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Chhath Puja 2021 : झारखंड का एक ऐसा गांव, जहां छठ में पैसरा धान से ही बनाया जाता है खरना का प्रसाद

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भले ही अन्य शहरों या राज्यों में रेडिमेड चावल से प्रसाद बनाया जाता है, लेकिन यहां नये धान की फसल के चावल से खरना का प्रसाद बनाया जाता है. इतना ही नहीं, नए धान की बाली को छठ घाट एवं आंगन में पूजा के दौरान चढ़ाया जाता है.

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Chhath Puja 2021, हजारीबाग न्यूज (संजय सागर) : लोक आस्था का महापर्व छठ पर भले ही झारखंड-बिहार के अन्य शहरों में दुकानों से खरीदे गये रेडिमेड चावल से खरना एवं ठेकुआ प्रसाद बनाया जाता हो, लेकिन झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड में खेतों से उपजे पैसरा धान को सिरककर सुखाने के बाद उसके चावल से खरना का प्रसाद बनाया जाता है.

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झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कगांव में पैसरा धान से आज भी छठ में खरना का प्रसाद बनाया जाता है. इसके लिए नये धान के चावल को पहले पानी में फुला कर जांता एवं लोढ़ा-सिलवट में पिसते हैं. इसके बाद ठेकुआ का प्रसाद बनाया जाता है. जिसे छठ घाट पर प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है.

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छठ व्रती सीमा बादल कहती हैं कि उनके घर में 1982 से छठ पूजा हो रही है. वे जब मायके बोकारो से बड़कागांव आईं, तो यहां की संस्कृति उन्हें सबसे अलग दिखी. भले ही अन्य शहरों या राज्यों में रेडिमेड चावल से प्रसाद बनाया जाता है, लेकिन यहां नये धान की फसल के चावल से खरना का प्रसाद बनाया जाता है. इतना ही नहीं, नए धान की बाली को छठ घाट एवं आंगन में पूजा के दौरान चढ़ाया जाता है. छठ माता से विनती की जाती है कि इसी तरह हर वर्ष धान की पैदावार अधिक हो. जिससे सभी को अन्न मिल सके.

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छठ व्रती राजश्री देवी कहती हैं कि वे 1982 से छठ पूजा कर रही हैं. पूजा करने से उन्हें काफी फायदा मिला. छठी मइया के आशीर्वाद से उनके बच्चे पढ़-लिखकर अच्छे पदों पर देश की सेवा कर रहे हैं.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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