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सीएम योगी का ओएसडी बन करता था जालसाजी, ठगी का तरीका जान पुलिस भी चकराई, दो गिरफ्तार

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गोरखपुर में पुलिस अफसरों को धमकाने वाला एक शातिर ठग गिरफ्तार हुआ है. वह कभी खुद को सीएम का OSD, तो कभी मंत्रियों और DGP का PA बताकर लोगों को फंसाता था. फिर मदद के बहाने उनसे पैसे वसूलता था. इसके बाद पुलिस अफसरों को फोन पर धमकाता और उसने काम करवा लेता था.

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Gorakhpur: गोरखपुर पुलिस को गुरुवार को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. सीएम का ओएसडी तो कभी खुद मंत्री व डीजीपी बनकर अधिकारियों को धमका कर अपना काम कराने वाले चंदन उर्फ चांदनी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. यह ठग पुलिस अफसर को फोन पर धमकाता और उनसे काम करवा लेता था.

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इसकी पहचान बलिया जिले की छितौनी निवासी चंदन के रूप में हुई है. वही, उसके साथी की पहचान देवरिया जिले के अशोक यादव के रूप में हुई है. पुलिस ने दोनों के पास से एक लाल डायरी, चार सादा सपा का परिचय पत्र, दो आधार कार्ड, श्रम विभाग के सचिवालय का पास और मोबाइल फोन बरामद किया है.

पिछले 15 वर्ष से वह अपने साथी के साथ मिलकर ठगी करता था. इससे पहले वह चांदनी किन्नर बनकर लोगों से बधाई मांगता था. इस मामले का खुलासा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बताया कि कुछ दिन पहले आरोपी ने झगहा थाना प्रभारी को फोन कर उनसे खुद को भाजपा कार्यकर्ता वह किन्नर समाज का अध्यक्ष चांदनी बताते हुए जमीन संबंधी मामले में सुरेंद्र यादव की पश्चिम न सिर्फ पैरबी की बल्कि थानेदार को अब शब्द भी कहा.

कुछ देर के बाद उसने डीजीपी का पीए बनकर फोन किया और भाजपा कार्यकर्ता से ही गाली गलौज करने की शिकायत मिलने की बात कह कर धमकाया. तीसरी बार उसने दूसरे नंबर से फोन कर परिवहन मंत्री का पीए बनकर ट्रांसफर करवाने की धमकी दी. उन्होंने बताया कि हर बार उसने अलग-अलग नंबर से फोन किया और आवाज बदल कर बात की.

इस मामले में थानेदार ने अफसर से बात की. फिर झगहा पुलिस इस मामले में केस दर्ज कर जांच में जुट गई. पुलिस ने करीब 10 से ज्यादा नंबर सर्विस लांस पर लगाया. बाद में पुलिस ने फोन करने वाले चांदनी उर्फ चंदन और उसके साथी अशोक को गिरफ्तार कर लिया.

एसएसपी ने बताया कि पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही थी कि सुरेंद्र यादव ने चंदन के विरुद्ध तहरीर दे दी सुरेंद्र ने बताया कि उसने जमीन का मामला हल करने के लिए 500000 रुपये मांगे थे. 75000 देने पर 112 नंबर की पुलिस भेज कर काम रुकवाया था. और पैसा ना मिलने पर वह गुलाब का काम करवाने लगा.

इसके बाद से पुलिस ने सभी नंबरों को सर्विस लांस पर लगाया तो चंदन पकड़ में आ गया. पुलिस द्वारा पूछताछ में चंदन ने बताया कि वह अशोक के साथ तहसीलों के आसपास घूमता था. इस दौरान जो पीड़ित प्रार्थना पत्र लेकर मिलता था अशोक उससे बात करता था फिर काम करने के बदले पैसे की बात होती थी.

एसएसपी के मुताबिक व समय-समय पर पार्टियों में सदस्य बनता था. श्रम विभाग के सचिवालय का पास भी उसने बनवा रखा था. वही 20 जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारियों, थानों और जिला कंट्रोल रूम के नंबर इनके पास से मिले हैं. यह जौनपुर, आजमगढ़, देवरिया, गोरखपुर, बलिया, कुशीनगर सहित अन्य जनपदों के लोगों को ठगता था और अफसर को धमकाता था. चंदन के चार नाम है चंदन धोबी, चंदन शर्मा उर्फ चांदनी और पुष्पा.

एसपी के मुताबिक जालसाज न्यूज़ पेपर को काफी ध्यान से पढ़ता था. उसमें से कुछ घटनाओं को खोज कर पीड़ितों या आरोपियों से संपर्क करता था. फिर उनसे मदद की नाम पर पैसा लेता था. सीओ चौरी चौरा मानुष पारीक के अनुसार एक महिला और उसके बेटे द्वारा एक कांस्टेबल और दरोगा पर त्रिशूल से हमला कर घायल कर दिया गया था.

अखबार से जानकारी होने के बाद चंदन ने महिला से संपर्क कर उसे बचाने का वादा कर पैसा लिया. उसने घायल 112 का एसपी बनाकर थाना प्रभारी पिपराइच और एसपी नॉर्थ के पास फोन कर मामले को रफा दफा करने को कहा. फिर दर्जा प्राप्त मंत्री बन एसपी को भी फोन किया था. वहीं उसने जौनपुर के एक हेड कांस्टेबल को डीजीपी का पीए बन कर थानेदार बनवाने के लिए पैसे मांगे. एएसपी के अनुसार उसके फोन नंबर ट्रूकॉलर पर सचिवालय, डीजीपी, मंत्री, पुलिस मुख्यालय, एसपी डायल 112, लिखकर आता है. वह अधिकारियों के साथ फोटो खिंचवाकर उसे प्रसारित करता था.

रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर

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