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चंद्रयान-3 की उपलब्धि पर हजारीबाग के स्कूल में मना जश्न, इसरो टीम में शामिल डॉ गौरव ने की है यहां से पढ़ाई

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गौरव जयसवाल, हजारीबाग जिले के आश्रम रोड कुम्हारटोली का रहने वाला है. पिता का नाम प्रदीप कुमार जयसवाल और माता का नाम ललिता जयसवाल है. गौरव जयसवाल प्रारंभिक कक्षा से 12वीं कक्षा तक जेवियर्स स्कूल हजारीबाग से पढ़ाई किये हैं. इस उपलब्धि पर स्कूल में गुरुवार को जश्न मनाया गया.

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हजारीबाग, सलाउद्दीन : संत जेवियर्स स्कूल हजारीबाग के छात्र रहे डॉ गौरव जयसवाल चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग करने वाले टीम के सदस्य हैं. पूर्ववर्ती छात्र कि इस उपलब्धि पर स्कूल में गुरुवार को जश्न मनाया गया. पूरा जेवेरियन परिवार गर्व से अभिभूत है. इसरो की टीम में संत जेवियर्स स्कूल संस्थान का एक छात्र भी शामिल है.

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कौन है डॉ गौरव जयसवाल

गौरव जयसवाल, हजारीबाग जिले के आश्रम रोड कुम्हारटोली का रहने वाला है. पिता का नाम प्रदीप कुमार जयसवाल और माता का नाम ललिता जयसवाल है. गौरव जयसवाल प्रारंभिक कक्षा से 12वीं कक्षा तक जेवियर्स स्कूल हजारीबाग से पढ़ाई किये हैं. डॉ. जयसवाल 2019 से इसरो में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं. वह 2012 से 2015 तक नेशनल इंटरप्राइज फॉर नैनोसाइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी, एसएनएस-पीआईएसए इटली में रिसर्च फेलो थे. उन्होंने पीएडीयूए इटली से पीएचडी की टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च महाराष्ट्र में पूर्व जूनियर रिसर्च फेलो थे. उन्होंने 2004 में इस संस्थान से विज्ञान में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की. स्कूल को अपने संदेश में उन्होंने गर्व से घोषणा की कि सेंट जेवियर्स में जो ज्ञान का बीज दिखाया गया था वह अब एक छायादार पेड़ के रूप में स्थापित हो गया है.

इसरो का हिस्सा बनकर धन्य महसूस करते हैं गौरव जयसवाल

उन्होंने कहा कि स्कूल में सीखे गए मूल्य हमेशा उनके लिए मार्गदर्शक रहे हैं. वह दुनिया को गर्व से कह सकते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक चिप्स बनाने वाला एक जेवेरियन अब चांद पर है. सीसीडी कैमरा, सेंसर और लैंडर प्रोसेसर जैसे इलेक्ट्रॉनिक घटक उस प्रयोगशाला में बनाए गए थे. जहां वह काम करते हैं. वह टीम का हिस्सा होने पर गर्व महसूस करते हैं और इसरो का हिस्सा बनकर धन्य महसूस करते हैं.

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डॉ गौरव जायसवाल ने टेलिफोनिक संदेश प्राचार्य को दिया

हजारीबाग के छोटे से शहर से निकलकर इसरो तक का सफर बेहद चुनौतीपूर्ण और अनुभवों से भरा रहा है. स्कूल को अपने टेलीफोनिक संदेश में उन्होंने स्वीकार किया कि हर साल आयोजित होने वाली विज्ञान प्रदर्शनी ने उनके मन को कम उम्र में ही अनुसंधान और अंतरिक्ष के प्रति जिज्ञासु बना दिया. अपने समर्पण, कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता से भारत को गौरवान्वित करने वाले अपने बेटे पर हजारीबाग को गर्व है.

प्रचार और शिक्षकों ने भेजा बधाई संदेश

सेंट जेवियर्स स्कूल, हजारीबाग के प्राचार्य फादर रोशनर खालको और पूरे जेवेरियन परिवार के संकाय सदस्य डॉ. गौरव जयसवाल को इस ऐतिहासिक योगदान के लिए बधाई भेजा है. उनके भविष्य के प्रयासों में सफलता की कामना करते हैं.

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