‘ अड़भंगी क चोला उतार शिव दुल्हा बना जिम्मेदार’, और भोले के हरदी लगावा देहिया सुंदर बनावा सखी…’ आदि हल्दी के पारंपरिक शिवगीतों में दूल्हे की खूबियों का बखान किया गया.

शिव भजनों की प्रस्तुति

हल्दी की रस्म के बाद नजर उतारने के लिए ‘साठी क चाऊर चूमिय चूमिय..’ गीत गाकर महिलाओं ने भगवान शिव की रजत मूर्ति को चावल से चूमा. इसके बाद शिवांजलि के अंतर्गत पुनीत पागल, संजय दूबे, प्रियंका पांडेय और रीता शर्मा ने शिव भजनों की प्रस्तुति की.

रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी

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