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Shani Pradosh Vrat 2021: शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए जरूर करें आज का प्रदोष व्रत, शाम में पूजा का शुभ मुहूर्त, पढ़े ये व्रत कथा, देखें शिव जी के पूजा का महत्व

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Shani Pradosh Vrat Vidhi In Hindi, Puja Vidhi, Katha, Puja Muhurat, Shani Dosh Ke Upay: आज वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत रखा जा रहा है जिसे शनि प्रदोष व्रत के रूप में भी जाना जाता है. आपको बता दें कि हर महीने पहला प्रदोष व्रत पहला शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को तो दूसरा प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है. यह व्रत पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से घर में खुशहाली आती है. साथ ही साथ शनि दोष से भी छुटकारा मिलता है.

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Shani Pradosh Vrat Vidhi In Hindi, Puja Vidhi, Katha, Puja Muhurat, Shani Dosh Ke Upay: आज वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत रखा जा रहा है जिसे शनि प्रदोष व्रत के रूप में भी जाना जाता है. आपको बता दें कि हर महीने पहला प्रदोष व्रत पहला शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को तो दूसरा प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है. यह व्रत पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से घर में खुशहाली आती है. साथ ही साथ शनि दोष से भी छुटकारा मिलता है.

दरअसल, इस बार 8 मई, शनिवार को शनि प्रदोष व्रत पड़ा है. जो एक शुभ योग में मनाया जा रहा है जिसे प्रीति योग भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस योग में विधि विधान से पूजा करने से अपनों को पाया जा सकता है. अर्थात कोई दोस्त, प्रियजन या सगे संबंधी रूठे है तो इस योग में पूजा करने से उनकी नाराजगी दूर हो सकती है. साथ ही साथ इस योग में पूजा करने से प्रेम विवाह में भी आसान हो जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस योग में पूजन करने से पुराने झगड़े तो निपटते ही हैं साथ ही साथ समाज में मान-सम्मान की भी प्राप्ति होती है.

इसलिए भी रखना चाहिए शनि प्रदोष व्रत

  • इस व्रत को करने से सभी कष्टों का नाश होता है.

  • घर में सुख-शांति व धन-वैभव का वास होता है.

  • कुंडली में शनि दोष है तो उससे मुक्ति मिलती है.

  • भगवान शिव, शनि और हनुमान जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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कैसे करें भगवान शिव की पूजा?

  • सुबह उठकर स्नान आदि करें.

  • फिर व्रत का संकल्प ले और

  • भगवान शिव का जलाभिषेक करें.

  • तब उन्हें पांच प्रकार के फल और मिठाई आदि का भोग लगाएं.

  • शाम के समय प्रदोष मुहूर्त में फिर भगवान शिव की पूजा करें

  • उन्हें बेलपत्र भांग, धतूरा, गंगाजल, शहद, फूल आदि अर्पित करें.

  • उनका व्रत कथा पढ़कर आरती करें और ओम नमः शिवाय का मंत्र जाप करें.

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शनि प्रदोष व्रत कथा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक सेठ अपने परिवार के साथ एक नगर में वास करता था. विवाह होने के बाद भी कई सालों तक उसे संतान नहीं हुआ. जिससे पत्नी उदास रहने लगी. ऐसे में वह एक दिन एक तीर्थ यात्रा पर निकला जहां उन्हें एक महात्मा ने दर्शन दिया. उन्होंने उनकी मन की बात जानकर शनि प्रदोष व्रत करने की सलाह दी. ऐसे में यात्रा से लौट कर जब व्रत उन्होंने व्रत रखा तो कुछ समय के पश्चात उन्हें संतान की प्राप्ति हो गई.

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शनि प्रदोष व्रत पूजा का सही समय

  • त्रयोदशी तिथि आरंभ: 08 मई 2021 शाम 05 बजकर 20 मिनट से

  • त्रयोदशी तिथि समाप्त: 09 मई 2021 शाम 07 बजकर 30 मिनट तक

  • पूजा का सही समय: 08 मई शाम 07 बजकर से रात 09 बजकर 07 मिनट तक

Posted By: Sumit Kumar Verma

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