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Exclusive: नीतू कपूर बोलीं-रणबीर नहीं है जोरू का गुलाम, ‘जुग जुग जियो’ में अपने किरदार को लेकर कही ये बात

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अभिनेत्री नीतू कपूर इन दिनों फिल्म जुग जुग जियो में नजर आ रही हैं. इस फिल्म में वो वरुण धवन की मां का रोल निभा रही है. एक्ट्रेस ने इस इंटरव्यू में कई मुद्दों पर बात की.

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रणबीर-आलिया की शादी के बाद अभिनेत्री नीतू कपूर फिर से इंडस्ट्री में एक्टिव हो चुकी हैं. हालिया रिलीज हुई फिल्म ‘जुग जुग जियो’ से अभिनय की नयी पारी की शुरुआत कर चुकी हैं. करियर की इस नयी इनिंग में वह सशक्त किरदार करना चाहती हैं, भले ही उनका स्क्रीन स्पेस कम हो. उनके करियर, बेटे रणबीर व बहू आलिया के साथ बॉन्डिंग व उनकी जिंदगी से जुड़े कई पहलुओं पर बातचीत के प्रमुख अंश.

‘जुग जुग जियो’ में आपका किरदार अब तक के किरदारों से कितना अलग पाती हैं?

मुझे इस तरह के किरदार की आदत नहीं है, जबकि अपने करियर में मैंने ओवर द टॉप वाले ही किरदार किये हैं. मुझे निर्देशक राज मेहता ने पूरी तरह से गाइड किया कि आप ऐसे खड़ी होंगी, ऐसे बात करेंगी. मुझे उम्मीद है कि औरतें मेरे किरदार को पसंद करेंगी. दो सीन्स तो जबरदस्त हैं.

अनिल कपूर के साथ यह आपकी पहली फिल्म है. यह अनुभव कैसा रहा?

कमाल का रहा. वे बेहतरीन अभिनेता हैं. वैसे हम पारिवारिक दोस्त रहे हैं. मेरी शादी के बाद से मैं उनकी पारिवारिक दोस्त रही हूं. हालांकि अनिल से मेरी ज्यादा दोस्ती इसी फिल्म के दौरान हुई. ऋषि जी की गहरी वाली दोस्ती बोनी कपूर के साथ थी, क्योंकि दोनों की उम्र एक थी, जबकि मेरी ननद और अनिल अच्छे दोस्त थे, क्योंकि उनकी उम्र एक थी. संजय कपूर और चिम्पू की उम्र एक थी. दोनों बहुत ही अच्छी सहेलियां थीं. वाकई दोस्ती हो तो ऐसी.

बेटे की ग्रैंड शादी नहीं करने का अफसोस?

बिल्कुल नहीं, मैं सिंपल शादी से बहुत खुश हूं. कोविड में बहुत से लोग बहुत से दर्द से गुजरे हैं. ऐसे वक्त में ग्रैंड सेलिब्रेशन सही नहीं है. वैसे मेरे पति ऋषिजी को ग्रैंड वेडिंग ही पसंद थी, लेकिन मैं इस शादी से खुश हूं. हमलोगों ने दूसरे लोगों के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है. मेरी बहुत सारी सहेलियां हैं, जो अपने बच्चों की भी इसी तरह की सिंपल शादी करवाना चाहती हैं. हम लोगों को क्यों बुलाकर इतना खर्चा करते हैं, शादी का उनको भी सिरदर्द दो कि क्या पहनना है, क्या गिफ्ट देना है. बस अपने परिवार के लोगों के साथ ही शादी का सेलिब्रेशन होना चाहिए.

आपकी शादी इंडस्ट्री की बहुत सफल शादियों में से एक मानी जाती है. क्या रणबीर को आप टिप्स देती हैं?

आजकल के बच्चे कहां राय लेते हैं. हां, मैं देखती हूं कि कुछ गलत हो रहा है, तो मैं बोल देती हूं कि आप ये गलत कर रहे हैं. आगे आप देख लो. रणबीर बहुत अच्छा पति और परफेक्ट पापा साबित होगा, मुझे इसकी पूरी उम्मीद है.

आपकी सास के साथ आपका रिश्ता कैसा था?

रणबीर की शादी से पहले लोग मुझसे पूछते थे कि मेरा आलिया के साथ कैसा रिश्ता होगा? क्या यह बिल्कुल वैसा ही होगा, जैसा मेरा मेरी सास (कृष्णा राज कपूर) के साथ था? मेरी सास और मेरा जैसा रिश्ता था, वो दुनिया में किसी के साथ नहीं हो सकता है. मैं अपने पति, अपनी ननद को बहुत मिस करती हूं, लेकिन सबसे ज़्यादा अपनी सास को मिस करती हूं. वो मेरी सिर्फ सास नहीं, बल्कि मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी थीं. उनसे झगड़े भी होते थे, उनको शिकायत भी करती थी कि ‘आपका बेटा ऐसा है, वैसा है’. वो बोलतीं कि ‘मैं क्या करूं, तेरा मियां है’.

अक्सर लोग बोलते हैं कि घर कोई भी हो, सास-बहू का झगड़ा आम है?

आलिया खूबसूरत, सिंपल और बहुत ही प्यारी लड़की है, जिसके अंदर कोई मैल नहीं है. मुझे लगता है कि ये सास-बहू का जो झगड़ा है, ये एक पति की परेशानी है. एक मां के साथ बेटे की खास बॉन्डिंग रहती है, लेकिन जब वही बेटा जोरू का गुलाम बन जाता है, तो मां थोड़ा दरकिनार महसूस करती है. अगर बेटा, मां और पत्नी के बीच प्यार और अपनेपन को बैलेंस रखता है, तो कोई दिक्कत ही नहीं होगी. लेकिन जब आप अपनी बीवी की ओर ज्यादा झुक जाते हो, तो तब मां को ऐसा लगता है कि बेटा जोरू का गुलाम है. मुझे खुशी है कि रणबीर बहुत अच्छे से इस रिश्ते को बैलेंस कर रहा है.

बच्चों के साथ आपकी बॉन्डिंग कैसी रही?

मेरे बच्चों के साथ मेरी बॉन्डिंग हमेशा से खास रही है. जब वो बड़े हो रहे थे, तो ऋषि जी अपने काम में बिजी रहते थे. मेरी पूरी दुनिया मेरे बच्चे ही थे. मैं उनको स्कूल छोड़ने-लाने जाती थी. वो स्कूल से आने पर क्या खाना पसंद करेंगे, सबकुछ मैं देखती थी. रणबीर को बटर चिकन बहुत पसंद है. पूरी जिंदगी बटर चिकन बना-बनाकर मैं थक गयी.

क्या अब आपको महसूस होता है है कि बेटे रणबीर की शादी हो गयी है?

नहीं, मुझे अभी तक ऐसी कोई फीलिंग नहीं आ रही है. मेरा बेटा बहुत बुद्धिमान है. वह अपने प्यार को बैलेंस करके चलता है. वह ‘मॉम, मॉम, मॉम’ करता हुआ मेरे पीछे नहीं आता. हां, पांच दिन में एकाध बार फोन करके पूछता जरूर है कि आप ठीक हो ना? उसके लिए बस इतना पूछना भर ही काफी होता है.

आपकी फिटनेस का क्या राज है?

एक तो खुश रहो, दूसरा खाने-पीने में अनुशासन रखो और एक्सरसाइज करो. चाहे कुछ भी हो जाये, मैं एक्सरसाइज मिस नहीं करती. 15-20 सूर्यनमस्कार करती ही हूं. उम्र हो जाने के बाद बॉडी स्टिफ हो जाती है, तो स्ट्रेचिंग जरूरी है. खाने में ज्यादा तली-भूनी चीजें नहीं खाती हूं. महीने में एक बार चल जाता है. अपनी बॉडी की सुनेंगे, तो वो हमें बताती है कि कहां रुकना है.

खाने-पीने को लेकर ऋषि जी पर सख्ती कर पाती थीं?

हमारे ज्यादातर झगड़े इसी बात पर होते थे, वे पंजाबी थे, वो भी पक्के वाले. मेरी सास के घर बहुत ही तेल-मसाला वाला खाना बनता था. जब भी वहां पार्टी होती थी, तो मैं ऋषि जी के लिए घर से कम तेल- मसाले वाला खाना ले जाती थी, लेकिन पार्टी में दो पैग पीने के बाद वो शुरू हो जाते कि ‘मैं जानवर नहीं, जो ये खाना खाऊं.’ मैं उनको समझाती कि आप एक्टर हैं, आपको फिट रहना चाहिए. वो कहते कि ‘एक्टिंग मेरा जुनून है. मेरी एक्टिंग के बेसिस पर मुझे काम मिलेगा, मोटा या पतला होने पर नहीं.’ मैं उन्हें हेल्थ के लिए समझाती थी, लेकिन वो सुनते ही नहीं थे. पूरा कपूर खानदान वैसे ही सोच रखता था. शुक्र है कि जो अभी की पीढ़ी अलग सोच रखती है. बेबो, लोलो, मेरी बेटी, रणबीर सभी बहुत फिट हैं. मेरी बेटी को तो मुझे बोलना पड़ता है कि कुछ खा ले. वो रात में चावल नहीं खाती, बस थोड़ा सा स्प्राउट्स और सब्जी खाती है. रणबीर तो चावल और रोटी ना के बराबर ही खाता है. मछली, चिकन के साथ सब्जियां, बस यही खाता है.

आपको लगता है कि अब महिलाओं के लिए ज्यादा सशक्त किरदार लिखे जा रहे हैं, जैसा आपके वक्त में नहीं था?

हां, ये बात सही है, लेकिन मेनस्ट्रीम सिनेमा में अभी भी उतना रिस्क नहीं लिया जा रहा है. ‘गंगूबाई’ रोज-रोज नहीं बनेगी. संजय लीला भंसाली की वजह से वह फिल्म बनी. निर्माता अभी भी वुमन सेंट्रिक फिल्म पर बहुत पैसा लगाने से डरते हैं. हां, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स इस मामले में बहुत अच्छा कर रहे हैं. मैं भी बीबीसी के लिए एक वेब शो कर रही हूं.

रणबीर और आलिया की आनेवाली फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ का ट्रेलर देखा?

मुझे बहुत ही अच्छी लगी. यह पूरी तरह से भारतीय जड़ों की कहानी है. यह फिल्म 9 सितंबर को रिलीज होगी. इसके अलावा रणबीर की ‘शमशेरा’ आयेगी.

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