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CBSE Credit System: एनईपी के तहत लागू होगा क्रेडिट सिस्टम, जानें कितने घंटे के लिए मिलेगा कितना अंक

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सीबीएसई स्कूलों में पहली बार क्रेडिट सिस्टम लागू होने जा रहा है. सीखने को बढ़ावा देना इसका मोटिव है. नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क की शुरुआत से बच्चों पर पढ़ाई को आसान बनाया जा सकेगा.

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति या एनईपी 2020 के तहत सीबीएसई पूरे देश के स्कूलों में क्रेडिट सिस्टम अर्थात क्रेडिट प्रणाली की शुरुआत करने जा रहा है. इसे शिक्षा मंत्रालय द्वारा सबसे बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. सीबीएसई ने अगले शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में क्रेडिट सिस्टम लागू करने की योजना बनाई है. यह क्रेडिट प्रणाली कक्षा 5 से शुरु की जाएगी.

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क्रेडिट सिस्टम की शुरुआत

क्रेडिट प्रणाली को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों में पहले ही पेश किया जा चुका है. राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क (एनएचईक्यूएफ) कक्षा 10 से कॉलेज और विश्वविद्यालय तक शुरू होने वाला एक क्रेडिट सिस्टम है जो स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग और कौशल विकास विभाग द्वारा डिजाइन की गई है. क्रेडिट सिस्टल से जो बड़े बदलाव होने हैं वो एजुकेशन को 8 तरीकों में बांटता है.

सीखने को बढ़ावा देना मोटिव

नई एजुकेशन पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए इसके तहत कक्षा 6 से 12वीं तक पढ़ने वाले हर छात्र को अपनी पढ़ाई पूरी करने व सिलेबस को अच्छे से सीखने को बढ़ावा देना मोटिव है. इसके तहत कम से कम 1200 घंटे पूरे करने पर छात्रों को 40 क्रेडिट अंक मिलेंगे. इसके तहत सभी विषयों को कवर किया जाएगा. क्रेडिट की जानकारी मार्कशीट में लिखी जाएगी. विकसित देशों की शिक्षा व्यवस्था में क्रेडिट सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है. इससे छात्रों को कई तरह के फायदे होते हैं जैसे यह पता चल पाता है कि पढ़ाई करने या सीखने के दौरान छात्र के पास कितना वर्कलोड था और वर्कलोड का उसके डेवलपमेंट पर क्या असर पड़ा.

नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क की शुरुआत

शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल के लेवल पर नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क की शुरुआत करने की योजना बनाई है. क्लास 5 से इसकी शुरुआत होगी जहां एक छात्र को क्रेडिट लेवल-1 तक पहुंचने के लिए प्रति वर्ष 800 से 1,000 घंटे पूरे करने होते हैं और लेवल-2 तक पहुंचने के लिए कक्षा 8 में उतने ही समय के लिए पढ़ाई करनी होती है. प्रत्येक वर्ष के लिए क्रेडिट स्तर 0.5 तक बढ़ जाएगा. कक्षा 10 में छात्र लेवल तीन पर और कक्षा 12 में लेवल चार पर होगा.बिताए गए घंटों में मूल्यांकन के लिए खेल, योग और संगीत जैसी एक्सट्रा एक्टीविटीज भी शामिल है. छात्रों को अर्जित क्रेडिट के आधार पर ग्रेड प्वाइंट मिलेंगे.

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