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बरेली के किसानों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार का घेरा घर, जमकर की नारेबाजी, जानिए वजह

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किसान प्रतिनिधि मंडल के सदस्य चाहते हैं कि एनएचआई के बीच जनहित में निपटाने हेतु समझौता कर लिया जाए, लेकिन अभी तक बातचीत के लिए किसानों को नहीं बुलाया गया है.

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Bareilly News: आठ साल पहले राष्ट्रीय राजमार्ग बरेली-लखनऊ मार्ग के निर्माण को किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई थी. बरेली के करीब 600 किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. इससे खफा किसानों ने शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बरेली के सांसद संतोष गंगवार का घर और कार्यालय घेर लिया. उन्होंने कार्यालय के बाहर बैठकर धरना दिया. इसके साथ ही मुआवजा दिलाने को नारेबाजी की.

सांसद संतोष गंगवार ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बात की. उन्होंने जल्द मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया, जिसके किसान दोपहर बाद घर को लौट गए.

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अखिल भारतीय किसान महासभा के हरिनंदन सिंह पटेल के नेतृत्व में सैकड़ों किसान पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष कुमार गंगवार के कार्यालय भारत सेवा ट्रस्ट पर पहुंचे. कार्यालय के पीछे ही उनका आवास है. किसानों ने आवास और कार्यालय का घेराव किया.

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किसानों ने कहा कि आठ वर्ष से दिल्ली-बरेली राजमार्ग (एनएच 24), जो बड़ा बाईपास बनाया गया है. उसके लिए अधिग्रहित जमीन का मुआवजा 600 किसानों को अभी तक नहीं मिला है. इस कारण किसानों के परिवार भुखमरी की कगार पर हैंं. इस संबंध में शहर विधायक डॉ अरुण कुमार ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को भी एक पत्र लिखा. मगर, कोई समाधान नहीं हुआ. किसान प्रतिनिधि मंडल के सदस्य चाहते हैं कि एनएचआई के बीच जनहित में निपटाने हेतु समझौता कर लिया जाए, लेकिन अभी तक बातचीत के लिए किसानों को नहीं बुलाया गया है.

केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने एनएच-24 के निर्माण हेतु अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के मामले को न्यायालय के बाहर ही एनएचआई और किसानों के बीच सुलह समझौते के आधार पर निपटाने के लिये पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल की बैठक करवाने का आग्रह किया था, मगर सात-आठ वर्षों से किसान अपने हक के लिए दर-दर भटक रहे हैं. मजबूर होकर इन किसानों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के दफ्तर भारत सेवा ट्रस्ट पर धरना दिया है ताकि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए.

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केंद्रीय मंत्री के दफ्तर के बाहर धरना देने वालों में प्रेमपाल, विजय, वीरेंद्र सिंह, नंदन सिंह, नबी अहमद, मोहम्मद अली, कलावती, सत्य पाल, सूरजपाल, सुरेंद्र पाल, सुंदरलाल, इरशाद, हशमति, प्रवीण, लालता प्रसाद, राधेश्याम, रूम सिंह समेत तमाम किसान मौजूद थे.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली

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