28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

E-Commerce मंचों पर भी चढ़ा आम चुनाव का खुमार; कहीं भाजपा के कमल, तो कहीं हाथ और झाड़ू की डिमांड

Advertisement

General Elections 2024 : यह ट्रेंड 2019 के चुनावों के दौरान उभरा, जब ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म इलेक्शन कैंपेनिंग वाले मर्चेंडाइज के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन बन गए.

Audio Book

ऑडियो सुनें

General Elections 2024 : भारत में आम चुनाव-2024 के करीब आते-आते राजनीतिक उत्साह ई-कॉमर्स क्षेत्र में भी व्याप्त हो गया है. ई-कॉमर्स मंचों पर विभिन्न राजनीतिक दलों से संबंधित माल सबसे ज्यादा देखा जा रहा है. ये ऑनलाइन मंच चुनाव से संबंधित सभी उत्पाद जैसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘कमल’ से लेकर पुरानी समुद्री घड़ियों पर आम आदमी पार्टी (आप) का चुनाव चिह्न झाड़ू और कांग्रेस के प्रसिद्ध दुपट्टे आदि पेश करते हैं.

- Advertisement -

बस, किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर किसी भी राजनीतिक दल का नाम दर्ज करें, और झंडे से लेकर पेंडेंट (गले में पहना जाने वाला) और पेन तक विविध प्रकार के सामान पेज पर आ जाएंगे. एक ई-कॉमर्स मंच की एक प्रतिनिधि ने कहा कि यह प्रवृत्ति शुरू में 2019 के चुनावों के दौरान उभरी जब ई-कॉमर्स मंच प्रचार माल और सहायक उपकरण के लिए पसंदीदा गंतव्य बन गए.

E-commerce Policy: सरकार बना रही राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति, ऐलान जल्द

उन्होंने कहा, जब सब कुछ ऑनलाइन बेचा जाता है, तो यह क्यों नहीं. और विक्रेता ही इसे हमारे मंच पर डालते हैं और ई-कॉमर्स वेबसाइटों को बस यह जांचना है कि यह नियमों का पालन करता है कि नहीं. विशेष रूप से, कुछ राजनीतिक दलों ने स्वयं अपनी-अपनी वेबसाइटों पर ऐसे माल बेचने में सक्रियता दिखाई है.

उदाहरण के लिए, ‘नमो’ मर्चेंडाइज वेबसाइट ‘मोदी का परिवार’, ‘फिर एक बार, मोदी सरकार’, ‘मोदी की गारंटी’, और ‘मोदी है तो मुमकिन है’ जैसे नारों से सजी टी-शर्ट, मग, लोटा, नोटबुक, बिल्ला, रिस्टबैंड (कलाई पर बांधा जाने वाला), चाभी का छल्ला, स्टिकर, चुम्बक, टोपी और कलम आदि उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का दावा करती है.

ONDC : घर बैठे खाना मंगाना हो या शॉपिंग करनी हो, सब कुछ संभव है ओएनडीसी पर

इस प्रवृत्ति पर पीटीआई-भाषा द्वारा अमेजन इंडिया और फ्लिपकार्ट से प्रतिक्रिया मांगने का प्रयास किया गया लेकिन दोनों मंचों से प्रतिक्रिया नहीं मिली.
हालांकि, ई-कॉमर्स मंच पर इन सामानों के आपूर्तिकर्ताओं में से एक ने खुलासा किया कि लोकसभा चुनावों में ऐसी वस्तुओं की ऑनलाइन बिक्री में वृद्धि देखी गई.
आपूर्तिकर्ता ने कहा, पहले, हमारी आपूर्ति दुकानों को होती थी, लेकिन ऑनलाइन खुदरा मंचों की ओर झुकाव को देखते हुए हमें इसे अपनाना ही ठीक लगा. लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से सात चरणों में होने हैं. मतगणना चार जून को होगी.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें