26.1 C
Ranchi
Monday, February 10, 2025 | 07:59 pm
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Falgun Skanda Sashti 2023: कल रखा जाएगा स्कंद षष्ठी का व्रत, ऐसे मिलेगी मांगलिक दोष से मुक्ति

Advertisement

Falgun Skanda Sashti 2023: स्कंद षष्ठी को कांड षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है. स्कंद षष्ठी 25 फरवरी को है, यह व्रत प्रमुख रूप से दक्षिण भारत के लोग रहते हैं. यह व्रत महिलाएं संतान के कल्याण और संतान प्राप्ति के लिए रहती हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Skanda Sashti 2023:   स्कंद षष्ठी हिन्दू धर्म एक महत्वूपर्ण दिन माना जाता है, विशेषकर तमिल हिन्दूओं में. भगवान स्कंद को मुरुगन, कार्तिकेय और सुब्रमण्डय के नाम से जाना जाता है. स्कंद भगवान शिव और माता पार्वती के बड़े पुत्र है और गणेश के बड़े भाई है. स्कंद षष्ठी का दिन भगवान स्कंद व कार्तिकेय को पूर्णतयः समर्पित है. स्कंद षष्ठी को कांड षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है.  स्कंद षष्ठी 25 फरवरी को (Skand Shashthi Upay 2023) है, यह व्रत प्रमुख रूप से दक्षिण भारत के लोग रहते हैं. यह व्रत महिलाएं संतान के कल्याण और संतान प्राप्ति के लिए रहती हैं.

- Advertisement -

स्कंद षष्ठी व्रत का शुभ मुहूर्त क्या है?

फाल्गुन 2023 माह में स्कंद षष्ठी का व्रत और पूजन शनिवार 25 फरवरी को किया जाएगा. फाल्गुन शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि का आरंभ 25 फरवरी रात 12:31 पर होगी और इसका समापन 26 फरवरी रात 12:20 पर होगा.  

स्कंद षष्ठी व्रत का महत्व

भगवान कार्तिकेय भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र और देव सेनापति थे. इन्हें स्कंद, मुरुगन, सुब्रह्मण्यम समेत कई नामों से जाना जाता है. देव दानव युद्ध में इन्होंने तरकासुर का वध कर देवताओं और मनुष्यों को उसके अत्याचारों से मुक्त कराया था. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से प्रतापी संतान की प्राप्ति होती है और वह दीर्घायु होता है. इसके अलावा व्रत रखने वाले का दुख दारिद्र सब दूर होता है. इस पूजा से व्यक्ति को हर काम में सफलता मिलती है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है.

मंगल भारी होने पर रखें यह व्रत

भगवान कार्तिकेय को षष्ठी तिथि और मंगल ग्रह का स्वामी कहा गया है. अर्थात जिस किसी की जन्म कुंडली में मंगल अच्छी स्थिति में नहीं चल रहा हो या जिस राशि में मंगल नीच का हो, उन्हें आज स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और उनके निमित्त व्रत रखना चाहिए. दक्षिण दिशा में भगवान कार्तिकेय का निवास बताया गया है और इनका वाहन मोर है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें