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झारखंड की क्षेत्रीय भाषा की सूची से भोजपुरी-मगही को हटाने के लिए मानव शृंखला, हेमंत सरकार से की ये मांग

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Jharkhand News: सरना समिति के सचिव बिरसा मुंडा ने कहा कि झारखंड में क्षेत्रीय भाषा में भोजपुरी, मगही व अंगिका भाषा को शामिल करना सरकार का गलत निर्णय है. जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा में शामिल करने के विरोध में सरना एवं पहड़ा समिति समेत कई आदिवासी संगठनों ने मानव शृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया.

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Jharkhand News: झारखंड के लातेहार जिले में भोजपुरी, मगही व अंगिका को जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा में शामिल करने के विरोध में सरना एवं पहड़ा समिति समेत कई आदिवासी संगठनों ने आज सोमवार को शहर के मुख्य पथ पर मानव शृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मानव शृंखला में शामिल लोग सड़क किनारे खड़े थे और हाथों में तख्तियां लिए हुए थे. सरना समिति के सचिव बिरसा मुंडा ने कहा कि झारखंड में क्षेत्रीय भाषा में भोजपुरी, मगही व अंगिका भाषा को शामिल करना सरकार का गलत निर्णय है.

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सरकार का निर्णय गलत

सरना समिति के सचिव बिरसा मुंडा ने कहा कि झारखंड में क्षेत्रीय भाषा में भोजपुरी, मगही व अंगिका भाषा को शामिल करना सरकार का गलत निर्णय है. उन्होंने कहा कि पांचवें अनुसूचित क्षेत्र में तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की श्रेणी में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल करना होगा. अनुसूचित क्षेत्र में 1932 का खतियान लागू करने एवं अनुसूचित क्षेत्र में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 (एन) के तहत कराये जाने वाले पंचायत चुनाव का हम सब विरोध करते हैं. राज्य में पारंपरिक व्यवस्था को बहाल करने की जरूरत है.

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मानव शृंखला के जरिए की ये मांग

मानव शृंखला में शामिल लोग जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा लागू करने, मगही, अंगिका व भोजपुरी भाषा को क्षेत्रीय भाषा की सूची से हटाने की मांग कर रहे थे. इसके लिए वे अपने हाथों में तख्ती लिए हुए थे. मौके पर पासवान समाज के जिला अध्यक्ष कन्हाई पासवान, वार्ड पार्षद इंद्रदेव उरांव, परमेश्वर भगत, हरदयाल भगत, आर्यन उरांव, महेंद्र उरांव, नंदकिशोर सिंह, बालकिशोर सिंह, मोहन लोहरा, किरानी उरांव, मोती उरांव, रंथु उरांव, चमरू उरांव, धनलाल उरांव, जीतराम उरांव, बृजलाल सिंह व प्रभात उरांव समेत कई महिला व पुरूष शामिल थे.

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रिपोर्ट: चंद्रप्रकाश सिंह

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