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EXCLUSIVE: मैं तो बस एक फिल्म करने मुंबई आया था, उससे ज्यादा की ख्वाहिश नहीं थी- विजय वर्मा

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विजय वर्मा ने कहा, जब इंडस्ट्री में आया था, तो केवल एक ही फिल्म करना चाहता था. पहली फिल्म मिली, लेकिन कभी रिलीज नहीं हुई. बाद में सोचा कि बिना फिल्म में काम किए बिना नहीं जाऊंगा. ये तय कर लिया था, तो फिर काम ढूंढने लगा. आखिरकार एक फिल्म मिल गयी, जो रिलीज भी हुई. उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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अमेजॉन प्राइम वीडियो पर इन-दिनों वेब सीरीज दहाड़ स्ट्रीम कर रही हैं. इस सीरीज में अभिनेता विजय वर्मा अपने अभिनय के लिए सराहे जा रहे हैं. विजय वर्मा बताते हैं कि हम हमेशा से इस प्रोजेक्ट को लेकर थोड़े कॉंफिडेंट थे. स्क्रिप्ट अच्छी थी और शूट भी बहुत कायदे से किया. इस सीरीज के दो एपिसोड़ बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाए गए थे. जिसे लोगों ने सराहा था, तो एक भरोसा बढ़ गया था. उनकी इस वेब सीरीज और कैरियर पर उर्मिला कोरी के साथ हुई बातचीत के प्रमुख अंश….

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डार्लिंग के बाद एक बार फिर ग्रे किरदार क्या ऐसे किरदार ज़्यादा परफॉर्म करने का मौका देते हैं?

ग्रे किरदार थोड़े ज़्यादा मज़ेदार हैं, क्योंकि आपको खुद नहीं पता होता कि ये ऐसा क्यों करता है. ऐसे इंसान होते हैं, नहीं होते हैं. बहुत सारे सवाल आपके दिमाग में उभरते हैं. जब ऐसे किरदार आप निभाते हो, तो आप खुद इस तरह की पर्सनालिटी को स्टडी करते हो. दर्शकों के लिए भी ऐसे किरदारों को देखना मज़ेदार होता है, क्योंकि लाइफ में कुछ भी सफ़ेद और काला तो होता नहीं है. सब सफ़ेद के अंदर थोड़ा काला होता है और सब कालों के अंदर थोड़ा सफ़ेद होता है. हम सभी ग्रे हैं, मात्रा थोड़ी कम ज़्यादा हो सकती है, तो उस अलग-अलग मात्रा के साथ खेलने में मज़ा आता है.

पिछली बार से ज़्यादा बेहतरीन एक एक्टर के तौर पर पर्दे पर रह सकूं, क्या इसका भी प्रेशर होता है ?

मैं प्रेशर तो नहीं लेता हूं, लेकिन कुछ नए की तलाश जरूर करता हूं, ताकि सेट पर हर दिन मुझे भी काम करने में मजा आए कि आज ये अच्छा सीन कैमरे के सामने निकलकर आया है, जो भी तैयारी होती है. वो एक्शन और कट के बीच में सारी होती है. उसके लिए मैं कभी-कभी तीन महीने तैयारी करता हूं, तो कभी छह महीने का भी समय जाता है.

क्या इस तरह के किरदार आपको निजी ज़िन्दगी में प्रभावित करते हैं ?

(हंसते हुए) मुझे प्रभावित नहीं करते हैं, लेकिन लोगों को प्रभावित करते हैं.

आप थ्रिलर जॉनर की किन फिल्मों के मुरीद रहे हैं ?

हॉलीवुड साइलेंस ऑफ़ द लैम्ब मेरी आल टाइम फेवरेट है. उस फिल्म ने मेरे जेहन में एक बार सेट कर दिया है. मेरी कोशिश होती है कि उसके आसपास पहुंच सकूं. वैसे निर्देशिका रीमा कागती भी इस जॉनर की बहुत बड़ी फैन हैं. वो तो कहती हैं कि ऐसी कोई फिल्म देखें बिना मेरा दिन का खाना गले से नीचे नहीं उतरता है. इस सीरीज की शूटिंग के दौरान हमने बेहतरीन थ्रिलर फिल्मों और वेब सीरीज को लेकर सब बहुत डिस्कस किया.

सोनाक्षी सिन्हा के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा ?

सोनाक्षी के साथ काम करना बहुत आसान है. उनकी पर्सनालिटी काफी इजी है. उनके साथ काम करना आसान है. वो इतने बड़े घर से हैं. इतने बड़े सुपरस्टार की बेटी है. खुद भी सुपरस्टार हैं, तो एक जेहन में रहता है कि सेट पर वह ऑफ स्क्रीन बात करेंगी या नहीं. जब उनकी फिल्म दबंग आयी थी. मैं उस वक़्त से ही उनका फैन हो गया था. लुटेरा में तो वह कमाल की रही हैं. इस सीरीज में जिस तरह का किरदार उन्होंने किया है. उससे पहले उन्होंने वैसा किरदार नहीं किया था, तो उनको काम करते हुए देखने में मुझे मज़ा आ रहा था. ऑफ स्क्रीन हमने साथ में पार्टी से लेकर डांस सभी कुछ किया है.

इंडस्ट्री में अपनी जर्नी को किस तरह से देखते हैं ?

जब इंडस्ट्री में आया था, तो केवल एक ही फिल्म करना चाहता था. पहली फिल्म मिली, उसका साइनिंग अमाउंट भी मिला और उस पैसे से पार्टी कर ली, लेकिन फिल्म नहीं बनी. बिना फिल्म में काम किए बिना नहीं जाऊंगा. ये तय कर लिया था, तो फिर काम ढूंढने लगा. एक फिल्म मिली, लेकिन वो भी नहीं बनी. तीन साल के इन्तजार के बाद आखिरकार एक फिल्म मिल गयी, जो रिलीज भी हुई. उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. काफी उतार-चढ़ाव से भरी जर्नी रही है, लेकिन धीरे-धीरे ही सही मैं इंडस्ट्री में अपनी एक पहचान बनाने लगा. मैं इस बात के साथ इरफ़ान खान सर और मनोज बाजपेयी सर का शुक्रिया भी अदा करना चाहूंगा, जिन्होंने मेरे संघर्ष के दिनों में मुझे बहुत मोटिवेट किया. कई डायरेक्टर्स को मेरे नाम का सुझाव भी दिया. मनोज सर अभी भी मेरा काम देखने के बाद मुझे कॉल करके बधाई देते हैं.

आप खुद को आर्टिस्ट के तौर पर किस तरह से परिभाषित करेंगे ?

मैं नया कमर्शियल हूं, जो काम मैं कर रहा हूं. वो बहुत तादाद में लोगों तक पहुंच रहा है. एक बहुत बड़ा ऑडियंस बेस बन रहा है. एक नयी तरह की कहानी और कहने के उसके ढंग का मैं हिस्सा हूं. इससे मैं बहुत खुश हूं.

आपकी फिल्मों और सीरीज के चुनाव पर आपके परिवार का क्या रिएक्शन होता है ?

वो लोग बहुत सिंपल लोग हैं. उनको समझ नहीं आता है कि ये शूटिंग है. असली खून नहीं है. वे बहुत ही सिंपल मारवाड़ी हैं, जो हैदराबाद में रहते हैं. हमारे घर में बहुत सारे छोटे बच्चे भी हैं. सच कहूं तो मेरे करियर में उनकी रूचि नहीं है. वे मुझे वैसे ही देखते हैं , जैसे आज से बीस पच्चीस साल पहले देखते थे. ऐसा मेरे साथ बहुत होता है कि मेरा कोई काम आ रहा होता है और मैं अपने घरवालों को कहता हूं कि ये मत देखना. दहाड़ के लिए भी मैंने उन्हें यही कहा था, लेकिन वे लोग चोरी छिपे देख लेते हैं.

लेकिन आपकी प्रसिद्धि उन तक पहुंचती तो होगी ही

उनको काफी सारे लोग परेशान करते हैं कि फोटो खिंचवा दो. वीडियो कॉल करवा दो. ये करवा दो, वो करवा दो. हमारे घर नहीं आते हैं. वो सब उनको झेलना पड़ता है. मेरा व्हाट्सप्प स्टेटस है कि मैं जवाब नहीं देता हूं, तो मैं बच जाता हूं.

लगातार अच्छा काम करने की वजह से इंडस्ट्री में क्या बदलाव आप पा रहे हैं ?

पेमेंट बहुत अच्छी होने लग गयी है. ज़रूरत और कम्फर्ट दोनों को आराम से मैनेज कर ले रहा हूं. पिछले दो सालों से हर दूसरे दिन मेरे पास एक कहानी आ रही है. अभी नहीं कर पाऊंगा, जब मैं ये बोलता हूं, तो कई बार वो बोलते हैं कि हम इंतज़ार कर लेंगे, तो बहुत रिवार्डिंग जैसा अनुभव है.

आपकी निजी ज़िन्दगी भी इन-दिनों सुर्ख़ियों में है, तमन्ना भाटिया के साथ आपके रिश्ते की चर्चा आम है?

कभी और इस पर बात करेंगे, लेकिन इतना ज़रूर कहूंगा कि मैं बहुत ही हैप्पी स्पेस हूं.

आपके आनेवाले प्रोजेक्ट्स

सुजॉय घोष की फिल्म आएगी और उस फिल्म में डार्क किरदार में नहीं दिखूंगा, काफी अलग भूमिका होगी. दो तीन प्रोजेक्ट्स और हैं. कुछ थिएटर में आएंगी. कुछ ओटीटी पर.

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