16 C
Ranchi
Tuesday, February 25, 2025 | 04:00 am
16 C
Ranchi
No videos found

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Dhoni Retired : बक्सर के डुमरांव से जुड़ी है धोनी की यादें, पुआल व दरी बिछाकर सोते और खेली थी ताबड़तोड़ पारी…

Advertisement

Dhoni retirement, बक्सर: 30 जनवरी 1998 का दिन था, जब बक्सर जिले के दुल्लहपुर गांव के जन्में आइपीएस अधिकारी शहीद रविकांत सिंह की स्मृति में आयोजित टूर्नामेंट का क्वार्टर फाइनल मैच चल रहा था. पहले बल्लेबाजी करते हुए टाइफोन जिम वाराणसी की टीम ने 197 रनों का लक्ष्य रखा था ,जिसका पीछा सेल रांची की टीम कर रही थी. बनारस की तरफ से धर्मेंद्र मिश्रा खतरनाक गेंदबाजी कर रहे थे. जिसके चलते रांची के विकेट धड़ाधड़ गिरते जा रहे थे लेकिन एक छोर से बल्लेबाजी को लंबे बालों वाला महेंद्र नाम का एक लड़का संभाले हुए था, उसके गगनचुंबी छक्के देख डुमरांववासी हैरान थे. क्योंकि 2 छक्के राज उच्च विद्यालय के बड़े मैदान और भवन को पार करते हुए सड़क पर जा गिरे थे, उसने कुल 55 रन बनाए लेकिन सेल की टीम कुल 171 रन ही बना पायी और क्वार्टर फाइनल मैच हार गयी. मैन ऑफ दी मैच बनारस के खिलाड़ी धर्मेंद्र मिश्रा को दिया गया, लेकिन लोगों के दिलों को सेल की तरफ से धाकड़ बल्लेबाजी करने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने जीत लिया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बक्सर: 30 जनवरी 1998 का दिन था, जब बक्सर जिले के दुल्लहपुर गांव के जन्में आइपीएस अधिकारी शहीद रविकांत सिंह की स्मृति में आयोजित टूर्नामेंट का क्वार्टर फाइनल मैच चल रहा था. पहले बल्लेबाजी करते हुए टाइफोन जिम वाराणसी की टीम ने 197 रनों का लक्ष्य रखा था ,जिसका पीछा सेल रांची की टीम कर रही थी. बनारस की तरफ से धर्मेंद्र मिश्रा खतरनाक गेंदबाजी कर रहे थे. जिसके चलते रांची के विकेट धड़ाधड़ गिरते जा रहे थे लेकिन एक छोर से बल्लेबाजी को लंबे बालों वाला महेंद्र नाम का एक लड़का संभाले हुए था, उसके गगनचुंबी छक्के देख डुमरांववासी हैरान थे. क्योंकि 2 छक्के राज उच्च विद्यालय के बड़े मैदान और भवन को पार करते हुए सड़क पर जा गिरे थे, उसने कुल 55 रन बनाए लेकिन सेल की टीम कुल 171 रन ही बना पायी और क्वार्टर फाइनल मैच हार गयी. मैन ऑफ दी मैच बनारस के खिलाड़ी धर्मेंद्र मिश्रा को दिया गया, लेकिन लोगों के दिलों को सेल की तरफ से धाकड़ बल्लेबाजी करने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने जीत लिया.

अब धोनी डुमरांववासियों के लिए एक गौरव के रूप में

उस समय डुमरांववासियों को यह उम्मीद नहीं थी कि तीन दिनों से लगातार उनके नगर में रहने वाला खिलाड़ी पूरे भारतीयों के दिल की धड़कन बन जाएगा. हालांकि रांची के हारने के पीछे सील टीम के मैनेजर दीपक घोष को जिम्मेवार ठहराया गया था. जिन्होंने अपने खेलने के चक्कर में तीन अच्छे खिलाड़ियों को जगह नहीं दिया था तथा स्वयं शून्य पर आउट हो गए थे. अब धोनी डुमरांववासियों के लिए एक गौरव के रूप में है.

Also Read: फेसबुक पर तिरंगे का अपमान करता हुआ किया पोस्ट, पाकिस्तानी झंडे के साथ विवादित शब्द शेयर करने का आरोपी गिरफ्तार
टीम के लिए होती थी साधारण व्यवस्था

शहीद रविकांत सिंह मेमोरियल टूर्नामेंट के आयोजक मंडल के वरिष्ठ सदस्य अरविंद कुमार चौरसिया ने बताया कि तब आर्थिक कारणों से टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले टीम के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था नहीं हो पाती थी. ऐसे में हरिजी हाता में बने केसरी भवन में खिलाड़ियों को रहने का इंतजाम किया जाता था. जाड़े का मौसम होने के चलते हैं. जमीन पर पुआल एवं दरी डालकर खिलाड़ियों को सोने की व्यवस्था की जाती थी लेकिन धोनी लोगों से जमीनी रूप से जुड़े थे. ऐसे में उन्होंने व्यवस्था को लेकर कोई शिकायत नहीं की थी.

धोनी को लिट्टी है बहुत पसंद: रामजी प्रसाद

डुमरांव थाना के सामने आज भी लिट्टी-चाय की दुकान चलाने वाले रामजी प्रसाद धोनी को यादों को ताजा करते हैं. उन्होंने प्रभात खबर को बताया कि टूर्नामेंट के लिए आने वाले टीम के सभी खिलाड़ियों के नाश्ता-खाना का इंतजाम किया करते थे. ’98 में धोनी उनके दुकान पर कई बार नाश्ता करने के लिए आए. उन्हें लिट्टी-सब्जी बहुत पसंद आता था तथा जमकर खाते थे. बातचीत में बहुत ही विनम्र थे तथा हंसकर बातें किया करते थे.

आज भी धोनी की यादों में है डुमरांव: प्रदीप कुमार सिंह

डुमरांव राज परिवार से जुड़े प्रदीप कुमार सिंह उर्फ रज्जू सिंह अपने रियल एस्टेट व्यवसाय के कारणों से धनबाद और रांची में रहते हैं .ऐसे में कुछ वर्ष पूर्व रांची से दिल्ली जाने के क्रम में प्लेन में उनकी मुलाकात महेंद्र सिंह धोनी से हो गयी थी. जब रज्जू ने बताया कि वह डुमरांव के रहने वाले हैं तो आश्चर्यजनक ढंग से धोनी डुमरांव को याद कर लिए तथा बताया कि वह कई वर्षों पूर्व डुमरांव खेलने गए थे. उन्होंने यह भी कहा कि हमारी टीम हार गयी थी. राज उच्च विद्यालय को याद करते हुए बताया कि उसका भवन लाल रंग का था तथा वहां के दर्शक बहुत ही अच्छे थे.

( रिपोर्ट-डॉ विष्णुदत्त दि्वेदी )

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर