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Jharkhand Weather Forecast: मई में झुलसायेगी गर्मी या आंधी-तूफान से मिलेगी राहत! मॉनसून में कैसी होगी बारिश?

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कृषि विज्ञान केंद्र गढ़वा के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार ने कहा कि आंधी-तूफान से दोपहर बाद अच्छे बादल का निर्माण होता है और बिजली कड़कती है. साथ ही हल्की वर्षा होती है. कभी-कभी ओला भी गिरता है. ऐसा होने पर तापमान में चार-पांच डिग्री की गिरावट दर्ज की जाती है.

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गढ़वा: झारखंड के गढ़वा जिले में मई महीने में भी भीषण गर्मी और लू से राहत मिलने का अनुमान है. कृषि विज्ञान केंद्र गढ़वा द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार मई महीने में सामान्य से 4-5 डिग्री तक तापमान कम रह सकता है. वैसे दिन का तापमान अधिकतम 45 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है, जबकि रात का न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस तक रहने का अनुमान है. इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र गढ़वा के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि मई की शुरुआत में गर्मी थोड़ी कम पड़ेगी और दूसरे सप्ताह से धीरे-धीरे गर्मी बढ़ेगी, पर आंधी-तूफान के कारण मई में गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है.

कृषि विज्ञान केंद्र गढ़वा के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार ने कहा कि आंधी-तूफान से दोपहर बाद अच्छे बादल का निर्माण होता है और बिजली कड़कती है. साथ ही हल्की वर्षा होती है. कभी-कभी ओला भी गिरता है. ऐसा होने पर तापमान में चार-पांच डिग्री की गिरावट दर्ज की जाती है. जिस तेजी से शहरीकरण हो रहा है, उससे हीट अर्बन आइलैंड का निर्माण हो रहा है. इस कारण ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी इलाकों का तापमान पांच से सात डिग्री सेल्सियस अधिक रहता है तथा यहां लू का प्रकोप भी ज्यादा होता है.

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डॉ अशोक ने बताया कि इस वर्ष मॉनसून के बारे में वैसे तो अभी दो चर्चा चल रही हैं. पहली कि अलनीनो के कारण इस बार के मॉनसून में वर्षा कम होगी. जबकि दूसरी चर्चा है कि कई बार अलनीनो के बावजूद भारतीय मॉनसून के दौरान अच्छी बारिश होती है. चूंकि भारतीय मॉनसून एक जटिल घटना है. भारत का मौसम सिर्फ अलनीनो से प्रभावित नहीं होता है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां बंगाल की खाड़ी में जो मॉनसून डिप्रेशन होता है और उसकी जो पोजिशन होती है, उससे खास तौर पर उत्तरी भारत में वर्षा नियंत्रित होती है.

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