17.9 C
Ranchi
Wednesday, February 5, 2025 | 02:20 am
17.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Annapurna Mahavrat: धान की बालियों से सजेगा मां का दरबार, 24 नवंबर से 17 दिनों का अन्नपूर्णा महाव्रत

Advertisement

व्रत अनुष्ठान के लिए महिलाएं बाएं और पुरुष दाएं हाथ में 17 गाठों वाला धागा बांधते हैं. मां अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी बुधवार सुबह 17 गांठों वाले धागे का पूजन कर अपने हाथों से भक्तों में वितरण करेंगे. इस पवित्र धागे के लिए भक्तों की लंबी कतार सुबह से ही लगी रहेगी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Annapurna Mahavrat: वाराणसी में मां अन्नपूर्णा का 17 दिवसीय महाव्रत बुधवार (24 नवंबर) से शुरू हो रहा है. इस व्रत में 17 धागे, 17 दिन और 17 गांठ का बड़ा महत्व है. महाव्रत में व्रती 17 दिन तक अन्न का त्याग करते हैं. फलाहार भी एक वक्त किया जाता है. यह महाव्रत महिला और पुरुष दोनों ही कर सकते हैं.

- Advertisement -
Undefined
Annapurna mahavrat: धान की बालियों से सजेगा मां का दरबार, 24 नवंबर से 17 दिनों का अन्नपूर्णा महाव्रत 4

व्रत अनुष्ठान के लिए महिलाएं बाएं और पुरुष दाएं हाथ में 17 गाठों वाला धागा बांधते हैं. मां अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी बुधवार सुबह 17 गांठों वाले धागे का पूजन कर अपने हाथों से भक्तों में वितरण करेंगे. इस पवित्र धागे के लिए भक्तों की लंबी कतार सुबह से ही लगी रहेगी.

Undefined
Annapurna mahavrat: धान की बालियों से सजेगा मां का दरबार, 24 नवंबर से 17 दिनों का अन्नपूर्णा महाव्रत 5
‘अहो भवानी सदने निषीदतां प्रदक्षिणी कृत्य तथा यथा सुखम, न तत्सुखं योग-यागादि साध्यं अंबापुर: प्राण भृपदाति.’- अर्थात जो सुख योग आदि से भी प्राप्त नहीं है. वो भगवती अन्नपूर्णा के मंदिर में जाकर बैठने वालों और मंदिर की पैदल प्रदक्षिणा करने वालों को प्राप्त हो जाती है.
काशी रहस्य में अन्नपूर्णा महाव्रत का वर्णन
Undefined
Annapurna mahavrat: धान की बालियों से सजेगा मां का दरबार, 24 नवंबर से 17 दिनों का अन्नपूर्णा महाव्रत 6

पूर्वांचल के किसान फसल की पहली धान की बाली मां को अर्पित करते हैं. उसी बाली को प्रसाद के रूप में दूसरी धान की फसल में मिलाते हैं. वो मानते हैं कि इससे फसल में बढ़ोतरी होती है. महंत शंकर पुरी ने कहा मां अन्नपूर्णा का व्रत-पूजन दैविक, भौतिक सुख प्रदान करता है. अन्न-धन, ऐश्वर्य की कमी नहीं होती है. अन्नपूर्णा महाव्रत की कथा का उल्लेख भविष्योत्तर पुराण में मिलता है. महाव्रत का वर्णन त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने किया था, द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण ने भी इससे संबंधित उपदेश दिए थे.

(रिपोर्ट:- विपिन सिंह, वाराणसी)

Also Read: Dev Deepawali 2021: देव दीपावली के मौके पर गंगा घाट पर लगा मां अन्नपूर्णा का कटआउट, भक्तों हो रहे निहाल

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें