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Film Review: शहरी कपल की समस्याओं को दिखलाती एक औसत फिल्म है ‘कॉमेडी कपल’

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रोमांटिक कॉमेडी जॉनर की यह फ़िल्म आज के शहरी युवा जोड़े जोया(श्वेता) और दीप( साकिब सलीम) की कहानी है. जो लिव इन में रहते हैं. दोनों का पैशन स्टैंड अप कॉमेडी है और दोनों कॉमेडी कपल के तौर पर शोज करते हैं. दोनों के बीच सबकुछ अच्छा चल रहा होता है लेकिन इनकी ज़िन्दगी में तब उथल पुथल मच जाती है. जब दीप के झूठ सामने आने लगते हैं. दीप ने अपनी नौकरी के बारे में अपने माता पिता को गलत बताया है तो जोया के साथ अपने लिव इन रिश्ते को भी छिपाया है.

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फ़िल्म – कॉमेडी कप्पल

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निर्देशक – नचिकेत

कलाकार – श्वेता बासु प्रसाद, साकिब सलीम, राजेश तैलंग,पूजा बेदी, आदर मलिक और अन्य

रेटिंग – ढाई

रोमांटिक कॉमेडी जॉनर की यह फ़िल्म आज के शहरी युवा जोड़े जोया (श्वेता) और दीप ( साकिब सलीम)की कहानी है. जो लिव इन में रहते हैं. दोनों का पैशन स्टैंड अप कॉमेडी है और दोनों कॉमेडी कपल के तौर पर शोज करते हैं. दोनों के बीच सबकुछ अच्छा चल रहा होता है लेकिन इनकी ज़िन्दगी में तब उथल पुथल मच जाती है. जब दीप के झूठ सामने आने लगते हैं. दीप ने अपनी नौकरी के बारे में अपने माता पिता को गलत बताया है तो जोया के साथ अपने लिव इन रिश्ते को भी छिपाया है.

परिस्थितियां ऐसी बनती हैं कि दोनों के रिश्ते में दूरियां आ जाती है. दोनों अलग होने का फैसला कर लेते हैं क्या ये अलग हो जाएंगे. इसी पर आगे की कहानी है. फ़िल्म की शुरुआत अच्छी है. कहानी में नयापन ना होने के बावजूद एंगेज भी करती हैं अपने ट्रीटमेंट की वजह से लेकिन उसके बाद फिर आपको लगता है कि कहानी जबरदस्ती खींची जा रही है. ये सब आपने देखा है कई बार. फ़िल्म का क्लाइमेक्स भी प्रेडिक्टेबल है.

शहरी कपल की रोजमर्रा की ज़िंदगी की समस्याओं को फ़िल्म में दिखाया गया है फिर चाहे सिंगल लोगों को घर ढूंढने की जद्दोजहद हो या फिर रूढ़िवादी परिवार और समाज के तालमेल बिठाना. फ़िल्म में अभिव्यक्ति की आज़ादी पर भी बात हुई है. किस तरह से आज किसी भी शब्द से किसी को भी आपत्ति हो जाती है. उनकी भावनाएं आहत हो जाती हैं। गोमूत्र वाला प्रसंग अच्छा बन पड़ा है.

अभिनय की बात करें तो यह इस फ़िल्म की यूएसपी है. अभिनेत्री श्वेता बासु प्रसाद ने दमदार परफॉर्मेंस दिया है. साकिब का किरदार फ़िल्म में औसत बताया गया है लेकिन उनका अभिनय अच्छा रहा है। दोनों की केमिस्ट्री स्क्रीन पर निखरकर सामने आयी है.

सपोर्टिंग कास्ट का अच्छा सपोर्ट रहा है राजेश तैलंग, पूजा बेदी,आदर मलिक अपनी अपनी मौजूदगी से कहानी में अलग ही रंग भरते हैं. फ़िल्म का गीत संगीत कहानी के अनुरूप है. संवाद की बात करें तो फ़िल्म कॉमेडी जॉनर की है. आपको हंसी से लोट पोट भले ही ना करती हो लेकिन आपके चेहरे पर मुस्कान ले आती है.

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