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बाढ़ से घिरे गांव, नाव पर निकली शवयात्रा,पढ़िए कहां हुआ अंतिम संस्कार

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बिहार में बाढ़ का कहर जारी है. बाढ़ से सबसे ज्यादा उत्तर बिहार का क्षेत्र प्रभावित है. पूरा क्षेत्र के पानी -पानी हो जाने के कारण लोगों को अब अपनी जरुरतों के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है.

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दरभंगा. बिहार में बाढ़ का कहर जारी है. बाढ़ से सबसे ज्यादा उत्तर बिहार का क्षेत्र प्रभावित है. पूरा क्षेत्र के पानी -पानी हो जाने के कारण लोगों को अब अपनी जरुरतों के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है. इसकी एक बानगी दरभंगा में दिखी. जहां मौत के बाद उसे जलाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

दरभंगा के कुशेश्वरस्थान प्रखंड के महिसौत गांव के रहने वाले 90 वर्षीय सिवनी यादव की मौत हो गई. हर ओर पानी रहने के कारण अंतिम संस्कार की समस्या उत्पन्न हो गई. गांव में कोई ऐसा सूखा हुआ जमीन उपलब्ध नहीं हो सका जहां पर उनका अंतिम संस्कार किया जा सका. गांव के श्मशान में भी पानी रहने के कारण गांव के लोगों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई.

ऐसे में ग्रामीणों ने मजबूरी में एक तरकीब निकाली और गांव से सटे श्मशान में बीच मझधार में बांस का चचरी बनाया और उसे पानी मे खूंटे के सहारे खड़ा किया. इसके ऊपर मिट्टी से बना गोल घेरा (गांव में कोठी कहते हैं जिसमे अनाज को सुरक्षित रखा जाता है) रख कर उसके अंदर शव को रख दिया फिर ऊपर से लकड़ी रख दिया गया. इसके बाद शव को ग्रामीणों के द्वारा गाजा बाजा के साथ नाव से अंतिम सफर के लिये निकाला गया और नाव से ही शव को लेकर उस जगह पर ग्रामीण भी जुटे. जिसके बाद शव को मुखग्नि दी गई.

नाव पर ही करनी पड़ी परिक्रमा

इलाके में बाढ़ का कहर ऐसा था कि मुखाग्नि देने वाले को भी नाव से ही शव के चारों तरफ घुमना पड़ा. मृतक के बेटे रामप्रताप यादव ने बताया कि पिताजी 90 साल से ज्यादा उम्र के थे. वो अब बीमार रहते थे और इसी दौरान उनकी मौत हो गई जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया. राम ने बताया कि बाढ़ के कारण हम लोग शव को नाव से श्मशान तक ले गए और बांस क चचरी पर कोठी रख कर किसी तरह संस्कार कर वापस आये. ये इलाका बाढ़ के कारण चारों तरफ से पानी से घिरा रहता है.

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