15.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 10:42 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Machine Learning: कंप्यूटर को इंसानों की तरह सोचने के काबिल बनानेवाले हिंटन और जॉन होपफील्ड को मिला भौतिकी का नोबेल

Advertisement

Machine Learning की बुनियाद समझे जाने वाले तरीके विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों को किया गया सम्मानित

Audio Book

ऑडियो सुनें

Machine Learning: जॉन हॉपफील्ड और ज्योफ्री हिंटन को भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. उनके नाम की घोषणा मंगलवार को की गई. इन दोनों वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से यह पुरस्कार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) और मशीन लर्निंग से जुड़ी नयी तकनीकों के विकास के लिए दिया गया है. ये तकनीकें आर्टिफिशियल न्यूरॉन्स पर आधारित हैं. इसने मौजूदा समय की शक्तिशाली मशीन लर्निंग तकनीक की नींव रखी है. सरल शब्दों में कहें, तो उन्होंने भौतिकी की मदद से आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क को प्रशिक्षित किया है, ताकि वे हम इंसानों की तरह ही सोच और सीख सकें.

- Advertisement -

एआइ को मानवता के लिए खतरा बताया

ज्योफ्री हिंटन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के गॉडफादर कहे जाते हैं. वहीं, जॉन हॉपफील्ड अमेरिकी वैज्ञानिक हैं. ज्योफ्री को जिस मशीन लर्निंग के लिए नोबेल मिला है. उन्होंने उसी के रूप एआइ को मानवता के लिए खतरा बताया था. उन्होंने 2023 में एआइ के विरोध में गूगल से इस्तीफा दे दिया था. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि एआइ से बड़ी संख्या में नौकरियां खत्म हो जायेंगी.

कंप्यूटर को नये तरीके से इस्तेमाल करना सिखाया

समाज में गलत सूचनाएं तेजी से फैलेंगी, जिसे रोक पाना संभव नहीं होगा. उन्होंने एआइ के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हुए अफसोस जताया था. नोबेल देने की घोषणा करते हुए कमेटी ने कहा कि दोनों वैज्ञानिकों ने दुनिया को कंप्यूटर को नये तरीके से इस्तेमाल करना सिखाया है. होपफील्ड ने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में अपना अनुसंधान किया और हिंटन ने यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में शोध कार्य किया.

क्या है आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क?

जब हम एआइ के बारे में बात करते हैं, तो हमारा मतलब आमतौर पर आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क का उपयोग करके मशीन लर्निंग से होता है. ये नेटवर्क मस्तिष्क के काम करने के तरीके से प्रेरित हैं. एक आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क में, मस्तिष्क की कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) को अलग-अलग मान वाले बिंदुओं (नोड्स) के रूप में दिखाया जाता है. ये बिंदु कनेक्शन के माध्यम से एक दूसरे को प्रभावित करते हैं, जैसे मस्तिष्क कोशिकाएं सिनेप्स के माध्यम से जुड़ती हैं. नेटवर्क एक ही समय में उच्च मान वाले बिंदुओं के बीच मजबूत कनेक्शन विकसित करके सीखता है.

जॉन हॉपफील्ड
इनकी बनायी गई एसोसिएटिव मेमोरी कंप्यूटर डेटा में मौजूद फोटों और पैटर्न को याद रखने के साथ उन्हें फिर से बनाने में मदद कर सकती है.

ज्योफ्री हिंटन
इनके द्वारा विकसित तकनीक अपने आप आंकड़ों में मौजूद महत्वपूर्ण जानकारियों को खोजती है, जैसे चित्रों में विशिष्ट वस्तुओं को पहचानना.

Dream Recording Device: सपनों को रिकॉर्ड और रीप्ले करना होगा मुमकिन, साइंटिस्ट्स ने बना डाली अनोखी मशीन

What is Cloud Storage: कितना सुरक्षित है क्लाउड स्टोरेज, जिसे लेकर Jio ने बढ़ा दी Apple और Google की टेंशन

Manta Ray: अमेरिका ने बनाया अंडरवाटर ड्रोन; समंदर में जहां नहीं जा सकता इंसान, वहां जाकर करेगा जासूसी और रिसर्च

Smart Meter: क्या स्मार्टली काम नहीं कर पा रहा बिजली विभाग का नया वाला मीटर?

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें