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धनबाद में लाखों ठेका मजदूरों को नहीं मिलता उचित बोनस, जाने क्यों

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कोयला उत्पादन में अहम भूमिका में होने के बावजूद ठेका मजदूरों को सात-आठ हजार रुपये भी बोनस (bonus) नसीब नहीं होता. जबकि ठेका मजदूरों को उनके सालाना वेतन का 8.33 प्रतिशत बोनस देने का प्रावधान है. जिससे ठेका मजदूरों में असंतोष है.

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Dhanbad News: दुर्गापूजा से पूर्व जहां हर साल विभिन्न विभागों के कर्मियों को अच्छा-खासा बोनस मिलता है. वहीं कोयला उत्पादन में अहम भूमिका में होने के बावजूद आउटसोर्सिंग मजदूरों को सात-आठ हजार रुपये भी बोनस नसीब नहीं होता. बीसीसीएल, इसीएल व सीसीएल समेत अन्य विभिन्न कोल कंपनियों में कार्यरत कुछ आउटसोर्सिंग कंपनियां अपने कर्मियों को बोनस तो देती हैं, परंतु इसके लिए तय नियमों के अनुसार बोनस का भुगतान नहीं किया जाता. कुछ आउटसोर्सिंग कंपनियां तो एडवांस के रूप में बोनस देती हैं. इससे ठेका मजदूरों में असंतोष है.

लाखों ठेका मजदूरों को उचित बोनस नहीं मिलता

ज्ञात हो कि देश में 70-80 फीसदी कोयल उत्पादन आउटसोर्सिग कंपनियां कर रही हैं. इसके बावजूद इनमें कार्यरत लाखों ठेका मजदूरों को उचित बोनस नहीं मिलता. जानकारी के मुताबिक ठेका मजदूरों को उनके सालाना वेतन का 8.33 प्रतिशत बोनस देने का प्रावधान है.

बोनस से वंचित रह जाते है ठेका मजदूर

बोनस की बैठक में कोयला मजदूरों के साथ-साथ ठेका मजदूरों के बोनस पर भी प्रबंधन व यूनियन नेता सहमति जताते हैं, इसके बाद भी अधिकांश मजदूर बोनस से वंचित रह जाते है. केंद्र सरकार ने बोनस एक्ट 1965 में संशोधन का जो प्रस्ताव लाया है उसके तहत वेतन की सिलिंग अब 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 21 हजार रुपये कर दी गयी है. जबकि पूर्व में 10 हजार रुपये वेतन पानेवाले को मात्र तीन हजार रुपये सालाना बोनस मिलता है. अब 21 हजार रुपये की सिलिंग होने से मजदूरों को न्यूनतम सात हजार रुपये तक बोनस देने का प्रावधान है. परंतु कोल इंडिया की किसी भी अनुषंगी कंपनी में आउटसोर्सिग प्रबंधन व ट्रांसपोर्टर नियमानुसार बोनस का भुगतान नहीं करते हैं.

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प्रबंधन के पास ठेका मजदूरों का सही आंकड़ा तक नहीं

कोयला उद्योग में फिलहाल आउटसोर्स में कार्यरत ठेका मजदूरों की संख्या तीन से चार लाख है, लेकिन कोल इंडिया प्रबंधन के पास ठेका मजदूरों का सही आंकड़ा तक नहीं है. हालांकि एक जुलाई 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक कोल इंडिया में करीब 89, 079 सूचीबद्ध ठेका मजदूर कार्यरत हैं. इसमें सर्वाधिक एमसीएल में 21,590, एनसीएल में 20,265, एसइसीएल में 14,912 व डब्ल्यूसीएल में 11,107 सूचीबद्ध ठेका मजदूर हैं. वहीं बीसीसीएल में 6,110, इसीएल में 7,045 व सीसीएल में 6,461 सूचीबद्ध ठेका कर्मी हैं.

बीएमएस कोल इंडिया प्रबंधन से करेगी मांग

जेबीसीसीआइ सदस्य केपी गुप्ता ने कहा कि यह सही है कि ठेका मजदूर वर्तमान में कोयला उत्पादन की रीढ़ हैं. परंतु इस बार उन्हें कम से कम 10 हजार रुपये बोनस मिले. बीएमएस कोल इंडिया प्रबंधन से यह मांग करेगी. इस बाबत कोयला मंत्री से भी बीएमएस की वार्ता हुई है.

रिपोर्ट: मनोहर कुमार, धनबाद

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