15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड के स्कूल महज टाइम पास के लिए, जानें क्यों बोले अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज

Advertisement

झारखंड में 30 प्रतिशत स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है. एकल शिक्षक के भरोसे पढ़ाई नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि इस दुर्दशा पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है, सवाल क्यों नहीं पूछे जा रहे हैं, आवाज क्यों नहीं उठ रही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand News: झारखंड में शिक्षा अधिकार कानून का घोर उल्लंघन किया जा रहा है. यहां की शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गयी है. पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में यहां का स्कूल महज टाइम पास करने के लिए रह गया है. यह कहना है अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज का. वह गिरिडीह में शिक्षा अधिकार मंच एवं बाल अधिकार द्वारा आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे.

- Advertisement -

कार्यक्रम में भाग लेने से पूर्व वह गिरिडीह शहरी क्षेत्र के हुट्टी बाजार में स्थित प्राथमिक विद्यालय चूड़ी मुहल्ला भी पहुंचे, जहां उन्होंने शैक्षणिक व्यवस्था का जायजा लिया. व्यवस्था से असंतुष्ट ज्यां द्रेज ने कहा कि इस स्कूल में 80 बच्चे हैं सिर्फ एक शिक्षक प्रतिनियुक्त हैं. वह शिक्षक भी भ्रमण के दौरान नहीं मिले. एक रसोइया मिली जिसने कई जानकारियां दी. स्कूल में महज दो कमरे हैं जिसमें से एक गोदाम का रूप लिया हुआ है. उन्होंने कहा कि कमोबेश झारखंड में स्कूलों की ऐसी ही स्थिति है.

झारखंड के 30 प्रतिशत स्कूल एक शिक्षक के भरोसे

झारखंड में 30 प्रतिशत स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है. एकल शिक्षक के भरोसे पढ़ाई नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि इस दुर्दशा पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है, सवाल क्यों नहीं पूछे जा रहे हैं, आवाज क्यों नहीं उठ रही है. लोगों से अपील की कि एकल शिक्षक व्यवस्था का तब तक विरोध जरूरी है, जब तक सरकार इसे सुधार नहीं देती. शिक्षा के अधिकार कानून के तहत कम से कम 30-30 बच्चों पर एक शिक्षक और एक स्कूल में कम से कम दो शिक्षक की व्यवस्था तो होनी ही चाहिए. झारखंड में सात साल से शिक्षकों की बहाली नहीं हुई है, जिससे शिक्षण व्यवस्था चरमरा गयी है.

बच्चों को नहीं मिल रहा है मौलिक अधिकार

उन्होंने कहा कि स्कूलों में पर्याप्त सुविधा होनी चाहिए. सामग्री, शिक्षा, पढ़ाई, पोषण की व्यवस्था बच्चों का अधिकार है. यह मौलिक अधिकार न देकर बच्चों के साथ बेईमानी की जा रही है. यहां के बच्चे सक्षम हैं, पर अधिकार नहीं मिलने के कारण वे बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं.

Also Read: सुसाइड के मामले में झारखंड का देशभर में छठा स्थान, ज्यादातर युवा कर रहे आत्महत्या, जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें