16.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Jharkhand: झारखंड में फुटबॉल के भविष्य पर मंडराया खतरा, खिलाड़ियों को अब भी एडवांस ट्रेनिंग सेंटर का इंतजार

Advertisement

Jharkhand Sports: झारखंड बनने के बाद राज्य में अभी तक फुटबॉल का कोई सेंटर फॉर एक्सीलेंस नहीं खुल पाया है. इस कारण अब तक 150 से अधिक बालिका फुटबॉलरों ने यह खेल छोड़ दिया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand Sports News: झारखंड में बालिका फुटबॉलरों में कितना दम है, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फीफा अंडर-17 विश्व कप में भारतीय टीम में झारखंड की छह और सैफ फुटबॉल चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में झारखंड की सात बालिकाओं का चयन हुआ. सभी बालिकाएं झारखंड के आवासीय फुटबॉल सेंटर की प्रशिक्षु हैं, लेकिन 19 वर्ष के बाद इनका आशियाना छिन जायेगा और इनको किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण नहीं मिल पायेगा, क्योंकि झारखंड बनने के बाद राज्य में अभी तक फुटबॉल का कोई सेंटर फॉर एक्सीलेंस नहीं खुल पाया है. इस कारण अब तक 150 से अधिक बालिका फुटबॉलरों ने यह खेल छोड़ दिया.

- Advertisement -

दुमका, हजारीबाग, चाईबासा व गुमला में आवासीय सेंटर

झारखंड में बालिकाओं को फुटबॉल का प्रशिक्षण देने के लिए कुल चार आवासीय सेंटर का संचालन होता है. इनमें दुमका, हजारीबाग, चाईबासा और गुमला शामिल हैं. हजारीबाग सेंटर की शुरुआत 2006 में हुई. बाकी के सेंटर 2015 में शुरू हुए. सभी सेंटर में 25 बालिका खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाता है. चार सेंटर मिला कर कुल 100 बालिका फुटबॉलर प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं.

19 वर्ष के बाद नहीं है कोई ऑप्शन

बालिका फुटबॉलरों को आवासीय सेंटर में 19 वर्ष तक रख कर प्रशिक्षण देने का प्रावधान है. इसके बाद इन खिलाड़ियों को बाहर जाना पड़ता है. अभी तक इन सेंटरों की 150 से अधिक खिलाड़ियों ने खेल छोड़ दिया. इसमें अंतररराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा दिखा चुकी सालो कुमारी और नूपुर टोप्पो भी शामिल हैं. भारतीय टीम में शामिल सुमति कुमारी के सामने भी यही समस्या है. फुटबॉल कोच निधि का कहना है कि जब तक झारखंड में सीनियर खिलाड़ियों के लिए एक्सीलेंस नहीं खुलेगा, तब तक झारखंड की प्रतिभा बेकार होती रहेगी.

Also Read: World Cup 2023 Schedule: वनडे वर्ल्ड कप की तारीखों का खुलासा, 5 अक्टूबर से होगी टूर्नामेंट की शुरुआत!

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें