14.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 03:51 am
14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड: काला बिल्ला लगाकर डॉक्टरों ने मनाया काला दिवस, राजस्थान सरकार के राइट टू हेल्थ बिल किया विरोध

Advertisement

डॉ श्याम जी भगत ने कहा कि राजस्थान सरकार की ओर से चिकित्सकों पर हताशा में निर्णय लिया गया है. बिल के कारण सेवा भावना का अभाव हो जायेगा. सरकार मनमानी कर रही है. अगर निर्णय में परिवर्तन नहीं किया गया तो आने वाले समय में देश भर में व्यापक आंदोलन चलाया जायेगा.

Audio Book

ऑडियो सुनें

गोड्डा: आइएमए भवन में संघ से जुड़े पदाधिकारी व चिकित्सकों ने सोमवार को काला दिवस मनाया. संघ के आह्वान पर विरोध प्रर्दशन करते हुए जिले के 60 चिकित्सकों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध जताया. यह विरोध राजस्थान के चिकित्सकों पर राइट टू हेल्थ बिल को लेकर किया गया. बिल के विरोध में आइएमए भवन में प्रेस वार्ता की गयी. मौके पर आइएमए अध्यक्ष डॉ श्याम जी भगत, सचिव डॉ प्रभा रानी प्रसाद, व कोषाध्यक्ष डॉ डीके चौधरी के साथ वरीय चिकित्सक सह आइएमए सदस्य डॉ अशोक कुमार, डॉ एसके चौधरी मुख्य मौजूद थे.

हताशा में लिया गया है निर्णय

अध्यक्ष डॉ श्याम जी भगत ने कहा कि राजस्थान सरकार की ओर से चिकित्सकों पर हताशा में निर्णय लिया गया है. बिल के कारण सेवा भावना का अभाव हो जायेगा. सरकार मनमानी कर रही है. अगर निर्णय में परिवर्तन नहीं किया गया तो आने वाले समय में देश भर में व्यापक आंदोलन चलाया जायेगा. सचिव डॉ प्रभा रानी प्रसाद ने कहा कि इस तरह के निर्णय के पीछे केवल एक ही बात सामने आती है. चिकित्सक, इंजीनियर, पब्लिक सेवा से जुड़े लोग या अन्य कोई मगर नेताओं के पास योग्यता के मापदंड की जरूरत नहीं रहने की वजह से ज्ञान के अभाव में इस तरह का निर्णय लिया जाता है. ऐसे नेताओं के लिए भी शैक्षणिक जानकारी जरूरी रहने की बात डॉ प्रभा रानी ने कही.

Also Read: झारखंड: 9-15 वर्ष के 8,13,306 बच्चों को मिजिल्स-रूबेला का लगेगा टीका, 12 अप्रैल से शुरू होगा महाअभियान

राजस्थान सरकार बिल में करे सुधार

डॉ दिलीप कुमार चौधरी ने कहा कि हर बार चिकित्सकों पर ही आवश्यक टेस्ट किया जाता है. समाज में चिकित्सकों के साथ इस तरह के दमनात्मक कार्य कर मरीजों को ही परेशान परेशान किया जाता है. सरकार अपने बिल पर आवश्यक सुधार करें. वरीय चिकित्सक डॉ अशोक कुमार ने कहा कि पिछले एक दशक से डॉक्टरों पर परेशानी बढी है. चिकित्सक के बारे में गलत इमेज बनाने का काम किया जा रहा है. क्लीनिकों में अपनी सेवा दे रहे ऐसे चिकित्सकों को पहले डिग्री लेने के बाद अपने जीवन का 35 साल स्वयं को प्रतिष्ठाापित करने में लगाना पड़ता है. सरकार का निर्णय जान बचानेवाले को जान लेने जैसा है. वरीय चिकित्सक डॉ एसके चौधरी ने कहा कि चिकित्सक व रोगियों के बीच बड़ी खाई लाने का काम सरकार ऐसे बिल के माध्यम से कर रही है. बदलाव होना चाहिए. मौके पर डॉ आकाश, डॉ अंकिता , डॉ अभिषेक, डॉ महमूद आदि मौजूद थे.

Also Read: Gold Silver Price: 3 साल में 20 हजार रुपये बढ़ी 10 ग्राम सोने की कीमत, चांदी की कीमत बढ़कर 70 हजार रुपये किलो

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें