24.1 C
Ranchi
Thursday, February 6, 2025 | 07:22 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

फोन टैपिंग, इंटरसेप्शन की जानकारी आरटीआई के दायरे में नहीं, पढ़ें पूरी खबर

Advertisement

Information phone tapping interception exempt RTI disclosure - दिल्ली हाइकोर्ट ने एक मोबाइल यूजर के फोन की टैपिंग के बारे में आरटीआइ के तहत जानकारी उपलब्ध कराने के लिए दूरसंचार नियामक ट्राइ को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) द्वारा दिये गये निर्देश को बरकरार रखने के एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Phone Tapping Interception Information Exempt RTI Act Delhi High Court News : किसी नागरिक का फोन टेप (phone tapping or interception) हो रहा है या नहीं, यह खुलासा सूचना के अधिकार, आरटीआई (RTI) के तहत स्वयं उसके आवेदन के जवाब में भी नहीं किया जा सकता है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में माना कि किसी फोन के अवरोधन, टैपिंग या ट्रैकिंग के संबंध में जानकारी को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (आरटीआई अधिनियम) की धारा 8 (ए) के तहत प्रकटीकरण से छूट दी गई है. मालूम हो कि पूर्व में केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने भारत के दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को जानकारी देने के निर्देश दिये थे. हाईकोर्ट के एकल जज ने भी इसे बरकरार रखा था. इसके खिलाफ ट्राई ने अपील की थी, जिसे जस्टिस विभु बाखरू की अध्यक्षता में बनी खंडपीठ ने स्वीकार कर एकल जज के आदेश को पलट दिया.

- Advertisement -

दिल्ली हाइकोर्ट ने एक मोबाइल यूजर के फोन की कथित टैपिंग के बारे में आरटीआइ के तहत जानकारी उपलब्ध कराने के लिए दूरसंचार नियामक ट्राइ को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) द्वारा दिये गये निर्देश को बरकरार रखने के एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया है. न्यायमूर्ति विभु बाखरू की अध्यक्षता वाली पीठ ने एकल न्यायाधीश वाली पीठ के आदेश के खिलाफ भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राइ) द्वारा दायर अपील को मंजूर कर लिया. अदालत ने कहा कि निगरानी का कार्य सरकार के निर्देशों के तहत और देश की संप्रभुता व अखंडता और राष्ट्र की सुरक्षा के हित में किया जाता है, ऐसे में इसे सूचना का अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम के तहत छूट दी गई है.

Also Read: Jio-Airtel की बादशाहत बरकरार, BSNL-Vi का बुरा हाल, जानें क्या कहते हैं TRAI के आंकड़े

अदालत ने कहा, मौजूदा मामले में, ऐसी किसी भी जानकारी का खुलासा, जांच की प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है या उपरोक्त तथ्यों को प्रभावित कर सकता है इसलिए आरटीआइ अधिनियम की धारा 8 की शर्तों के तहत इनके खुलासे से छूट दी जाएगी. आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (ए) किसी भी जानकारी को आरटीआई अधिनियम के दायरे से छूट देती है, जिसके प्रकटीकरण से देश की सुरक्षा, अखंडता और रणनीतिक हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

न्यायमूर्ति विभू बाखरू और अमित महाजन की खंडपीठ ने कहा कि किसी फोन को इंटरसेप्शन या टैप करने या ट्रैक करने के संबंध में संबंधित सरकार द्वारा कोई भी आदेश तब पारित किया जाता है जब अधिकृत अधिकारी संतुष्ट हो कि ‘संप्रभुता के हित में’ ऐसा करना आवश्यक है. भारत की अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध या सार्वजनिक व्यवस्था या किसी अपराध के लिए उकसावे को रोकने के लिए. न्यायालय ने कहा, इसलिए, ऐसा आदेश, अपने स्वभाव से ही, जांच की प्रक्रिया में पारित किया गया हो सकता है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें