20.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 08:44 pm
20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड के इस गांव में खेली जाती है ढेला मार होली, लोगों की उमड़ती है भीड़, जानें इसके पीछे की मान्यता

Advertisement

होलिका दहन के दिन पूजा के बाद गांव के पुजारी मैदान में खंभा गाड़ देते हैं और अगले दिन इसे उखाड़ने और पत्थर मारने के उपक्रम में भाग लेने के लिए गांव के तमाम लोग इकट्ठा होते हैं

Audio Book

ऑडियो सुनें

लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड अंतर्गत बरही चटकपुर गांव में ढेला मार होली खेली जाती है. जो पूरे राज्य में प्रसिद्ध है. ग्रामीणों की मानें तो साल संवत कटने के दूसरे दिन लोग धर्म के प्रति आस्था के साथ खूंटा उखाड़ने जाते हैं, और उसी वक्त लोग खूंटा उखाड़ने वालों को ढेला से मारते हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है.

ऐसा कहा जाता है होलिका दहन के दिन पूजा के बाद गांव के पुजारी मैदान में खंभा गाड़ देते हैं और अगले दिन इसे उखाड़ने और पत्थर मारने के उपक्रम में भाग लेने के लिए गांव के तमाम लोग इकट्ठा होते हैं, और मैदान के चारों ओर लोग जमा होकर खूंटा उखाड़ने वालों पत्थर से मारते हैं. इसे देखने के लिए न सिर्फ जिले के लोग पहुंचते हैं बल्कि आस-पास के कई जगहों से भी इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है.

हैरत की बात ये कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी इसमें शिरकत करते हैं और खूंटा उखाड़ने के लिए दौड़ते हैं. मान्यता है कि पत्थर लगने से किसी को चोट नहीं लगती है. और जो पत्थर लगने के बावजूद बिना डरे खूंटा को उखाड़कर देवी मंडप के पीछे फेंक देता है उसे सुख शांती समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस परंपरा को करने और इसमें शामिल होने के लिए कई दिन पहले से ही लोगों की उत्सुकता देखने को मिलती है. स्थानीय लोगों की मानें उनके पूर्वज भी इस ढेला मार होली में शिरकत करते थे.

दूसरे गांव के लोग नहीं हो सकते हैं शामिल

गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि दूसरे गांव से आये लोग इस ढेला मार को देख सकते हैं, इसमें शामिल नहीं हो सकते हैं. मान्यता है कि चोरी-छिप्पे अगर दूसरे गांव लोग शामिल हो भी जाते हैं तो उनके साथ अप्रिय घटना घटती है. इस खेल में शिरकत करने से पहले लोग नये दमादों का पगड़ी पहनाकर और अंग वस्त्र देकर ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया जाता है. इसके अलावा पाहन, पुजार, महतो व मुसलिम समाज के दामादों को भी सम्मानित किया जाता है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें