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दोहरीघाट–इंदारा रेल लाइन: 250 करोड़ की लागत के बाद भी ट्रेनों का संचालन नहीं हुआ शुरू, हो चुका है स्पीड ट्रायल

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दोहरीघाट–इंदारा रेल लाइन रूट पर 35 किलोमीटर की रेल लाइन 250 करोड़ की लागत से बिछाई गई. रेल संरक्षण आयुक्त ने 31 मार्च 2023 को 35 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निरीक्षण कर स्पीड ट्रायल भी किया था. बताया जा रहा है कि रेल लाइन जरूर बिछ गई है. लेकिन, अभी तक निर्माण पूरा ही नहीं हुआ है.

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Gorakhpur: रेलवे प्रशासन की उदासीनता कहे या अधूरा निर्माण कि 250 करोड़ रुपए की लागत से बनी दोहरीघाट–इंदारा रेलवे लाइन पर अभी तक एक भी ट्रेन नहीं चल सकी है. 31 मार्च को रेल संरक्षण आयुक्त (सीआरएस) के निरीक्षण और स्पीड ट्रायल के बाद भी लोग इस ट्रैक पर ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं. रेल संरक्षण आयोग के निरीक्षण और स्पीड ट्रायल के बाद 90 की रफ्तार से ट्रेन चलाकर सीआरएस ने अधिकतम 75 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेन चलाने की अनुमति भी दी थी. पांच माह से अधिक का समय गुजर जाने के बाद भी क्षेत्र के हजारों लोगों को इस ट्रैक पर ट्रेन चलने का इंतजार कर रहे हैं.

250 करोड़ की लागत से बिछाई गई 35 किलोमीटर की रेल लाइन

दोहरीघाट–इंदारा रेल लाइन रूट पर 35 किलोमीटर की रेल लाइन 250 करोड़ की लागत से बिछाई गई. रेल संरक्षण आयुक्त ने 31 मार्च 2023 को 35 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निरीक्षण कर स्पीड ट्रायल भी किया था. बताया जा रहा है कि रेल लाइन जरूर बिछ गई है. लेकिन, अभी तक निर्माण पूरा ही नहीं हुआ है. इसी वजह से सीआरएस ने विद्युतीकरण पूरा होने के बाद भी डीजल इंजन वाली ट्रेन से रेल लाइन का स्पीड ट्रायल किया था, जबकि रेलवे बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार नई रेल लाइन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के लायक बिछाई जानी है. लेकिन, इस लाइन पर तो सीआरएस की ट्रेन भी 90 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ही दौड़ी थी. सीआरएस के निरीक्षण के दौरान उन्होंने इस रूट पर कहीं पर 60 तो कहीं पर 70 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेन चलाने की अनुमति दी थी. रेलवे प्रशासन ने जल्दबाजी में इस रूट की रेल लाइन का निरीक्षण तो करा लिया. लेकिन, अभी तक ट्रेन नहीं चला पाया.

भवनों का ढांचा बना, प्लेटफार्म बनकर नहीं हुआ तैयार

नतीजन स्थिति यह है कि रेल लाइन पर जानवर स्वच्छंद घूम रहे हैं और पटरियों पर बच्चे खेल रहे हैं. स्थिति यह है कि कोपागंज, घोसी, अमिला, मुरादपुर और दोहरीघाट स्टेशन पर सिर्फ भवनों का ढांचा बना है. अभी तक प्लेटफार्म भी बनकर नहीं तैयार हो पाया है. टिकट काउंटर कंट्रोल पैनल सिस्टम, यात्रियों के बैठने की व्यवस्था, प्रतीक्षालय, प्रेयजल और यात्री सुविधा का समुचित इंतजाम भी नहीं हो पाया है. भारतीय रेलवे के समपार फाटक युद्ध पैमाने पर बंद किया जा रहे हैं. लेकिन, इस रूट पर सारे नियमों को दरकिनार कर 6 संपर्क फाटक खोल दिए गए हैं.

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घोसी संघर्ष समिति ने रेल मंत्रालय और बोर्ड को लिखी चिट्ठी

इस रूट पर रेल लाइनों के ऊपर बिजली के तार तो लटक गए हैं. लेकिन, अभी तक उसमें बिजली प्रवाहित नहीं हो पाई है. इस नई रेल लाइन को लेकर रेलवे प्रशासन की उदासीनता सवालया निशान खड़े कर रहे हैं. ट्रेन चलने को हो रही देरी से लोगों में काफी आक्रोश भी देखने को मिल रहा है. घोसी संघर्ष समिति ने रेल मंत्रालय और बोर्ड को चिट्ठी भी लिखी है. वहीं इस मामले में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि इस रूट पर अधूरे निर्माण कार्य शीघ्र पूरी कर लिए जाएंगे. ट्रेन के संचालन का प्रस्ताव है. दोहरीघाट–इंदारा रेलवे लाइन पर भी जल्द ट्रेन चलने लगेगी.

इन लोगों को मिलेगा लाभ

दोहरीघाट–इंदारा रेल मार्ग पर ट्रेनों के संचालन हो जाने से मऊ, कोपा, घोसी, गोरखपुर के बड़हलगंज, हाटा और गोला के हजारों लोगों की राह आसान हो जाएगी. गोरखपुर के दक्षिणांचल क्षेत्र के लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए 50 से 60 किलोमीटर की दूरी तय कर गोरखपुर आना पड़ता है. इस रूट पर ट्रेन का संचालन शुरू हो जाने से वो लोग कम समय में वाराणसी और प्रयागराज पहुंच जाएंगे.

रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर

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