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Flood in Bihar : दस दिनों में चार बार टूटा है ये तटबंध, अभी और कितनी बार टूटेगा, पूछ रहे लोग

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केवटी प्रखंड की करजापट्टी पंचायत के बिरने गांव में सोमवार को चौथी बार बागमती नदी का पूर्वी तटबंध टूट गया. नदी का पानी निकल कर बड़ी तेजी से गांव में फैलने लगा. इससे पूर्व से दशहत में रह रहे लोगों की परेशानी और बढ़ गयी. पानी तेजी से खेत-खलिहान, बाग-बगीचे से होकर हरिपुर, शीशो, लाधा आदि गांव के कई घरों में प्रवेश कर गया है.

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दरभंगा: केवटी प्रखंड की करजापट्टी पंचायत के बिरने गांव में सोमवार को चौथी बार बागमती नदी का पूर्वी तटबंध टूट गया. नदी का पानी निकल कर बड़ी तेजी से गांव में फैलने लगा. इससे पूर्व से दशहत में रह रहे लोगों की परेशानी और बढ़ गयी. पानी तेजी से खेत-खलिहान, बाग-बगीचे से होकर हरिपुर, शीशो, लाधा आदि गांव के कई घरों में प्रवेश कर गया है. वहीं पुल-पुलिया के रास्ते से पानी मझिगामा होते हुए एयरपोर्ट की ओर फैलने लगा है. सोमवार को बिरने कटाव स्थल पर बचाव कार्य देरी से शुरू हुआ. कतिपय कारणों से प्रशासन व ग्रामीणों के बीच ठन गयी थी. इसे लेकर सोमवार को तटबंध टूटने के बाद भी ग्रामीण बचाव कार्य शुरू नहीं किये थे.

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हो रहा है बहाव रोकने का प्रयास
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Flood in bihar : दस दिनों में चार बार टूटा है ये तटबंध, अभी और कितनी बार टूटेगा, पूछ रहे लोग 2

जानकारी मिलते ही अधिकारियों की टीम बिरने पहुंची. ग्रामीणों के साथ वार्ता की. इसके बाद करीब बारह बजे कटाव स्थल पर पुनः पानी का बहाव रोकने का प्रयास शुरू हुआ. समाचार प्रेषण तक कटाव स्थल से कमोबेश पानी निकल ही रहा था. लोग पानी का बहाव रोकने के लिए मशक्कत कर रहे थे. ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार देर शाम पानी का बहाव रूकने के वाबजूद दबाब अधिक होने के कारण तटबंध फिर टूट गया. करीब 11 बजे बीडीओ, सीओ सहित कई लोग बिरने पहुंचे. ग्रामीणों के साथ बातचीत की. इसके बाद ग्रामीण कटाव स्थल पर काम करने में जुट गये. तब तक निचले इलाके के कई घरों में पानी प्रवेश कर गया था. इधर, मुहम्मदपुर-शिवधारा सड़क पर करकौली के समीप पानी चढ़ गया है. हालांकि पानी के बीच सड़क पर लोग आवाजाही कर रहे थे.

पहली बार 24 जुलाई को टूटा था

बताया जाता है कि बिरने में 24 जुलाई को कटाव स्थल से पांच सौ मीटर दूर शनिवार को बागमती नदी का पूर्वी तटबंध करीब 15 फीट में टूट गया था. ग्रामीणों ने मशक्कत कर बहाव को रोक दिया था, लेकिन कम मात्रा में ही सही, पानी का बहाव हो ही रहा था. इससे रविवार को पुनः दूसरी बार तटबंध करीब 35 फीट में टूट गया. ग्रामीण फिर से बचाव कार्य में जुट गये. देर रात तक बचाव कार्य हुआ. तटबंध के कमजोर होने व पानी के दबाब के कारण सोमवार को कटाव स्थल से सटे उत्तर दस फीट में पुनः तीसरी बार तटबंध टूट गया. बार-बार तटबंध के टूटने से ग्रामीणों में दहशत है. ग्रामीणों ने बताया कि तीन दिन में कटाव स्थल से उत्तर गार्डेन साइड से काफी दूर तक बांध की मिट्टी काटकर पानी का बहाव रोकने में उपयोग किया जा चुका है. इसे लेकर कटाव स्थल से उत्तर काफी दूर तक पहले से कमजोर बांध और कमजोर हो गया है. नदी में पानी बढ़ते ही बांध पहले से और ज्यादा दूरी में टूट सकता है.

आधा-अधूरा कार्य का आरोप

ग्रामीणों ने बताया कि बिरने गांव में दस दिनों में चार बार व इस स्थान पर तीन बार तटबंध टूट चुका है. अभी और कितनी बार टूटेगा, कहा नहीं जा सकता. ग्रामीणों ने बताया कि 24 जुलाई को कटाव स्थल पर आधा-अधूरा कार्य हुआ था. इससे उत्तर घाट तक करीब एक दर्जन स्थानों पर एक पखबाड़ा से पानी का रिसाव हो रहा है. इसे देखने वाला कोई नहीं है. यहां बड़े पैमाने पर बचाव कार्य कराए जाने की जरूरत है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है. खेत-खलिहान डूब चुके हैं. दस दिन से पानी के बीच किसी तरह जीवन यापन हो रहा है.

कटाव स्थल से पानी का निकलना जारी

इधर, तटबंध टूटने के 11 दिन बाद भी कटावस्थल से पानी निकल रहा है. केवटी प्रखंड के करजापट्टी पंचायत अंतर्गत लाधा में 24 जुलाई को बागमती नदी का पूर्वी तटबंध टूट गया था. तटबंध टूटने के 11 दिन बाद भी कटावस्थल से पानी निकल ही रहा है. इससे लाधा सहित बड़की लाधा गांववासियों की परेशानी बरकरार है. टूटे तटबंध की मरम्मत नहीं कराये जाने से पानी के कारण ग्रामीणों की परेशानी काफी बढ़ गयी है. गलियों में जमा पानी से बदबू आने लगा है. इससे महामारी फैलने की आशंका बढ़ गयी है. सोमवार को बड़की लाधा गांव के एक सड़क पर पानी बड़ी तेजी से दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर बह रहा था. अधिकांश घर में पानी प्रवेश कर गया है. गांव की सड़कों व गलियों में 10-11 दिन से घुटना भर पानी जमा है. जलजमाव से बदबू आने लगा है. इससे महामारी फैलने का खतरा बढ़ गया है. आजिज होकर ग्रामीणों ने पानी के बहाव को नदी से रोकने का निर्णय लिया है. पानी के बहाव को रोकने में जुटे रहे ग्रामीण.

posted by ashish jha

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