सागरद्वीप से नम्रता पांडेय: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से एक साल तक जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया था. जिंदगी पटरी पर लौटी, तो कोरोना की दूसरी लहर आ गयी. दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर. पर्व-त्योहार मनाना मुश्किल हो गया. विश्व प्रसिद्ध गंगासागर मेला पर ग्रहण लग गया. लेकिन, ईश्वर की कृपा से गंगासागर मेला में कोई व्यवधान नहीं आया.
हालांकि, भीड़ कम करने के लिए कई सख्त नियमों का पालन किया गया, ताकि कोरोना न फैले, लेकिन भक्तों को पूरी तरह से निराश नहीं होना पड़ा. कोरोना काल में पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना स्थित सागर द्वीप में हर साल मकर संक्रांति के दौरान लगने वाला गंगासागर मेला भी हाईटेक हो गया. मकर संक्रांति के दिन ड्रोन की मदद से श्रद्धालुओं को ई-स्नान करवाया गया.
लाखों लोगों को इस तकनीक की वजह से परेशानी कम उठानी पड़ी और सागर में पुण्य स्नान का लाभ भी मिल गया. प्रशासन की मदद से इस बार लाखों लोगों ने ड्रोन की मदद से ई-स्नान किया. शुक्रवार (14 जनवरी 2022) को सागर द्वीप में देखा गया कि सागर तट पर पहुंचे बुजुर्ग व बीमार लोगों को कतार में खड़ा कराया गया. उन्होंने प्रार्थना की. मंत्रों का जप किया. इसके साथ ही ड्रोन से उनके ऊपर सागर के पवित्र जल का छिड़काव किया गया.
Also Read: Gangasagar Mela News: गंगासागर में पहली बार हुई गंगा आरती, कोरोना नियमों की उड़ी धज्जियांपारंपरिक पवित्र स्नान को आधुनिक मोड़ दिया. पश्चिम बंगाल सरकार ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह पहल की है. ड्रोन से गंगासागर में पवित्र स्नान गुरुवार को ही शुरू कर गया था. शनिवार को भी ड्रोन की मदद से लोगों को स्नान की प्रक्रिया जारी रहेगी.
![कोरोना काल में हाईटेक हुआ गंगासागर मेला, मकर संक्रांति पर ड्रोन ने श्रद्धालुओं को कराया ई-स्नान 1 Undefined](https://pkwp1.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2022-01/65afe2da-c1b0-4a74-999d-1858731e6139/Gangasagar_mela_e_snan.jpg)
ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल में ओमिक्रॉन और कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं और साधुओं से आग्रह किया था कि वे गंगासागर में ज्यादा भीड़ न लगायें. लेकिन, गंगासागर में स्नान कर मोक्ष की प्राप्ति की इच्छा हर किसी को यहां खींच लाती है. पहले भी लोग जान जोखिम में डालकर गंगासागर आते थे. इस बार भी लाखों श्रद्धालु गंगासागर पहुंच ही गये.
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कलकत्ता हाईकोर्ट और पश्चिम बंगाल सरकार के सख्त गाइडलाइन भी उन्हें गंगासागर आने से नहीं रोक पाये. लोगों की श्रद्धा को देखते हुए ही प्रशासन ने उनकी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उनको सागर में पुण्य स्नान कराने की व्यवस्था की. कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा था कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस बार ई-स्नान का विकल्प दिया जाए.
Also Read: भीड़ को देखते हुए पुण्यकाल स्नान के लिए घाटों पर बढ़ायी सख्ती: डीएमइसलिए, ई-स्नान किट तैयार किया गया है. जो भक्त इसके लिए आवेदन करते हैं, डाक के जरिये उन्हें यह किट भेज दिया जाता है. इस सुविधा का भी लाखों भक्तों ने लाभ उठाया है. सागर के बीडीओ सुदीप्त मंडल ने बताया कि इस आयोजन के लिए चार ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि एक ड्रोन का उपयोग कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है. दूसरा ड्रोन इवेंट के बैनर प्रदर्शित करता है. तीसरा एक उच्च क्षमता वाला ड्रोन है, जिसमें सेंसर लगा है. इसका उपयोग भक्तों पर जल का छिड़काव करने के लिए किया जा रहा है. चौथे व अंतिम ड्रोन का उपयोग स्वच्छता के लिए किया जा रहा है.
Posted By: Mithilesh Jha