18.1 C
Ranchi
Thursday, February 6, 2025 | 09:26 pm
18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

धनबाद में डहरे टुसू परब: गाजे-बाजे के साथ सरायढेला मड़प थान से रणधीर वर्मा चौक तक झूमता रहा जनसैलाब

Advertisement

आदिवासी-मूलवासी लोग हाथों में चौड़ल लेकर भी चल रहे थे. शोभा यात्रा का मुख्य उद्देश्य झारखंड की संस्कृति को बचाने के साथ-साथ झारखंडवासियों को संस्कृति से अवगत करना था. इस दौरान महिलाएं टुसू गीत गाते हुए चल रही थी. वहीं युवतियां व बच्चियां नाचते हुए चल रही थी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

धनबाद: वृहद झारखंड कला संस्कृति मंच के बैनर तले शनिवार को धनबाद शहर में पहली बार डहरे टुसू परब पर विशाल शोभा यात्रा निकाली गयी. शोभा यात्रा सरायढेला मड़प थान से शुरू हुई. यह यात्रा स्टील गेट, पुलिस लाइन, रणधीर वर्मा चौक, कोर्ट रोड, डीआरएम चौक, बेकारबांध, सिटी सेंटर होते हुए वापस रणधीर वर्मा चौक तक गयी. पूरी यात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए. सरायढेला मड़प थान में सुबह से ही कार्यक्रम को लेकर लोगों का जुटान होना शुरू हो गया था. दोपहर 12 बजे के बाद शोभा यात्रा शुरू हुई. सभी लोग पैदल चल रहे थे. छोटे बच्चे, महिलाएं, युवतियां से लेकर वृद्ध भी उत्साह के साथ शामिल हुए. इस दौरान महिलाएं टुसू गीत गाते हुए चल रही थी. वहीं युवतियां व बच्चियां नाचते हुए चल रही थी. पुरुष भी ढोल, नगाड़ा व मांदर की थाप पर थिरकते नजर आये. शोभा यात्रा में शामिल आदिवासी-मूलवासी लोग हाथों में चौड़ल लेकर भी चल रहे थे. शोभा यात्रा का मुख्य उद्देश्य झारखंड की संस्कृति को बचाने के साथ-साथ झारखंडवासियों को संस्कृति से अवगत करना था.

- Advertisement -
क्या है टुसू परब

टुसू पर्व झारखंड के आदिवासियों व मूलवासियों का सबसे महत्वपूर्ण परब है. यह जाड़ों में फसल कटने के बाद 15 दिसंबर से लेकर मकर संक्रांति (14 जनवरी) तक लगभग एक महीने तक मनाया जाता है. टूसू का शाब्दिक अर्थ कुंवारी है. वैसे तो झारखंड के सभी पर्व-त्योहार प्रकृति से जुड़े हुए हैं, लेकिन टुसू परब का महत्व कुछ और ही है. टुसू परब मूल रूप से प्रकृति से जुड़ा है. इसमें धान का प्रयोग किया जाता है. धान मनुष्य के लिए मुख्य आहार का आधार होता है. इस दौरान कुंवारी कन्याएं मिट्टी का शारवा में धान रखकर प्रतिदिन शाम को पैर-हाथ धोकर फूल चढ़ाकर पूजा करती है. साथ ही गीत गाकर टुसूमनि को जगाती है. वहीं, मकर संक्रांति के दिन टुसू पर्व मनाया जाता है और फिर उसके अगले दिन इसे नदी में प्रवाहित कर दिया जाता. इसके साथ ही टुसू परब का समापन हो जाता है.

ये लोग कर रहे थे अगुआई

कार्यक्रम की अगुआई पूर्व वार्ड पार्षद गणपत महतो, रेखा मंडल, जिला परिषद सदस्य संजय महतो, उषा कुमारी, हीरालाल महतो, मुखिया रिंकू महतो, संदीप महतो, बलियापुर की उप प्रमुख आशा देवी, पूर्व वार्ड पार्षद मंजू देवी, शिव प्रसाद महतो, राजकिशोर महतो, निरीश महतो, शक्तिपद महतो, राजेश महतो, खेदन महतो, सचिन महतो, दयामय बानुवार, दीपक महतो, विशाल महतो, दयानंद महतो, करण महतो, भीम महतो, विश्वजीत महतो, राहुल महतो, लक्ष्मी महतो, लाली महतो, मागा प्रसाद महतो, सीताराम महतो, कुलदीप महतो, अजय दास, दिनेश दास, सुधीर रजवार, गोवर्धन रजवार, पंचायत समिति सदस्य मनोहर महतो, संतोष महतो, मुखिया महतो, विवेक महतो, आकाश महतो, राजेश महतो, अमित महतो, गौरव महतो, विशाल दास, सावित्री देवी, अनिता महतो, पूर्व मुखिया मीना महतो, जगन्नाथ महतो, उमेश महतो, गिरधारी महतो, कालीचरण महतो, सुनीता महतो, करिश्मा कुमारी, किरण कुमारी, शोभा कुमारी, ऋतु कुमारी, पायल कुमारी आदि कर रहे थे.

Also Read: Dhanbad: नये साल के स्वागत में हर तरफ जश्न, कहीं सजी सुरों की महफिल, तो कहीं डीजे का धमाल
Undefined
धनबाद में डहरे टुसू परब: गाजे-बाजे के साथ सरायढेला मड़प थान से रणधीर वर्मा चौक तक झूमता रहा जनसैलाब 3
जयराम महतो का स्वागत

शोभा यात्रा में भाषा आंदोलनकारी जयराम महतो, मोतीलाल महतो, शंकर किशोर महतो समेत कई लोग शामिल हुए. सभी का स्वागत किया गया. इसके अलावा रांची, रामगढ़, हजारीबाग, गोड्डा बोकारो, चंदनकियारी, राजगंज, बलियापुर, सिंदरी, निरसा व धनबाद के हरेक प्रखंड से आदिवासी-मूलवासी लोग टोली में आये और शोभा यात्रा में शामिल हुए. सभी लोगों में कार्यक्रम को लेकर गजब उत्साह दिख रहा था.

Undefined
धनबाद में डहरे टुसू परब: गाजे-बाजे के साथ सरायढेला मड़प थान से रणधीर वर्मा चौक तक झूमता रहा जनसैलाब 4
विभिन्न जगहों पर लगाये गये थे स्टॉल

शोभा यात्रा में शामिल लोगों की सेवा के लिए जगह-जगह पानी, बिस्कुट, फल वितरण को लेकर स्टॉल लगाया गया था. इस दौरान मेडिकल सेवा को लेकर भी स्टॉल लगाया गया था. नि:स्वार्थ भाव से लोगों ने अपनी सेवा दी.

इन टुसू गीतों पर थिरके कदम

तोकेलाल साड़ी टा दिबो मोकर पोरबे…, एक सड़ोके दु सड़ोके तीन सड़ोके लोक चोले आमार टुसू एकला चोले…, पोरे पाटा तअले पाटा, ताई बसेछे दारअगा, छाड़ दारअगा रास्ता छाड़अ,टुसू जाछे कईलकाता…, आमरा जे मां टुसू थापी,अघन संक्राइते गो, अबला बाछुरेर गबर,लबन चाउरेर गुड़ी गो…आदि टुसू गीतों पर महिलाएं, युवतियां व बच्चियां नाचती नजर आयी.

Also Read: New Year 2023: नये साल को लेकर धनबाद में चल रही जोरदार तैयारी, इस बार जमेगी बॉलीवुड सुरों की महफिल मांदर, नगाड़ा बजाते चल रहे थे लोग

शोभायात्रा में बड़ी संख्या में लोग मांदर, ढोल, नगाड़ा बजाते हुए चल रहे थे. नटुआ नाच की भी टीम चल रही थी. झूमर के कई दल भी थे. पहली बार शहर में आयोजित इस शोभायात्रा के दौरान विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए गोल बिल्डिंग से रणधीर वर्मा चौक तक सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया था. आयोजन समिति के कुछ सदस्य भी ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम बनाये रखने में लगे हुए थे.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें