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टेक्निकल व सुपरवाइजरी ग्रेड ए में तीन साल नौकरी का हटा प्रावधान

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्रेजुएट विद पीजी डिप्लोमा या सोशल साइन्स या लेबर वेलफेयर में पीजी डिग्री होने से ही खदान में वेलफेयर अफसर का मिलेगा प्रोमोशन

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आसनसोल. कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) ने नॉन एग्जीक्यूटिव से एग्जीक्यूटिव बनने का रास्ता आसान कर दिया. पहले के नियम को संशोधन करके नया नियम शुक्रवार से लागू करने का आदेश जारी हो गया. इससे कम समय में ही बहुत सारे लोग अपनी डिग्री के आधार पर खदानों में वेलफेयर अफसर का प्रोमोशन पाकर कर्मचारी से अधिकारी बन जायेंगे. अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ (बीएमएस) के कार्यकारी अध्यक्ष जयनाथ चौबे ने बताया कि काफी समय से यूनियन इस मुद्दे को लेकर आवाज उठाती रही है. पुराने नियम में वेलफेयर अफसर बनने के लिए सारी योग्यता रहने के बावजूद टेक्निकल और सुपरवाइजरी ग्रेड-ए में तीन साल नौकरी के बाद बड़ी मुश्किल से कोई माइन्स में वेलफेयर अफसर के योग्य बन पाता था. यहां तक पहुंचने में एक व्यक्ति को 20 से 25 वर्ष का लंबा समय लग जाता था. अब योग्यता या अर्हता के आधार पर कोई भी कर्मचारी कभी भी वेलफेयर अफसर बन सकता है. काबिल-ए-गौर है कि सीआइएल ने विभागीय स्तर और माइन्स में वेलफेयर अफसर पद के लिए (नॉन एग्जीक्यूटिव से एग्जीक्यूटिव पद) पुराने नियम में संशोधन किया और नया नियम शुक्रवार से लागू करने के लिए आदेश जारी कर दिया है. पुराने नियम में विभागीय स्तर पर खदान में वेलफेयर अफसर बनने के लिए ग्रेजुएट विद पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा अथवा, श्रम मंत्रालय से मान्यता प्राप्त किसी संस्थान से सोशल साइंस या लेबर वेलफेयर विषय में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री के साथ अपने विभाग में टेक्निकल एंड सुपरवाइजरी ग्रेड-ए के पद पर तीन साल तक नौकरी करने के बाद ही कोई कर्मचारी माइन्स में वेलफेयर अफसर के पद के लिए योग्य हो पाता था. टेक्निकल एंड सुपरवाइजरी ग्रेड-ए तक पहुंचने के लिए एक कर्मचारी को 25 वर्षों तक का लंबा समय लग जाता था. अपनी नौकरी के दो से तीन साल ही वह कर्मचारी वेलफेयर अफसर (एग्जीक्यूटिव) के पद पर नौकरी कर पाता था. संशोधित नियम में सिर्फ तीन साल टेक्निकल और सुपरवाइजरी ग्रेड-ए में नौकरी करने के प्रावधान को हटा दिया गया है. अब डिग्री रहने पर ही वह खदान में वेलफेयर अफसर पद के लिए काबिल होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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