24.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 05:47 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Sandeshkhali Incident Explained: हर जगह संदेशखाली की चर्चा, स्थानीय लोगों का गुस्सा चरम पर

Advertisement

Sandeshkhali Incident Explained: 5 जनवरी 2024 को राशन घोटाले की जांच के लिए संदेशखाली समेत पश्चिम बंगाल में 15 जगहों पर राजनीतिक नेता-कार्यकर्ता व व्यवसायियों के ठिकानों पर इडी ने छापेमारी की थी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Sandeshkhali Incident Explained: बंगाल में कई मामलों की जांच केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं. इनमें एक है राशन घोटाला भी है. इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (इडी) कर रहा है. 5 जनवरी 2024 को राशन घोटाले की जांच के लिए संदेशखाली समेत पश्चिम बंगाल में 15 जगहों पर राजनीतिक नेता-कार्यकर्ता व व्यवसायियों के ठिकानों पर इडी ने छापेमारी की थी.

- Advertisement -

इसी क्रम में उत्तर 24 परगना के संदेशखाली स्थित सरबेड़िया के तृणमूल नेता, राशन डीलर व व्यवसायी शेख शाहजहां के आवास पर भी छापेमारी करने इडी के अधिकारी पहुंचे थे. ठीक तभी बड़ी संख्या में शाहजहां के समर्थकों ने इडी अधिकारियों व उनकी सुरक्षा में मौजूद केंद्रीय बल के जवानों पर हमला कर दिया था. उनके वाहनों में तोड़फोड़ की थी. तब कई अधिकारी जख्मी हुए थे.

आशंका जतायी गयी कि शेख शाहजहां के उकसावे पर ही लोगों ने ही हमला किया. इसके पश्चात छह जनवरी को शेख शाहजहां के खिलाफ ‘लुकआउट नोटिस’ जारी होने के बाद लेकिन अभी तक उसका पता नहीं चल पाया है. वह अब भी जांच एजेंसी की गिरफ्त से बाहर है.

Also Read : पश्चिम बंगाल : संदेशखाली कांड के मुख्य आरोपी शेख शाहजहां का करीबी अमीर अली गाजी झारखंड से गिरफ्तार

शाहजहां के समर्थन में लगे नारे ने बिगाड़ी बात

इडी व केंद्रीय जवानों पर हमले की घटना के 33 दिनों के बाद गत सात फरवरी को उत्तर 24 परगना का संदेशखाली फिर से सुर्खियों में आ गया. लेकिन इस बार का हंगामा तृणमूल समर्थकों के खिलाफ ग्रामीणों का था. कथित तौर पर तृणमूल समर्थकों और गांव के कुछ लोगों में मारपीट हुई, जिसमें दोनों तरफ के 13 लोग जख्मी हुए.

केंद्र द्वारा बंगाल का बकाया पैसा नहीं दिये जाने के आरोप के साथ तृणमूल समर्थकों ने संदेशखाली के त्रिमोहनी बाजार में जनजातीय समुदाय के कुछ लोगों के साथ जुलूस निकाला था, जिसमें फरार तृणमूल नेता शेख शाहजहां के जयकारे लगे. स्थानीय लोगों के मुताबिक बात यहीं से बिगड़ी.

Also Read : WB News : शाहजहां शेख की गिरफ्तारी पर तृणमूल और भाजपा में जुबानी जंग जारी

इस जयकारे पर गांववालों का गुस्सा फूट पड़ा. वहीं हंगामा होने लगा. इसी दौरान दोनों तरफ से मारपीट शुरू हो हुई, जो धीरे-धीरे अब आंदोलन की शक्ल में सबके सामने है.

महिलाओं के उत्पीड़न का आरोप है अहम

गांव की महिलाओं ने आरोप लगाया है कि लंबे समय से वहां उन लोगों पर अत्याचार ढाया जा रहा था. सरकार और प्रशासन का डर दिखाते हुए उनकी जमीन छीन कर उस पर कब्जा कर लिया जाता था. विरोध करने पर हमले होते. जमीन लीज पर लेकर पैसे नहीं दिये जाते थे. अर्थात् वादे कर पैसे मार लिये जाते. जबरन जमीन दखल कर भेरी (मछली पालन के लिए बने बड़े तालाब) तैयार कर लेते थे.

Also Read : पश्चिम बंगाल : टीएमसी नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी पर संदेशखाली में जश्न का माहौल

शेख शाहजहां से लेकर शिबू हाजरा व उत्तम सरदार जैसे आरोपियों द्वारा महिलाओं को मीटिंग के लिए बुलाया जाता था और तरह-तरह के निर्देश दिये जाते थे. कथित तौर पर महिलाओं को कई बार मीटिंग के बाद भी रुकने के लिए कहा जाता था और उनका शारीरिक शोषण किया जाता था. छेड़खानी आम बात थी.

ऐसी घटनाओं के बाबत थाने में शिकायत दर्ज नहीं होती थी. ऐसी शिकायतों से जुड़े मामले शिबू या उत्तम जैसे आरोपियों के पास ही भेजे जाते थे. इस तरह के अत्याचार के खिलाफ लोगों का रोष धीरे-धीरे बढ़ने लगा था. यह अब आंदोलन की शक्ल में सबके सामने है.

माना जा रहा है कि गत पांच जनवरी को राशन घोटाले में तृणमूल नेता शेख शाहजहां के आवास पर छापेमारी और इसके बाद की घटनाओं ने संदेशखाली के मौजूदा आंदोलन का रास्ता साफ कर दिया था. पूर्व विधायक तन्मय भट्टाचार्य के मुताबिक अत्याचार के मामलों में पुलिस की निष्क्रियता के कारण ही संदेशखाली की जनता का आक्रोश अब फूट पड़ा है, जो थमने का नाम नहीं ले रहा.

संदेशखाली की महिलाएं करने लगीं केंद्रीय सुरक्षा की मांग

संदेशखाली की घटनाओं के बीच इलाके की महिलाएं अब अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस पर भरोसा नहीं कर रही हैं. ये अब वहां केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों की तैनाती की मांग कर रही हैं. गत 18 फरवरी को एक पीड़ित महिला, जिसने बशीरहाट कोर्ट में अपना गुप्त बयान दर्ज कराया था, के झोपड़ीनुमा घर में तोड़फोड़ की घटना हो गयी.

महिला ने आरोप लगाया है कि पुलिस की वर्दी में ही आये लोगों ने तोड़फोड़ की. उस दिन वह अपने परिजन के घर बच्चे को ले जाकर छिप गयी थी, जिससे उसकी जान जैसे तैसे बच सकी थी. हालांकि पुलिस ने इस आरोप को खारिज कर दिया है, तथापि स्थानीय महिलाएं पुलिस के भरोसे नहीं रह कर सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती चाह रही हैं.

धीरे-धीरे मुखर होते गये गांववाले

शेख शाहजहां व उसके साथियों की गिरफ्तारी की मांग कर भड़की हिंसा धीरे-धीरे उग्र होती गयी. नाराज गांव वालों की भीड़ ने एक रात तृणमूल नेता शिबू हाजरा के तीन पोल्ट्री फार्म को आग के हवाले कर दिया. आरोपियों के घर और बागानबाड़ी में तोड़फोड़ की गयी. संदेशखाली के स्थानीय लोगों के उग्र आंदोलन को देखते हुए सरकार की चिंता बढ़ी. प्रशासन ने स्थिति संभालने की कोशिश की, पर रोष कम नहीं हुआ. अब आये दिन महिलाएं लाठी-डंडे लेकर सड़कों पर उतरने लगी हैं.

जब खुल कर हाथों में लाठी-डंडे लेकर सड़कों पर उतर पड़ीं महिलाएं

शेख शाहजहां के समर्थन में नारेबाजी के बाद तृणमुूल समर्थकों के साथ गांववालों की मारपीट के दूसरे दिन से ही महिलाएं पूरे साहस के साथ लाठी-बांस लेकर सड़कों पर उतर गयीं. तृणमूल नेता शाहजहां के ताप-प्रताप की परवाह न कर उसकी गिरफ्तारी की मांग पर महिलाओं ने प्रदर्शन शुरू किया, जो धीरे-धीरे बड़ा रूप ले चुका है.

इन प्रदर्शनकारी महिलाओं की मांग में सिर्फ शाहजहां ही नहीं, उसके करीबियों की गिरफ्तारी भी शामिल है. शेख शाहजहां के दो सहयोगी -संदेशखाली दो नंबर ब्लॉक के अध्यक्ष शिवप्रसाद हाजरा और उत्तर 24 परगना जिला परिषद के सदस्य उत्तम सरदार भी आंदोलनकारियों के निशाने पर हैं.इनके बहाने संदेशखाली के लोगों का गुस्सा बाहर आने लगा जो अब एक बड़े आंदोलन का रूप अख्तियार कर चुका है.

अब रोज चल रहा आंदोलन का दौर

इसके बाद ही जिला प्रशासन की ओर से इलाके में धारा 144 लागू कर दी गयी. नौ फरवरी की रात से ही धारा 144 लागू करते हुए पूरे संदेशखाली में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गयी. इसके बाद स्थिति को देख विपक्षी राजनीतिक दलों ने आंदोलन शुरू कर दिया. संदेशखाली के पीड़ितों की मदद में सत्ता विरोधी राजनीतिक दलों के नेता-कार्यकर्ता सड़कों पर उतर पड़े. अब हालात ऐसे हैं कि पूरा संदेशखाली में रोज आंदोलन हो रहे हैं.

डराने वालों को दौड़ाने लगे आम लोग

  • 22 फरवरी : रह-रह कर फरार तृणमूल नेता शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग करते हुए संदेशखाली में प्रदर्शन का दौरा जारी रहा. महिलाओं ने लाठी-डंडे लेकर शेख शाहजहां के भाई शेख सिराजुद्दीन को खदेड़ा था, उसके एक तालाब (भेड़ी) के पास स्थित फूस की झोपड़ी में आग लगा दी थी.
  • 23 फरवरी : महिलाओं ने संदेशखाली में फिर से प्रदर्शन किया था. शेख शाहजहां समेत अन्य की गिरफ्तारी की मांग की थी. शाहजहां के करीबी अजीत माइती पर हमला कर दिया.
  • 24 फरवरी : शेख शाहजहां और उसके भाई शेख सिराजुद्दीन की गिरफ्तारी की मांग कर महिलाओं ने लाठी डंडे लेकर विरोध प्रदर्शन किया. यहां तक की लोगों ने राज्य सरकार की ओर से लगाये गये शिकायत शिविरों में 24 फरवरी तक छह दिनों में 1250 से अधिक शिकायतें भी की.
  • 25 फरवरी : संदेशखाली में तृणमूल नेता अजीत माइति को मारने के लिए महिलाओं ने हाथों में लाठी-डंडा लेकर खदेड़ा था, लेकिन वह भाग कर दूसरे के घर में साढ़े चार घंटे तक छुपा रहा, बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
  • 26 फरवरी : सोमवार को एक बार फिर महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया स्थानीय तृणमूल नेताओं के घरों में तोड़फोड़ की, जिसमें एक तृणमूल के पंचायत नेता शंकर सरदार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए उसके घर भी लोग पहुंचे थे, लेकिन भूमि हड़पने का आरोपी शंकर घर में मौजूद नहीं था.

संदेशखाली पहुंचे आयोगों के प्रतिनिधि

  • मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य महिला संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन सहित अन्य अधिकारियों ने इलाके का दौरा किया था और दावा किया था कि वहां महिलाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटना नहीं हुई थी.
  • राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन सहित अन्य सदस्यों ने इलाके का दौरा किया था और आयोग ने इसे लेकर राष्ट्रपति को रिपोर्ट पेश की है और बंगाल में राष्ट्रपति लागू करने की सिफारिश की है.
  • बच्चों के साथ हुए अत्याचार की घटना की जांच के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रतिनिधि यहां पहुंचे थे.
  • संदेशखाली में महिलाओं पर हुए अत्याचार की जांच के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने दो बार इलाके का दौरा किया

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें