21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

BSC किए बिना ही बेसिक में शिक्षक बना, फर्जी वेरिफिकेशन भी करा ली, CM तक पहुंचा मामला तब खुली पोल, 2 बाबू हटाए

Advertisement

बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी हासिल का एक मामला सामने आया है. मामला उस समय खुला जब आगरा के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में मथुरा के सरकारी स्कूल में तैनात शिक्षक की बीएससी 2003 की वेरिफिकेशन पहुंची.

Audio Book

ऑडियो सुनें

आगरा. एक व्यक्ति ने 2003 में बिना बीएससी किए शिक्षक की नौकरी भी पा ली. बेसिक शिक्षा विभाग ने वेरिफिकेशन के लिए शिक्षक के कागजात डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में भेजे तो विवि के बाहर ही बाहर फर्जी वेरिफिकेशन करने वाले रैकेट ने वेरिफिकेशन पर फर्जी हस्ताक्षर कर बेसिक शिक्षा विभाग को रिपोर्ट भेज दी. मुख्यमंत्री कार्यालय में जब इसकी शिकायत की गई तो विश्वविद्यालय ने जांच की, पता चला कि वेरिफिकेशन पूरी तरह से फर्जी है. 2003 में बीएससी में उस नाम का कोई भी छात्र पंजीकृत नहीं है. कुलपति ने इस मामले में विश्वविद्यालय के दो कर्मचारियों को हटा दिया है.

- Advertisement -

फर्जी वेरिफिकेशन कराने का एक रैकेट सक्रिय

जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय से बाहर फर्जी वेरिफिकेशन कराने का एक रैकेट सक्रिय है. इस रैकेट में विश्वविद्यालय के भी कुछ कर्मचारियों के शामिल होने का अंदेशा है. इस संबंध में फर्जी वेरीफिकेशन की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में भी की गई है.मथुरा जिले में मांट ब्लॉक के एक सरकारी विद्यालय में तैनात शिक्षक देवेंद्र तोमर पुत्र श्री चंद तोमर के कागजों का सत्यापन होना था. जिसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग मथुरा से वेरिफिकेशन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में पहुंची. लेकिन वेरिफिकेशन के उस आदेश को विश्वविद्यालय के अंदर ही नहीं आने दिया गया. बाहर ही बाहर कुछ अराजक तत्व व फर्जी वेरीफिकेशन बनाने वाले रैकेट ने फर्जी हस्ताक्षर कर बेसिक शिक्षा विभाग मथुरा को प्रेषित कर दिया.

मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की गई

किसी व्यक्ति द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की गई और बताया गया कि देवेंद्र तोमर पुत्र श्री चंद तोमर की नौकरी में प्रयोग किए गए कागजों के सत्यापन की रिपोर्ट फर्जी है और इसकी जांच कराई जाए. वहीं देवेंद्र तोमर ने बिना बीएससी किए ही शिक्षा विभाग में नौकरी प्राप्त कर ली है. मुख्यमंत्री कार्यालय से विश्वविद्यालय को इस मामले में जांच करने के निर्देश दिए गए. विवि ने देवेंद्र तोमर के कागजों की जांच कराई तो जो रसीद वेरिफिकेशन के लिए बेसिक शिक्षा विभाग भेजी गई थी. उसमें किए गए सभी हस्ताक्षर फर्जी थे .जिस नंबर से उसे डिस्पैच किया गया था उसका कोई भी रिकॉर्ड विश्वविद्यालय में मौजूद नहीं मिला. यहां तक कि देवेंद्र तोमर नाम के किसी भी छात्र द्वारा विश्वविद्यालय में बीएससी 2003 से संबंधित कोई भी कोर्स नहीं किया गया.

चार्ट रूम के अधीक्षक- प्रधान सहायक का तबादला

विश्वविद्यालय ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सोमवार देर रात को आदेश जारी करते हुए वेरिफिकेशन के मामले में लापरवाही बरतने पर चार्ट रूम के अधीक्षक (सत्यापन) सुनील श्रीवास्तव का स्थानांतरण स्कूल ऑफ लाइफ साइंस खंदारी परिसर और प्रधान सहायक (सत्यापन) धर्मेंद्र कुमार का तत्काल स्थानांतरण बेसिक साइंस संस्थान के रसायन विभाग में कर दिया है. वहीं आपको बता दें कि विश्वविद्यालय में चार्ट रूम में अधीक्षक सत्यापन के पद पर सुनील श्रीवास्तव लंबे समय से तैनात हैं. कई बार उनके स्थानांतरण को लेकर शिकायत भी की गईं, लेकिन सुनील श्रीवास्तव को उनकी कुर्सी से कोई भी हिला नहीं पाया. विश्वविद्यालय में स्थानांतरण को लेकर चर्चा चल रही है.

फर्जी वेरीफिकेशन में कुछ बाहरी और अंदरूनी लोगों का नाम : वीसी

डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर आशु रानी ने बताया कि उन्हें गोपनीय सूचना मिली थी कि विश्वविद्यालय में एक व्यक्ति की वेरिफिकेशन बेसिक शिक्षा विभाग मथुरा से आई थी. फर्जी वेरिफिकेशन करने वाले रैकेट के कुछ लोगों ने बाहर ही बाहर से फर्जी हस्ताक्षर कर उस वेरिफिकेशन को बेसिक शिक्षा विभाग में भेज दिया. फर्जी वेरीफिकेशन के मामले में कुछ बाहरी और अंदरूनी लोगों का नाम सामने आया था. जिसका संज्ञान लेते हुए चार्ट रूम के दो अधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया है. वहीं इस मामले में एक जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है जिसमें प्रोफ़ेसर यूसी शर्मा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम विकास संस्थान, प्रोफेसर रणवीर सिंह आईएसएस और ममता सिंह उप कुलसचिव को नियुक्त किया गया है. जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद अगर आवश्यक होगा तो आरोपियों के खिलाफ एफआईआर भी कराई जाएगी.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें