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प्रदेश स्तर पर बिजली कर्मचारियों का हड़ताल जारी, कर्मियों ने कहा – मुख्यमंत्री हमारी मागों पर दें ध्यान

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अलीगढ़ में बिजली कर्मचारियों ने शुक्रवार को लाल डिग्गी कार्यालय पर मांगों को लेकर धरने में बैठ गए हैं. हालांकि यह सांकेतिक हड़ताल 72 घंटे की है. बिजली कर्मियों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है.

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अलीगढ़. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में बिजली कर्मचारी शुक्रवार को लाल डिग्गी कार्यालय पर मांगों को लेकर धरने में बैठ गए हैं. हालांकि यह सांकेतिक हड़ताल 72 घंटे की है और इस बीच अगर बिजली कर्मियों को जेल भेजने या कोई सख्त कार्रवाई की जाती है. तो बिजली कर्मियों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है. फिलहाल यह लड़ाई कितनी लंबी चलेगी यह लखनऊ की संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी निर्णय लेंगे. लेकिन सांकेतिक हड़ताल जारी है. इस हड़ताल में सभी बिजली कर्मी शामिल है. इस मामले में बिजली कर्मचारी संघ के जिला संयोजक प्रवीण शाक्य ने बताया कि हम लोग काम नहीं कर रहे हैं और प्रशासन ने जो इंतजाम किए हैं . उसमें कोई व्यवधान नहीं पैदा कर रहे.

बिजली कर्मी हड़ताल पर

प्रवीण शाक्य ने आगे बताया कि हजारों की संख्या में बिजली कर्मी हड़ताल पर हैं और इससे बिजली व्यवस्था प्रभावित होगी. उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि बिजली व्यवस्था चरमरा जाए. हमारी बात ध्यानाकर्षण के जरिए माननीय मुख्यमंत्री तक पहुंच जाए और जो समझौता 2022 में लिखित में हो चुकी है. उन पर अमल किया जाए. इसलिए इसमें जो भी निर्णय हो. वह मुख्यमंत्री के संज्ञान में हो, क्योंकि इससे पहले जब समझौता हुआ था तो उसमें बिजली मंत्री ए के शर्मा और मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार अवनीश अवस्थी की अध्यक्षता में हुआ था. इस पर कार्रवाई अभी तक नहीं हुई. प्रवीण शाक्य ने कहा कि हम लोग के सामने धर्म संकट है. सीएम योगी इसमें हस्तक्षेप करें ताकि जो टकराव हो रहा है वह समाप्त हो.

बिजली कर्मचारियों की क्या है प्रमुख मांगे

प्रवीण शाक्य ने बताया कि हमारी मांगों में यह है कि जो कार्य का वातावरण है. जिसमें जितने कर्मचारी चाहिए उतने नहीं है और डंडे के माध्यम से विभाग को चलाने का प्रयास किया जा रहा है. अव्यवहारिक टारगेट दिए जा रहे हैं. प्रवीन शाक्य ने कहा कि बिजली कर्मचारियों के लिए जो काम का माहौल है वह बदला जाए. वहीं निगमों में जो चेयरमैन और डायरेक्टर की पोस्ट होती है. उसमें चयन की प्रक्रिया है. जो सरकार के अधीन है लेकिन उस प्रक्रिया को दरकिनार कर जितने भी डायरेक्टर और एमडी हैं. उनको ट्रांसफर, पोस्टिंग के माध्यम से बैठा दिया गया. जो कि गलत है. प्रवीण शक्य ने कहा कि चयन प्रक्रिया करा दिया जाए.

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काम के दौरान सुरक्षा की मांग

प्रवीण शाक्य ने बताया कि बिजली कर्मियों को प्रोटेक्शन एक्ट चाहिए. क्योंकि मारपीट की घटनाएं कार्यक्षेत्र में होती है. इसमें FIR सामान्य मारपीट की धारा में होती है. जिसमें 7 साल से कम की सजा है और कोई गिरफ्तारी नहीं होती . जिससे उस क्षेत्र में शरारती तत्वों का मनोबल बढ़ जाता है. जिस तरह से डॉक्टरों को प्रोटेक्शन प्राप्त है. उसी तरह कार्य के दौरान सुरक्षा प्रदान की जाए.

वेतन बढ़ाने की मांग

वहीं प्रवीण ने बताया कि बिजली विभाग में संविदा और आउटसोर्सिंग पर जो काम कर रहे हैं. उनका वेतन बहुत कम है. 7000-8000 रुपए पर काम कर रहे हैं. पेट्रोल अपना खर्च कर रहे हैं. दिन रात लगे रहते हैं और उसी काम को अन्य करने वाले सैनिक कल्याण के लोगों को 20000 तक वेतन मिल रही है. पुलिस चौकी ने कहा कि हम लोगों की मांग है कि सब को नियमित किया जाए. समझौते के तहत समान वेतन की बात कही गई. लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. सरकार के एम्प्लॉय को कैशलेस इलाज मिलता है लेकिन संविदा और आउटसोर्सिंग के कर्मियों को नहीं मिलता है.

72 घंटे की शांतिपूर्ण टोकन स्ट्राइक

वहीं प्रोन्नत वेतनमान पहले मिलता था. जो अब नहीं मिलता है. 14 बिंदुओं पर समझौते हुए हैं 110 दिन इस समझौते के हुए हैं लेकिन अभी तक लागू नहीं किया गया. जिससे लोगों में आक्रोश है. अशांति का माहौल है. करीब 9 बार पत्र लिखकर और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से, मशाल जुलूस, जन जागरण अभियान के जरिए ध्यानाकर्षण कर रहे हैं. लेकिन हमको मजबूरी में हड़ताल पर जाना पड़ा है. और यह अभी 72 घंटे की शांतिपूर्ण टोकन हड़ताल है.

हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई पर सवाल

विद्युत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिला संयोजक प्रवीण शाक्य ने बताया कि इस टोकन स्ट्राइक के दौरान किसी भी कर्मचारी की गिरफ्तारी और उत्पीड़न होता है. तो यह हड़ताल अनिश्चितकालीन में बदल जाएगी और सामूहिक जेल भरो आंदोलन में बदल जाएगी. वही एस्मा और हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के सवाल पर कहा कि उन्होंने कहा कि जो देश के नियम कानून है. उसके तहत बात रखी है, लेकिन हम लोग शांतिपूर्वक काम कर रहे हैं. हम लोग व्यवधान पैदा नहीं कर रहे हैं. हमारा हड़ताल ही शक्ति प्रदर्शन है. हम चाहते है कि पब्लिक को बिजली मिले.

इनपुट- आलोक- अलीगढ़

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