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Diwali 2023: आज पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है. इस साल दिवाली 12 नवंबर 2023, दिन रविवार को है. सुबह से लोग तैयारियां में जुट गए हैं. हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे दिवाली के दिन आखिर अकबर क्या करता था. आइए जानते हैं अकबर कैसे दिवाली मनाया करता था.
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दिवाली 2023
आज दिवाली है, देशभर में तैयारियां पूरी हो चुकी है, घर सज चुके हैं. दिवाली के दिन अकबर भी खुद को इससे दूर नहीं रख पता था. मुगलों के समय में दिवाली को जश्न-ए-चिरागा के नाम से जाना जाता है. दिवाली पर्व की शुरुआता अकबर के शासन में ही हो गया था.
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मुगलों के दौर में कैसे मनाया जाता था दिवाली
बताया जाता है कि 1720 से 1748 के दौर के बीच मुहम्मद शाह के समय दिवाली का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. उन दिनों महलों को दुल्हन की तरह सजाया जाता था. अकबर भी दिवाली के समय आगरा के किले और फतेहपुर सीकरी को दीया से सजाया जाता था.
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यहां से बुलाए जाते थे हलवाई
दिल्ली का लाल किला भी दिवाली के समय दीपों से जगमग उठता था. उस समय दिवाली के लिए तैयारी पूरे एक महीने पहले से ही शुरू हो जाती थी. आगरा, मथुरा, भोपाल और लखनऊ से हलवाइयों को बुलाया जाता था और शुद्ध देसी घी में मिठाइयां बनवाई जाती थी. महल को भी दीयों से सजाया जाता था.
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दिवाली पर राजा लाते थे तोहफे
बताया जाता है कि उस समय दिवाली के मौके पर जोधपुर के राजा जसवंत सिंह और जयपुर के महाराजा जय सिंह के घर से औरंगजेब के लिए तोहफे लेकर आया करते थे. बता दें कि दिवाली का पर्व मुगलों के समय से ही मनाया जा रहा है.