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Durga Puja 2020: पूर्णिया दुर्गाबाड़ी में पहली बार बदलेगी 104 साल से चली आ रही परंपरा, नहीं दिखेगी मां दुर्गा की प्रतिमा व विशाल पंडाल

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Durga Puja 2020, दुर्गाबाड़ी की दुर्गा पूजा सबसे पुरानी है और शहर की यह सबसे बड़ी पूजा समिति भी है. पूजा शुरू होने के 105 वें वर्ष में पहली दफे कोरोना को लेकर परंपरा में परिवर्तन किया जा रहा है. इस दफे यहां न तो विशाल पंडाल बनेगा और न ही मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जायेगी. यह अलग बात है कि विधि विधान में कोई कटौती नहीं होगी. पारंपरिक रुप से पूजन का अनुष्ठान किया जायेगा. इस आयोजन में सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल रखा जायेगा और सरकार के गाइड लाइन का अनुपालन किया जायेगा.

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पूर्णिया. दुर्गाबाड़ी की दुर्गा पूजा सबसे पुरानी है और शहर की यह सबसे बड़ी पूजा समिति भी है. पूजा शुरू होने के 105 वें वर्ष में पहली दफे कोरोना को लेकर परंपरा में परिवर्तन किया जा रहा है. इस दफे यहां न तो विशाल पंडाल बनेगा और न ही मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जायेगी. यह अलग बात है कि विधि विधान में कोई कटौती नहीं होगी. पारंपरिक रुप से पूजन का अनुष्ठान किया जायेगा. इस आयोजन में सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल रखा जायेगा और सरकार के गाइड लाइन का अनुपालन किया जायेगा.

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पिछले 104 वर्षों से होती आ रही है देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना

आयोजकों ने बताया कि यहां पिछले 104 वर्षों से देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना पूरी आस्था के साथ होती आ रही है. देवी दुर्गा की भव्य प्रतिमा, विशाल पंडाल और महाभोग दुर्गाबाड़ी की पहचान रही है. बंगाल के कलाकार और बंग्ला पूजन पद्धति इसकी खासियत रही है. हालांकि बारिश को देखते हुए बचाव को लेकर छोटा पंडाल बन रहा है पर इसे बड़ा स्वरुप नहीं दिया जायेगा.

इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रम व मेला का आयोजन नहीं होगा

दुर्गा पूजा के अवसर पर वर्षों से यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता आया है पर इस साल इसे भी रोक दिया गया है. आयोजकों ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए हर गेट पर सेनेटाइजर की व्यवस्था रहेगी और बिना मास्क के किसी भी श्रद्धालु को मंदिर परिसर में आने की अनुमति नहीं दी जायेगी. दुर्गा पूजा के अवसर पर इस बार मेला का आयोजन नहीं होगा. सामाजिक सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी गयी है.

प्रतिमा के बिना ही विधि विधान के साथ होगी पूजा 

कोविड-19 को देखते हुए इस बार कलश स्थापना कर ही दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है. माता की प्रतिमा इस बार स्थापित नहीं की जाएगी पर पूजा विधि विधान के साथ होगी. इस बार सामाजिक सुरक्षा को देखते हुए बिल्कुल ही साधारण रूप से पूजा का आयोजन होगा. किसी भी तरह की सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा.

दिलीप कुमार सेन, अध्यक्ष भट्ठा दुर्गाबाड़ी पूजा समिति

बिना मास्क के श्रद्धालु मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं करेंगे

कोरोना को लेकर इस साल दुर्गा पूजा के आयोजन में कई बदलाव किए गए हैं. बारिश को देखते हुए सिर्फ मंदिर के सामने पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. संक्रमण से बचाव के लिए मंदिर परिसर के हर गेट पर सेनेटाइजर की व्यवस्था होगी और बिना मास्क के श्रद्धालु मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं करेंगे. इसके लिए वोलेंटियर मौजूद रहेंगे.

प्रदीप्त भट्टाचार्य, सचिव भट्ठा दुर्गाबाड़ी पूजा समिति

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