13.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 07:37 am
13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

ममता बनर्जी सरकार पर हाइकोर्ट की तल्ख टिप्पणी- लोगों को सुरक्षा देने में राज्य फेल, चुनाव परिणाम पर कही ये बात

Advertisement

हाइकोर्ट ने पंचायत चुनाव में हिंसा को लेकर भी राज्य सरकार के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद भी राज्य हिंसा की रोकथाम नहीं कर पा रहा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

कलकत्ता हाइकोर्ट ने बुधवार को कहा कि पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव और इसके परिणामों की घोषणा मतदान के दिन चुनावी धांधली होने के आरोपों से जुड़े विषयों की सुनवाई के सिलसिले में उसके (अदालत के) अंतिम आदेश पर निर्भर करेगी. हाइकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग (एसइसी), राज्य सरकार और केंद्र सरकार को चुनावी धांधली के आरोप लगाने वाली तीन याचिकाओं पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.

- Advertisement -

चीफ जस्टिस की खंडपीठ में हुई सुनवाई

बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘चुनाव प्रक्रिया और इसके परिणामों की घोषणा इस रिट याचिका में पारित हो सकने वाले आदेशों पर निर्भर करेगी.’ अदालत ने निर्देश दिया कि आयोग को उन सभी उम्मीदवारों को इस पहलू की सूचना देनी चाहिए, जिन्हें विजेता घोषित किया गया है.

राज्य नागरिकों की सुरक्षा करने की स्थिति में नहीं, तो यह गंभीर विषय

वहीं, मामले की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने पंचायत चुनाव में हिंसा को लेकर भी राज्य सरकार के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद भी राज्य हिंसा की रोकथाम नहीं कर पा रहा है. अदालत ने कहा : यदि राज्य सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा करने की स्थिति में नहीं है, तो यह एक बहुत गंभीर विषय है. ऐसा लग रहा है कि यहां आम नागरिकों की रक्षा करने में राज्य सरकार विफल रही है.

कोर्ट ने कहा- लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी

खंडपीठ ने कहा कि राज्य को लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी. हिंसा की इतनी शिकायतें क्यों हैं? लगभग सभी लोग अदालत में यह कहते हुए आये हैं कि अशांति अभी भी जारी है. बम गिर रहा है. लोग मर रहे हैं यह सब क्या है?

6000 मतदान केंद्रों पर फिर से वोटिंग कराने की मांग

उल्लेखनीय है कि राज्य में आठ जुलाई को हुए पंचायत चुनावों में बड़े पैमाने पर हिंसा और चुनावी धांधली होने के आरोप लगाते हुए याचिकाओं में राज्य चुनाव आयोग को करीब 6,000 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. पुनर्मतदान 696 मतदान केंद्रों पर कराया गया और 11 जुलाई को मतगणना हुई थी.

कोर्ट में पेश हुआ चुनावी धांधली का वीडियो

याचिकाकर्ता ने एक वीडियो दिखाया था जिसमें मतदान के दिन कथित चुनावी धांधली को प्रदर्शित किया गया था. अदालत ने याचिकाकर्ता को इस वीडियो की प्रति आयोग, राज्य सरकार और केंद्र के वकीलों को गुरुवार तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. अदालत ने निर्देश दिया कि विषय को सुनवाई के लिए 19 जुलाई को उसके समक्ष रखा जाये.

राज्य चुनाव आयोग का जवाब पर्याप्त नहीं

बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य निर्वाचन आयोग के प्रति अप्रसन्नता प्रकट करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि आयोग का जवाब पर्याप्त नहीं है और बुधवार को भी इसका कोई अधिकारी अपने वकीलों को आवश्यक निर्देश देने के लिए अदालत में उपस्थित नहीं था.

पंचायत चुनाव पर कोर्ट ने जारी किये थे दिशा-निर्देश

अदालत ने कहा : यह स्पष्ट नहीं है कि आयोग क्यों पहले से सक्रिय नहीं है, खासतौर पर तब, जब अदालत पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रही है और प्रथम फैसला 13 जून को सुनाया गया था. उल्लेखनीय है कि अदालत ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए सिलसिलेवार दिशा-निर्देश जारी किये थे.

अदालत मामले को गंभीरता से लेगी

मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने कहा कि कोर्ट विशेष रूप से केंद्रीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की प्रभावी तैनाती और उपयोग में असहयोग करने के आयोग के खिलाफ आरोपों पर गौर करेगी. यदि राज्य अपने लोगों को सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकता है, तो अदालत इस मामले को गंभीरता से लेगी. आयोग को इस संबंध में हलफनामा दाखिल करना चाहिए. अदालत हर चीज़ की निगरानी कर रही है. मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील ने भी आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमें आयोग की ओर से संवेदनशील बूथों की सूची नहीं प्रदान की गयी.

किस-किस ने हाइकोर्ट में दायर की है याचिका

पहले याचिकाकर्ता पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी हैं. दूसरी याचिकाकर्ता भी भाजपा नेता और कलकत्ता हाइकोर्ट की वकील प्रियंका टिबरेवाल हैं, जबकि तीसरा याचिकाकर्ता एक व्यक्ति फरहाद मलिक है.

Also Read: Bengal Panchayat Chunav Result 2023: हिंसा में मारे गये लोगों के परिजनों को 2 लाख मुआवजा व नौकरी : ममता बनर्जी

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें