16.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 12:16 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

हुमायूं कबीर ने उठायी मांग, लक्ष्मी भंडार योजना के तहत मुस्लिम महिलाओं को भी मिले हजार रुपये

Advertisement

पश्चिम बंगाल में अल्पसंख्यक महिलाओं की स्थिति आर्थिक रूप से अच्छी नहीं है. जब हम पंचायत चुनाव प्रचार में गये थे, तो इस समुदाय की कुछ महिलाओं का कहना था कि वोट तो वे भी देती हैं, लेकिन उन्हें 500 रुपये ही क्यों मिल रहे हैं?

Audio Book

ऑडियो सुनें

कोलकाता, शिव कुमार राउत :. राज्य विधानसभा के प्रश्नोत्तर काल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायक डॉ हुमायूं कबीर ने लक्ष्मी भंडार योजना को लेकर अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाया. उनके सवाल से सदन में मौजूद तृणमूल के मंत्री, विधायक सहित विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी भी भौचक्के रह गये. पश्चिम मेदिनीपुर जिले के डेबरा से विधायक हुमायूं कबीर यह जानना चाह रहे थे कि, क्या अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं की तरह अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को भी लक्ष्मी भंडार निधि के तहत 1,000 रुपये दिये जा सकते हैं. जवाब में संबंधित विभाग के मंत्री शशि पांजा ने कहा : धार्मिक तौर लक्ष्मी भंडार योजना को नहीं चलाया जाता है. यह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षी योजना है. उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में लक्ष्मी भंडार के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ 98 लाख 37 हजार 33 है.

- Advertisement -

अल्पसंख्यक महिलाओं की स्थिति आर्थिक रूप से अच्छी नहीं

इसके बाद तृणमूल विधायक श्री कबीर ने प्रतीची ट्रस्ट की एक रिपोर्ट पर प्रकाश डाला और कहा कि अल्पसंख्यक महिलाओं की स्थिति आर्थिक रूप से अच्छी नहीं है. जब हम पंचायत चुनाव प्रचार में गये थे, तो इस समुदाय की कुछ महिलाओं का कहना था कि वोट तो वे भी देती हैं, लेकिन उन्हें 500 रुपये ही क्यों मिल रहे हैं? जबकि अनुसूचित जाति की महिलाओं को एक हजार रुपये मिल रहे हैं. इस पर मंत्री शशि पांजा ने : आप किसी अन्य पार्टी से राजनीतिक स्पष्टीकरण सुना होगा. यह राजनीति से परे है और कुछ मानदंडों के अनुसार सभी को दिया जाता है. मंत्री पांजा ने कहा कि, 25 से 60 वर्ष की उम्र के महिलाएं इस योजना का लाभ उठा रही हैं.

Also Read: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस का नया डिविजन बनाने का दिया निर्देश, कोलकाता पुलिस के दायरे में आयेगा भागंड़
जब आप लक्ष्मी भंडार के बारे में सवाल पूछ रहे हैं, तो बांग्ला में पूछें

केंद्र या राज्य के सरकारी या अवकाश प्राप्त कर्मचारी महिलाएं इस योजना का लाभ नहीं उठा सकतीं. उधर, प्रश्नोत्तर काल में विधायक ने फिर कहा : मैं समझता हूं कि यह धार्मिक तौर पर नहीं किया गया है. कम से कम ओबीसी अल्पसंख्यक महिलाओं को एक हजार रुपये दिये जाने चाहिए. हुमायूं कबीर ने पूरा प्रश्नोत्तर सत्र अंग्रेजी में किया. इस पर विधायक को संबोधित करते हुए स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा : आप अमर्त्य सेन की रिपोर्ट के बारे में बात कर रहे हैं. यह महत्वपूर्ण है. आप उक्त रिपोर्ट पेश करेंगे. तब स्पीकर ने कहा : जब आप लक्ष्मी भंडार के बारे में सवाल पूछ रहे हैं, तो बांग्ला में पूछें. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, पार्टी के विधायक ने लक्ष्मी भंडार के बारे में ऐसे सवाल पूछकर राज्य सरकार को शर्मसार कर दिया है.

Also Read: बंगाल में विधान परिषद बनाने का प्रस्ताव पारित, पक्ष में 196 तो विपक्ष में पड़े 69 वोट, केंद्र के पाले में गेंद
वर्ष 2021 में लक्ष्मीभंडार योजना को किया गया था शुरु

गौरतलब है कि, वर्ष 2021 के बजट घोषणा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए लक्ष्मी भंडार योजना की घोषणा की थी. 40 हजार से ज्यादा अनुसूचित लोगों को एक हजार रुपये पेंशन दी जाती है. ममता ने घोषणा की थी कि अनुसूचित परिवारों की महिलाओं को लक्ष्मी भंडार योजना में प्रति माह 1,000 रुपये मिलेंगे.

Also Read: शिक्षक भर्ती घोटाला : कब और कैसे शुरु हुआ मामला, अब तक हुई है कितनी गिरफ्तारियां
अल्पसंख्यक समुदाय की केवल एक प्रतिशत महिलाएं ही करती हैं काम

हुमायूं कबीर ने विधानसभा में सवाल का जवाब देते हुए कहा, इस राज्य की विभिन्न सर्वेक्षण रिपोर्ट कहती हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय की केवल एक प्रतिशत महिलाएं ही काम करती हैं, 30-35 प्रतिशत महिलाएं खेती करती हैं, और बाकी महिलाएं बेरोजगार हैं, इसलिए वह इस बात से सहमत हैं. उनका सवाल है कि अगर अनुसूचित महिलाओं को इसी कारण से 1,000 रुपये मिलते हैं, तो अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को क्यों नहीं?

Also Read: पंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लेकर ममता पर बरसे रविशंकर,कहा- बंगाल में लोकतंत्र शर्मसार, मामले की हो CBI जांच
अल्पसंख्यकों के वोट ममता सरकार के लिए उम्मीद का बड़ा स्रोत हैं

हालांकि, जवाब में, शशि पांजा ने सरकार की स्थिति स्पष्ट रूप से बतायी. लेकिन साफ है कि सत्ताधारी विधायक के इस सवाल से पार्टी असहज स्थिति में है. सवाल-जवाब का दौर खत्म होते ही हुमायूं कबीर को सत्ता पक्ष के अन्य विधायकों निर्मल घोष, तापस राय और अरूप विश्वास ने विधायक से बातचीत की. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अल्पसंख्यकों के वोट ममता सरकार के लिए उम्मीद का बड़ा स्रोत हैं. वहीं, ऐसे सवालों ने सरकार की बेचैनी बढ़ा दी है. यह भी देखने वाली बात होगी कि पार्टी अल्पसंख्यक विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई करती है या नहीं.

Also Read: ममता बनर्जी ने किया कटाक्ष , लगता है पीएम काे I-N-D-I-A नाम बेहद पसंद है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें