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बरेली: कमीशन के खेल में गड्ढा मुक्त अभियान को पलीता लगा रहे माननीय सदस्य, जानें सड़क खोदने वाले जगवीर

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बरेली में शासन से बारिश में खराब सड़कों के गड्डे भरने के लिए 236 करोड़ रूपये की राशि जारी की गई थी. सीएम योगी के इस अभियान को उनके माननीय कमीशन के खेल में पलीता लगाने में जुटे हुए हैं.

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बरेली : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए गड्ढा मुक्त सड़क अभियान चला रहे हैं. उनका यह अभियान सीएम की कुर्सी पर बैठने के बाद वर्ष 2017 से ही शुरू हो गया था, जो लगातार चल रहा है. पिछले महीने ही सीएम ने बारिश से खराब सड़कों के गड्डे भरने को 236 करोड़ रूपये की राशि जारी की थी. इस राशि से 50 हजार किमी.सड़कों के गड्डे भरने का काम शुरू हो चुका हैं. मगर, सीएम योगी आदित्यनाथ के गड्ढा मुक्त अभियान को उनके ही माननीय कमीशन के खेल में पलीता लगाने में जुटे हैं. बरेली मंडल के पीलीभीत जनपद के एक माननीय (विधायक) ने पिछले महीने अपने करीबी के फोन से व्हाट्सएप कॉल कर ठेकेदार को कमीशन के चक्कर में गलियां दी थी. उन्होंने पीलीभीत में न घुसने के साथ ही जान से मारने तक की चेतवानी दे डाली थी.

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कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद ने जताई नाराजगी

इस मामले में माननीय से खौफजदा पीड़ित ठेकेदार ने शहर के बारादरी थाने में आरोपी के मोबाइल नंबर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. हालांकि, पुलिस अफसर भी माननीय के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई थी. इसमें मुख्यमंत्री ने आईजी डॉक्टर राकेश सिंह को जांच सौंपी है. यह जांच चल रही है. मगर, इससे पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ का करीबी बताकर अफसरों और कारोबारियों पर रौब गांठ कर वसूली करने के आरोपी एक माननीय के करीबी ने कमीशन के चक्कर में 400 मीटर से अधिक लंबी सड़क ही जेसीबी से खुदबा दी. सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार ने विरोध किया, तो उसके कर्मचारियों की धुनाई करा दी. इसके साथ ही कार्रवाई कराने की धमकी तक दे डाली. मगर, मामला यूपी के पीडब्ल्यूडी मंत्री के जनपद का था. जिसके चलते कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद का भी पारा चढ़ गया. उन्होंने भी माननीय की दबंगई पर नाराजगी जताई. इस मामले में भी माननीय के करीबी और प्रतिनिधि समेत 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

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जानें क्यों खुदवाई सड़क

शाहजहांपुर के जैतीपुर से दातागंज-बदायूं मार्ग पर टू लेन की नई सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है. शाहजहांपुर सीमा में लगभग सात किलोमीटर का हिस्सा पड़ता है. इसकी लागत करीब 12 करोड़ से भी अधिक की बताई जा रही है. ऐसे में करीब चार किलोमीटर की सड़क का निर्माण हो भी चुका है. इस सड़क का निर्माण गोरखपुर के ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है. आरोप है कि बीजेपी विधायक वीर विक्रम सिंह उर्फ प्रिंस के इशारे पर उनके राइट हैंड जगबीर सिंह ने ठेकेदार से 40 लाख रुपए कमीशन मांगी थी.

सड़क निर्माण करा रही संस्था के प्रबंधक रमेश सिंह ने आरोप लगाया कि आरोपी जगबीर सिंह खुद को विधायक का प्रतिनिधि बताता है. उसने घटना से पहले भी कई बार आकर कर्मचारियों को भयभीत कर पांच प्रतिशत कमीशन देने की मांग की थी. आरोप है कि 2 अक्टूबर को भाजपा विधायक वीर विक्रम सिंह के प्रतिनिधि जगबीर सिंह ने अपने 10-15 साथियों के साथ सड़क बना रहे कर्मचारियों को लाठी-डंडों से पीटा और जेसीबी चलाकर बनी हुई सड़क को आधा किलोमीटर तक उखाड़ दिया.

विधायक से ज्यादा जगवीर दबंग

क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि वीर विक्रम सिंह के राइट हैंड जगबीर सिंह के पिता, वीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मुन्ना के खास हुआ करते थे. अब चूंकि वीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मुन्ना के बड़े बेटे वीर विक्रम सिंह उर्फ प्रिंस बीजेपी से विधायक बन गए हैं, तो उनके सारे कामकाज जगबीर सिंह देखते हैं. आरोप लगाए जा रहे हैं कि जगबीर सिंह ने अपनी दबंगई के बल पर सैकड़ों बीघे जमीन खरीदी है. यही नहीं क्षेत्र में उसका सिक्का चलता है. फिर चाहे काम छोटा हो, या बड़ा, बिना जगबीर सिंह के मर्जी के पत्ता तक नहीं हिलता.

विधायक की तरह उनका प्रतिनिधि जगवीर भी दबंग है. वह विधायक के साथ सुबह से रात तक रहता है. उनकी कमीशन, और दबंगई के खौफ में उनके विधानसभा क्षेत्र में कोई टेंडर नहीं डालता. पीलीभीत और शाहजहांपुर में वही ठेकेदार टेंडर डालता है, जो पहले माननीय की कमीशन दे आए. अन्यथा इसी तरह का हश्र होता है.

नई कार के नाम पर लाखों की वसूली

एक अधिकारी ने दबी जुंबा से बताया कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार मुक्त यूपी बनाने की मुहिम में जुटे हैं. मगर, माननीय बिना कमीशन के कोई कार्य ही नहीं होने देते. बोले कुछ दिन पहले जगवीर ने 7 से 10 लाख रूपये कीमत की नई कार खरीदी है. मगर, इस कार के नाम पर राशन विक्रेता से लेकर अफसर, कर्मचारियों, राशन विक्रेता और कारोबारियों से 40 से 50 लाख रूपये की वसूली की गई. इस तरह की वसूली हमेशा माननीय और जगवीर के यहां वाले किसी कार्य या आयोजन के दौरान की जाती है.

विधायक के बेटे ने टेंडर लेने पर ठेकेदार को पीटा

शाहजहांपुर की ही ददरौल विधानसभा क्षेत्र की दो सड़कों के टेंडर लेने पर भाजपा विधायक मानवेंद्र सिंह के बेटे विमल सिंह पर 5 फरवरी, 2023 को अपने साथियों के साथ ठेकेदार मोहित अवस्थी को पीटने का आरोप लगा था. आरोप है कि ठेकेदार को गाड़ी में डालकर अगवा किया गया. ठेकेदार ने किसी तरह भागकर जान बचाई. पीड़ित ने सदर थाने में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की है. पीड़ित का राजकीय मेडिकल कॉलेज में मेडिकल कराया गया था.

मोहित ने सदर थाने में तहरीर देकर बताया था कि वह चार फरवरी को शाम करीब साढ़े सात बजे मुख्य डाकघर स्थित साइबर कैफे पर टेंडर की ऑनलाइन प्रक्रिया को देख रहे थे. आरोप है कि कैफे पर विमल सिंह अपनी सफेद गाड़ी से अन्य साथियों के साथ आए. टेंडर डाले जाने की नाराजगी दिखाते हुए उनके साथ मारपीट करना शुरू कर दिया. इसके बाद उन्हें अपनी गाड़ी में डालकर ओसीएफ रामलीला मैदान की ओर ले जाकर मारपीट की.

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जांच टीम जुटी हुई है नुकसान की होगी भरपाई- एसपी

एसपी अशोक कुमार मीणा ने मीडिया को बताया कि पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा. इसके पहले उन्होंने दर्ज कराई गई. रिपोर्ट के हवाले से बताया था कि जैतीपुर थाना क्षेत्र में जैतीपुर से नवादा होते हुए बदायूं जिले को जाने वाले राजमार्ग का निर्माण कराया जा रहा है. यह काम करा रही संस्था के प्रबंधक रमेश सिंह ने पिछली तीन अक्टूबर को इस मामले में आरोपी विधायक प्रतिनिधि समेत 20 अन्य लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें बना दीं. पुलिस ने पंचू, जेसीबी के ड्राइवर पवन, सुरजीत और रामबरन के अलावा विधायक के प्रतिनिधि जगबीर के भाई विनोद को गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि आरोपी की निशानदेही पर जेसीबी को भी बरामद कर लिया गया है.

मामले में आरोपियों पर रंगदारी मांगने की धारा 386 भी लगाई गई है. अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) संजय कुमार पांडेय ने बताया कि इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता से सारी जानकारी हासिल की गई. आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. उन्होंने कहा कि उपजिलाधिकारी तिलहर की अध्यक्षता में एक टीम बनाई गई है, जो पूरे मामले की जांच कर रही है. उन्होंने बताया कि जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद जो भी विधिक कार्रवाई होगी, वह की जाएगी. उन्होंने कहा कि आरोपियों द्वारा सड़क खुदवाकर जो नुकसान किया गया है, उसका भी मूल्यांकन कराया जा रहा है.

माननीय के पिता रह चुके हैं पांच बार विधायक

वीर विक्रम सिंह उर्फ प्रिंस 2017 में पहली बार मीरानपुर कटरा विधानसभा से विधायक बने थे. 2022 में पार्टी ने फिर से उन पर भरोसा जताते हुए मीरानपुर कटरा से ही चुनावी मैदान में उतारा. वीर विक्रम सिंह पार्टी के भरोसे पर खरे उतरे और दोबारा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. मगर, इनके पिता वीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मुन्ना पांच बार के विधायक हैं. उनके ही व्यवहार के कारण वह दूसरी बार विधायक बने थे.

रिपोर्ट-मुहम्मद साजिद, बरेली

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