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प्रसिद्ध साहित्यकार महादेव टोप्पो साहित्य अकादमी की कार्यकारिणी समिति में शामिल, कहा-खुश हूं पर आश्चर्यचकित भी

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महादेव टोप्पो ने कहा कि मैं एक सदस्य के रूप में वृहत झारखंड की बातों को वहां उठाऊंगा और यह कोशिश करूंगा कि वृहत झारखंड और नाॅर्थ ईस्ट में साहित्य के लिए बेहतर माहौल बने.

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साहित्य अकादमी ने झारखंड के प्रसिद्ध साहित्यकार और रंगकर्मी महादेव टोप्पो को अपनी कार्यकारिणी समिति का सदस्य नियुक्त किया है. उन्हें यह जानकारी साहित्य अकादमी के सचिव द्वारा पहले फोन पर दी गयी और बाद में उन्हें पत्र द्वारा सूचित किया गया.

खुशी के साथ आश्चर्यचकित हूं

साहित्य अकादमी की कार्यकारिणी समिति का सदस्य नियुक्त होने पर महादेव टोप्पो ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि यह मेरे लिए जितनी खुशी की बात है उतना ही मैं आश्चर्यचकित भी हूं. मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि मुझे साहित्य अकादमी का सदस्य बनने का मौका मिलेगा. मैं इसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं.

वृहत झारखंड के मुद्दों को प्राथमिकता

महादेव टोप्पो ने कहा कि मैं एक सदस्य के रूप में वृहत झारखंड की बातों को वहां उठाऊंगा और यह कोशिश करूंगा कि वृहत झारखंड और नाॅर्थ ईस्ट में साहित्य के लिए बेहतर माहौल बने. नाॅर्थ ईस्ट की बातें तो फिर भी हुआ करती थी, लेकिन वृहत झारखंड की बातें कम हुई हैं मैं उसे प्राथमिकता में रखूंगा.

साहित्य, भाषा और संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान

महादेव टोप्पो झारखंड में साहित्य, भाषा और संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं. उनकी कविताएं देश के लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं. उनकी कविताओं ने झारखंड आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई है. इनका जन्म 1954 में बेड़ो, रांची जिले में हुआ है. उनकी रचनाओं में जंगल पहाड़ के पाठ (कविता संग्रह), सभ्यों के बीच आदिवासी (लेख संग्रह) का चर्चित रचनाएं हैं . उनकी रचनाओं का अन्य भाषाओं में अनुवाद भी हुआ है.

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