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धनबाद अग्निकांड : भ्रष्ट तंत्र के कारण गयी 14 की जान, आशीर्वाद टावर में नहीं किया गया नियमों का पालन

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धनबाद के आशीर्वाद टावर अग्निकांड में मंगलवार को 14 लोगों की जान चली गयीं. इन मौतों के लिए सीधे तौर पर धनबाद नगर निगम और अग्निशमन विभाग का भ्रष्ट तंत्र जिम्मेवार बताया जा रहा है. आशीर्वाद टावर में नियमों का पालन नहीं किया गया. जबकि इनका अनुपालन कराने की जिम्मेवारी धनबाद नगर निगम की है.

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Dhanbad Fire Incident: धनबाद के आशीर्वाद टावर अग्निकांड में मंगलवार को 14 जाने चली गयीं. इन मौतों के लिए सीधे तौर पर धनबाद नगर निगम और अग्निशमन विभाग का भ्रष्ट तंत्र जिम्मेवार है क्योंकि धनबाद नगर निगम द्वारा पास किये गये नक्शा पर ही इस अपार्टमेंट का निर्माण किया गया था. वहीं अपार्टमेंट में आग से बचाव के साधनों को अप्रूव करने की जिम्मेवारी अग्निशमन विभाग की है. अपार्टमेंट के निर्माण रेरा और नेशनल बिल्डिंग कोड की आग से बचाव के नियमों का पालन नहीं किया गया है, जबकि इनका अनुपालन कराने की जिम्मेवारी धनबाद नगर निगम की है.

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क्या कहता है नियम

ग्राउंड लेवल से 15 मीटर ऊपर या तीन मंजिल से अधिक की इमारत को गगनचुंबी स्ट्रक्चर माना जाता है. ऐसे किसी भी स्ट्रक्चर का कन्ट्रक्शन शुरू करने से पहले अग्निशमन विभाग के अधिकृत अधिकारी से अप्रूवल का सर्टिफिकेट लेना होगा. आग से सुरक्षा की व्यवस्थाओं और बचने से साधनों को ड्राइंग पर उपयुक्त साइनों और सिंबल के साथ बताया जाना चाहिए. इसे लाइसेंस प्राप्त फायर करलटेट या ऑर्किटेक्ट द्वारा विधिप्रमाणित किया जाना चाहिए. आशीर्वाद टावर में इनमें से कई नियम का अनुपालन नहीं दिखा.

सीढ़ी बनाने के नियम

नियमानुसार बिल्डिंग के हर फ्लोर में आग लगने के दौरान तेजी से निकासी के लिए दो सीढ़ियां होनी चाहिए. यह उन बिल्डिंगों के लिए महत्वपूर्ण है, जो रेसीडेंशियल है और रहने की जगह पर फ्लोर एरिया के 150 वर्ग मीटर से ज्यादा है. इसके अलावा सीढ़ियों की चौड़ाई कम से कम दो मीटर होनी चाहिए. क्योकि सकरी सीढ़ी निकासी के दौरान भगदड़ का जोखिम बढ़ा देता है. लेकिन आशीर्वाद टावर में सीढ़ियां काफी पतली है. ऐसे में सीढ़ियों पर कई लोगों की जान गई है.

लिफ्ट का नियम

ऊंची इमारतों में लिफ्टों के अलावा इमरजेंसी के लिए फायरमैन के लिए विशेष रूप से अलग लिफ्ट होनी चाहिए. फायर लिफ्टों की स्पीड नियमित लिफ्टों से ज्यादा होनी चाहिए, स्पीड इतनी होनी चाहिए कि फायरमैन एक मिनट के भीतर ग्राउंड फ्लोर से ऊपर की मंजिल तक जा सके. लेकिन आशीर्वाद टावर में ऐसी व्यवस्था नहीं मिली थी.

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ऊंची इमारतों में होना चाहिए फायर ड्रिल

एनबीसी के नियमों के अनुसार इमरजेंसी निकासी प्रक्रिया के बारे में परिचित कराने के लिए समय-समय पर फायर ड्रिल होना चाहिए, लेकिन ऐसा शायद ही किया जाता है. कुल मिलाकर, यह समय है कि धनबाद नगर निगम व अग्निशमन विभाग चेत जाएं, नहीं तो आगे भी धनबाद ऐसे और हादसे देख सकता है.

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