19.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 02:07 am
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Jaya Ekadashi 2023: जया एकादशी आज, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और पारण का समय जान लें

Advertisement

Jaya Ekadashi 2023: जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और वंदना की जाती है. माघ शुक्ल एकादशी का नाम ‘जया एकादशी’ है. इस एकादशी की महत्ता के बारे में भगवान श्रीकृष्ण के वचनों का उल्लेख पद्म पुराण में किया गया है. इस बार जया एकादशी 2023, 1 फरवरी बुधवार को है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jaya Ekadashi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, ग्यारहवीं तिथि को एकादशी का व्रत होता है. यह तिथि मास में दो बार आती है. प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशी का व्रत होता है. माघ शुक्ल एकादशी का नाम ‘जया एकादशी’ है. इस एकादशी की महत्ता के बारे में भगवान श्रीकृष्ण के वचनों का उल्लेख पद्म पुराण में किया गया है, जिसमें बताया गया है कि जो भी व्यक्ति इस एकादशी के व्रत को करता है, उसे कष्टदायी पिशाच योनी से मुक्ति मिलेगी और उसे दोबारा इस योनी में जाना नहीं पड़ेगा. जया एकदाशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. पूजन में भगवान विष्णु को पुष्प, जल, अक्षत, रोली तथा विशिष्ट सुगंधित पदार्थों अर्पित करना चाहिए. जया एकादशी का यह व्रत बहुत ही पुण्यदायी होता है. मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक व्रत करने वाले व्यक्ति को भूत-प्रेत, पिशाच जैसी योनियों में जाने का भय नहीं रहता है.

जया एकादशी 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त, शुभ योग

माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 31 जनवरी दिन मंगलवार को सुबह 11 बजकर 55 मिनट से हो रही है. 

एकादशी तिथि अगले दिन 01 फरवरी, बुधवार को दोपहर 02 बजकर 01 मिनट तक है.

उदयातिथि को देखते हुए जया एकादशी व्रत 01 फरवरी बुधवार को रखा जा रहा है.

जया एकादशी 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त 
जया एकादशी का व्रत- 01 फरवरी 2023
जया एकादशी तिथि का आरंभ-31 जनवरी 2023 को रात 11 बजकर 53 मिनट पर
जया एकादशी का समापन- 01 फरवरी 2023 को दोपहर 02 बजकर 01 मिनट तक

सर्वार्थ सिद्धि योग-1 फरवरी सुबह 07 बजकर 10 मिनट से 2 फरवरी की आधी रात 03 बजकर 23 मिनट तक
 जया एकादशी को इंद्र योग- 1 फरवरी को प्रात:काल से लेकर सुबह 11 बजकर 30 मिनट तक 

जया एकादशी व्रत पूजा विधि

जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और वंदना की जाती है. इस व्रत की पूजा विधि इस प्रकार है:

  • इस साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी जया एकादशी तिथि बुधवार, 1 फरवरी को मनायी जायेगी.

  • इस व्रत को विधि-विधान, दीप-नैवैद्य से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए.

  • इस दिन बाल, दाढ़ी व नाखून न काटें, भोग-विलास से भी दूर रहें.

  • किसी की बुराई न करें और गलती से भी गरीब एवं उम्र में बड़े लोगों का अपमान न करें और न ही झूठ बोलें. गुस्सा और विवाद करने से बचें.

  • रात को न सोएं, पूरी रात जागकर भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करना चाहिए.

  • इसके प्रभाव से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं व भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है. मृत्यु के पश्चात भूत, पिशाच आदि योनियों से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन जो व्यक्ति दान करता है, वह कई गुना पुण्य अर्जित करता है.

जया एकदाशी व्रत की कथा

पद्म पुराण के अनुसार, एक बार देवराज इंद्र ने सभा की नर्तकी गंधर्व कन्या पुष्यवती और गायक माल्यवान को लज्जाहीन व्यवहार के लिए शाप दे दिया. शाप के कारण इन दोनों को पिशाच योनी में जाना पड़ा और हिमालय पर्वत के एक वृक्ष पर रहने का स्थान मिला. कष्टमय पिशाच योनी में दुख भोग रहे पुष्यवती और माल्यवान को माघ शुक्ल एकादशी के दिन कुछ भी खाने को नहीं मिला. दोनों रात भर जागते रहे और अपने कृत्य पर पश्चाताप करते हुए प्रभु श्रीहरि का स्मरण करते रहे. इस तरह अनजाने में दोनों से जया एकादशी का व्रत हो गया. व्रत के प्रभाव से दोनों पिशाच योनी से मुक्त होकर दोनों ने अपने गंधर्व शरीर का वापस पा लिया. इनका रूप से पहले से ज्यादा मोहक हो गया. जब देवराज ने दोनों को स्वर्ग में देखा, तो हैरान होकर पूछा कि उन्हें मुक्ति कैसे मिली? इस पर दोनों ने बताया कि किस तरह अनजाने में उनसे जया एकादशी का व्रत हो गया और भगवान विष्णु की कृपा से मुक्ति मिल गयी. तब देवराज ने प्रसन्न होकर दोनों को आशीर्वाद दिया.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें