19.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 09:56 am
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Krishna Janmashtami 2023: इस साल कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जानें सही तिथि, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Advertisement

Krishna Janmashtami 2023: भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था. उस समय रोहिणी नक्षत्र था. भगवान कृष्ण के भक्त रात में 12 बजे कान्हा का जन्मोत्सव मनाते हैं. आइए जानते है कि इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कब है, इसके साथ ही सही तिथि, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त के बरे में...

Audio Book

ऑडियो सुनें

Krishna Janmashtami 2023 Date: कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व प्रमुख त्योहारों में से एक है. हिंदू धर्म में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है. इसी दिन कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. मान्यता है कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन ही भगवान विष्णु ने भगवान कृष्ण के रूप में अवतार लिया था. तभी से इस दिन को कृष्ण जन्मोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में यह पर्व देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. कृष्ण जन्मोत्सव के दिन लोग व्रत रखते हैं और रात में 12 बजे कान्हा के जन्म के बाद उनकी पूजा करके व्रत का पारण करते हैं. इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल गोपाल स्वरूप की पूजा की जाती है.

मथुरा में हुआ था भगवान कृष्ण का जन्म

भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था. उस समय रोहिणी नक्षत्र था. भगवान कृष्ण के भक्त रात में 12 बजे कान्हा का जन्मोत्सव मनाते हैं. मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान श्री कृष्ण अपने भक्तों का सभी मुरादें शीघ्र पूर्ण कर देते हैं. वहीं महिलाएं संतान प्राप्ति की कामना के साथ यह व्रत करती हैं. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के पकवान अर्पित किए जाते हैं.उन्हें झूला झुलाया जाता है. आइए जानते हैं कि इस साल 2023 में कृष्ण जन्माष्टमी कब है…

कब हैं कृष्ण जन्माष्टमी

हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 6 सितंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से हो रही है. वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन 7 सितंबर 2023 की शाम 04 बजकर 14 मिनट पर होगा. कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा मध्य रात्रि 12 बजे की जाती है, इसलिए इस साल भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव 6 सितंबर 2023 दिन बुधवार को मनाया जाएगा.

Also Read: Raksha Bandhan 2023 Date: इस साल दो दिन क्यों मनेगा राखी का त्योहार, जानें राखी बांधने की सही तिथि और शुभ समय
कृष्ण जन्माष्टमी 2023 पूजा मुहूर्त

इस साल 6 सितंबर 2023 दिन बुधवार की रात 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट के बीच जन्माष्टमी की पूजा की जाएगी. मान्यता के अनुसार, कान्हा का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि में हुआ था. 06 सितंबर को रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत सुबह 09 बजकर 20 मिनट से हो रही है. अगले दिन 7 सितंबर को सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर इसका समापन होगा. वहीं जन्माष्टमी व्रत का पारण 7 सितंबर की सुबह 06 बजकर 02 मिनट या शाम 04 बजकर 14 मिनट के बाद किया जा सकेगा.

गृहस्थ और वैष्णव संप्रदाय के लिए जन्माष्टमी की तिथि

गृहस्थ और वैष्णव संप्रदाय के लोग अलग-अलग दिन कृष्ण जन्माष्टमी मनाते हैं. ऐसे में 6 सितंबर 2023 को गृहस्थ जीवन वाले लोग और 7 सितंबर 2023 को वैष्णव संप्रदाय के लोग कान्हा का जन्मोत्सव मना सकते हैं.

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि

  • कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नानादि से निवृत होकर साफ-सुथरे व्रत्र धारण करें.

  • इसके बाद सभी देवताओं को नमस्कार करें और व्रत का संकल्प लें.

  • रात 12 बजे से पहले पूजन स्थान पर बैठ जाएं और तैयारियां पूरी करें.

  • भगवान श्री कृष्ण को दूध और गंगाजल से स्नान कराएं और नए वस्त्र पहनाएं.

  • इसके बाद उन्हें मोरपंख, बांसुरी, मुकुट, चंदन, वैजयंती माला, तुलसी दल आदि से सजाएं.

  • लड्डू गोपाल को फल, फूल, मखाने, मक्खन, मिश्री का भोग, मिठाई, मेवे आदि अर्पित करें.

  • भगवान श्री कृष्ण के समक्ष दीप-धूप जलाएं और आरती उतारें.

  • इसके बाद प्रसाद बांटे.

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा व्रत नियम

  • अविवाहित लोग व्रत के एक दिन पहले और जन्माष्टमी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें.

  • व्रत के दिन मध्याहन के वक्त तिल के पानी से स्नान करें.

  • रात में श्रीकृष्ण की पूजा के समय नए वस्त्र धारण करें.

  • जन्माष्टमी के दिन व्रती लक्ष्मी नारायण को कमल के फूलों से सजाएं.

  • श्रीकृष्ण को फल, दही, दूध, पंचामृत का भोग लगाएं.

  • पानी में तुलसी की पत्ती डालकर सेवन करना काफी फलदायी माना जाता है.

  • नंद गोपाल को पंचामृत से स्नान कराएं और उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करें.

  • जन्माष्टमी व्रत में पूजा करने के समय आपका मुख पूर्व या उत्तर की दिशा में होना चाहिए.

  • व्रती अपने व्रत का पारण मध्यरात्रि की पूजा के बाद ही करें.

  • जन्माष्टमी व्रत रात्रि बारह बजे के बाद ही खोला जाता है.

  • इस व्रत में अनाज का उपयोग नहीं किया जाता.

Also Read: Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन के दिन भाई की कलाई पर राखी बांधने के क्या होते हैं नियम, जानें जरूरी बातें
भगवान श्री कृष्ण जी को कौन से फूल चढ़ाने चाहिए?

कमल के फूल में भगवान श्रीकृष्ण को आकर्षित करने की क्षमता सबसे अधिक होती है. इसलिए यह फूल श्री कृष्ण जी को चढ़ाना चाहिए. देवताओं के चरणों में फूल विशिष्ट संख्या में और विशिष्ट आकार में चढ़ाने से फूलों की ओर देवताओं का तत्व जल्दी आकर्षित होता है. कृष्ण को फूल चढ़ाते समय तीन या तीन तीन गुणा लंबा गोलाकार आकार में चढ़ाने चाहिए. श्री कृष्ण जी को चंदन का इत्र लगाना चाहिए. श्री कृष्ण जी की पूजा करते समय उनका तारक तत्व ज्यादा अधिक प्रमाण में आकर्षित करने के लिए चंदन, केवड़ा, चंपा, चमेली, जाई, खस और अंबर इनमें से किसी भी प्रकार की उदबती प्रयोग में लानी चाहिए.

Also Read: Surya Grahan 2023 Date: लगने जा रहा साल का दूसरा सूर्यग्रहण, नोट कर लें सही डेट, टाइमिंग और सूतक काल का समय

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें