25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

छत्तीसगढ़ में वोटकटवा बनकर रह गईं ये राष्ट्रीय पार्टियां, लगातार घटता गया जनाधार

Advertisement

छत्तीसगढ़ में अब तक के जितने भी चुनाव हुए हैं, उनमें कई राष्ट्रीय पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारे. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को छोड़ दें, तो बाकी की राष्ट्रीय पार्टियां वोटकटवा बनकर रह गईं हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

विधानसभा चुनाव में कुछ राजनीतिक पार्टियां वोटकवा पार्टी बनकर रह गईं हैं. इसमें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ-साथ बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) भी शामिल है. खासकर छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में. शरद पवार की पार्टी एनसीपी और वामपंथी दलों की स्थिति दिनोंदिन खराब होती चली गई. चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि सीपीआई, सीपीएम, एनसीपी और बीएसपी के वोट शेयर लगातार गिरते गए हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा के पिछले चार चुनावों के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि वर्ष 2003 में सीपीआई का वोट बैंक 1,03,776 था. वर्ष 2008 के चुनाव में यह बढ़कर 1,20,184 हो गया. लेकिन, इसके बाद के चुनावों में सीपीआई के वोट शेयर में भारी गिरावट आने लगी. वर्ष 2013 के चुनाव में तो पार्टी के उम्मीदवारों को महज 86,323 वोट हासिल हुए. वर्ष 2018 में इनकी और दुर्गति हो गई. इस बार पार्टी के सभी उम्मीदवारों को मिलाकर सिर्फ 48,255 वोट ही मिल पाए. इस तरह सीपीआई का वोट शेयर 1,20,184 से घटकर एक तिहाई से कुछ अधिक रह गया. पार्टी के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई.

- Advertisement -

सीपीएम का कभी नहीं रहा छत्तीसगढ़ में जनाधार

अब बात करते हैं पश्चिम बंगाल में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली पार्टी सीपीएम का. इस पार्टी का यूं तो पहले भी कोई बड़ा जनाधार छत्तीसगढ़ में नहीं था, लेकिन इसका वोट बैंक एक तिहाई से भी कम रह गया. वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में सीपीएम को 27,521 वोट मिले थे. वर्ष 2008 के चुनाव में यह आंकड़ा घटकर 25,655 रह गया. वर्ष 2013 में वोट घटकर 10,744 और वर्ष 2018 में महज 8,355 रह गया. सीपीएम के सभी उम्मीदवार अपनी जमानत गंवा बैठे.

एनसीपी के वोट बैंक में अप्रत्याशित गिरावट

मराठा छत्रप शरद पवार की पार्टी के वोट बैंक में अप्रत्याशित रूप से गिरावट आई है. वर्ष 2003 के बाद हुए विधानसभा चुनाव में इस पार्टी की वोट में हिस्सेदारी 90 फीसदी से अधिक घट गई. जी हां, एनसीपी को वर्ष 2003 में छत्तीसगढ़ के पहले विधानसभा चुनाव में 6,77,983 वोट मिले थे. लेकिन, इसके बाद वर्ष 2008 में जब चुनाव हुए, तो वोट की संख्या घटकर 56,257 रह गई. इसके पांच साल बाद वर्ष 2013 में जब चुनाव हुए, तो यह संख्या और घट गई. इस बार पार्टी को सिर्फ 39,124 वोट मिले. वर्ष 2018 के चुनावों में तो उसे अब तक का सबसे कम वोट मिला. इस बार एनसीपी के उम्मीदवारों को कुल 28,983 वोट मिले. उसके सभी प्रत्याशियों की जमानत भी जब्त हो गई.

Also Read: सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली कांग्रेस के इतने प्रत्याशियों की हुई थी जमानत जब्त, बीजेपी ने बचाई जमानत

बीएसपी के वोट बैंक में भी आई कमी

मायावती की पार्टी बीएसपी के वोट बैंक में पिछले तीन चुनावों में कमी तो आई है, लेकिन सीपीआई, सीपीएम और एनसीपी की तरह अप्रत्याशित गिरावट दर्ज नहीं की गई है. हर चुनाव में बहनजी की पार्टी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है. अब भी साढ़े पांच लाख से अधिक का उनका वोट बैंक है. वर्ष 2003 में पार्टी को 4,29,334 वोट मिले थे, जबकि वर्ष 2008 में 6,56,210, वर्ष 2013 में 5,58,424 और वर्ष 2018 में 5,52,313 वोट मिले.

Also Read: छत्तीसगढ़ चुनाव : कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची पर कुमारी शैलजा का बड़ा बयान, कहा- 75 सीटें जीतने का लक्ष्य

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें