25.2 C
Ranchi
Thursday, March 6, 2025 | 06:17 pm
25.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बरहरवा टेंडर मामले में हाईकोर्ट की टिप्पणी- पुलिस ने नहीं की ठीक से जांच, केस CBI को सौंपने योग्य

Advertisement

झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि जांच स्वतंत्र एजेंसी जैसे सीबीआइ को साैंपने योग्य प्रतीत होती है. प्रार्थी का पक्ष व इडी के शपथ पत्र को देखने से यह लगता है कि यह मामला गंभीर प्रकृति का है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने बरहरवा टोल प्लाजा टेंडर मामले में 24 घंटे के अंदर आरोपी मंत्री आलमगीर आलम व सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को क्लीन चिट देने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दाैरान प्रार्थी व इडी का जवाब सुना. अदालत ने माैखिक रूप से कहा कि प्रथमदृष्टया यह प्रतीत होता है कि बरहरवा टोल प्लाजा टेंडर मामले की जांच सही दिशा में नहीं की गयी है.

इसकी जांच स्वतंत्र एजेंसी जैसे सीबीआइ को साैंपने योग्य प्रतीत होती है. प्रार्थी का पक्ष व इडी के शपथ पत्र को देखने से यह लगता है कि यह मामला गंभीर प्रकृति का है. यह मामला पुन: जांच के लिए सीबीआइ को देने योग्य है क्योंकि पुलिस ने इस मामले में आलमगीर आलम व पंकज मिश्रा के खिलाफ कोई जांच नहीं की.

अदालत ने कहा कि इडी ने स्वत: इस मामले को अपने हाथ में लेकर जांच शुरू की थी. इसलिए इडी को प्रतिवादी बनाते हुए शपथ पत्र दायर करने को कहा गया था, ताकि प्रार्थी के कथन की सच्चाई का पता लगाया जा सके. इडी की ओर से शपथ पत्र में बरहरवा टोल प्लाजा टेंडर मामले के अनुसंधान पदाधिकारी मो सरफुद्दीन के बयान का उल्लेख किया गया है, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया है कि पंकज मिश्रा व आलमगीर आलम के विरुद्ध किसी भी प्रकार की जांच करने से डीएसपी प्रमोद मिश्रा ने रोक दिया था.

साथ ही यह भी कहा था कि इन दोनों के खिलाफ कोई भी साक्ष्य डायरी में नहीं दर्शाया जाये. इनको छोड़ कर अन्य आरोपियों के मामले में जांच की जाये. इडी ने डीएसपी प्रमोद मिश्रा को भी अपना पक्ष रखने के लिए समन किया था, लेकिन वे इडी कार्यालय पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे. इडी की जांच में डीएसपी प्रमोद मिश्र व पंकज मिश्रा के बीच हुए लगभग 275 कॉल का खुलासा किया गया है. ये कॉल एक जनवरी 2021 से सात जून 2022 की अवधि के बीच हुए हैं.

हिरासत के दौरान भी पंकज मिश्र ने फोन से अधिकारियों तथा अन्य खास लोगों को कॉल किया है. आला अधिकारियों से भी पंकज मिश्रा ने संपर्क किया है, जैसे दुमका के कमिश्नर व अन्य से. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार, प्रतिवादी मंत्री आलमगीर आलम व पंकज मिश्रा की ओर से इडी के शपथ पत्र पर जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा गया

राज्य सरकार व अन्य प्रतिवादियों को जवाब दायर करने के लिए दो सप्ताह का समय प्रदान किया गया है. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 16 जनवरी की तिथि निर्धारित की. राज्य सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि मामले में पारित पिछले आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनाैती दी गयी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस वाद की सुनवाई पर रोक का कोई आदेश पारित नहीं किया गया है.

उल्लेखनीय है कि प्रार्थी शंभुनंदन कुमार ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर की है. उन्होंने 22 जून 2020 को टोल प्लाजा के टेंडर मामले में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सहित अन्य के खिलाफ बरहरवा थाना में प्राथमिकी (85/2020) दर्ज करायी थी.

प्रार्थी ने मामले में पुलिस द्वारा 24 घंटे में मंत्री आलमगीर आलम व विधायक प्रतिनिधि पंकज कुमार मिश्रा को क्लीन चिट देने की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है. इडी द्वारा प्राथमिकी कांड संख्या-85/2020 के आधार पर 1000 करोड़ से अधिक के अवैध खनन घोटाले से जुड़े मनी लॉउंड्रिग का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. इसमें पंकज कुमार मिश्र, सत्ता के करीबी प्रेम प्रकाश, बच्चू यादव, दाहू यादव आदि को आरोपी बनाया गया है.

राज्य सरकार का पक्ष

इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि विनोद साहू केंद्र सरकार के सीनियर पैनल लॉयर हैं. वह प्रार्थी शंभुनंदन कुमार के अधिवक्ता हैं. इस मामले में केंद्र सरकार भी पार्टी है. इसलिए नियमत: यह गलत है. सचिन कुमार ने यह भी बताया कि प्रार्थी शंभुनंदन कुमार को नाै दिसंबर 2020 को बरहरवा टोल प्लाजा का टेंडर आवंटित हुआ है. उसके पहले भी वर्षों से टोल प्लाजा का कंट्रोल शंभुनंदन कुमार के पास ही था.

यदि कोई अवैध गतिविधि हो रही थी, जैसा कि इडी कह रहा है, तो इडी ने शंभुनंदन कुमार से अब तक कोई पूछताछ क्यों नहीं की है? गलत मंशा से इडी मामले को उठा रहा है. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर इडी के अधिकार को चुनाैती दी है. एसएलपी लंबित है. इडी के शपथ पत्र पर जवाब दायर करने के लिए दो सप्ताह का समय देने का आग्रह किया गया. मंत्री आलमगीर आलम की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व पंकज मिश्र की ओर से दिल्ली के अधिवक्ता मुरारी तिवारी ने पैरवी की, जबकि इडी की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने पैरवी की. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार मिश्र ने पक्ष रखा.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर