आलू नहीं हो रहा सस्ता आमजन हुए परेशान

महानगर सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आलू की कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. इससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोलकाता में आलू 35 रुपये प्रति किलो से भी अधिक दर पर बिक रहा है, जो एक महीने पहले 20 रुपये प्रति किलो था. हालांकि, प्रीमियम चंद्रमुखी आलू की कीमत में फिलहाल पांच रुपये प्रति किलो की गिरावट आयी है. फिर भी यह बहुत महंगा है. इस संबंध में व्यापारियों का कहना है कि मंडियों में आलू की आपूर्ति पहले के मुकाबले कम हो गयी है. मांग और आपूर्ति में अंतर होने से ही कीमतें बढ़ रही हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 13, 2024 11:19 PM

कोलकाता.

महानगर सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आलू की कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. इससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोलकाता में आलू 35 रुपये प्रति किलो से भी अधिक दर पर बिक रहा है, जो एक महीने पहले 20 रुपये प्रति किलो था. हालांकि, प्रीमियम चंद्रमुखी आलू की कीमत में फिलहाल पांच रुपये प्रति किलो की गिरावट आयी है. फिर भी यह बहुत महंगा है. इस संबंध में व्यापारियों का कहना है कि मंडियों में आलू की आपूर्ति पहले के मुकाबले कम हो गयी है. मांग और आपूर्ति में अंतर होने से ही कीमतें बढ़ रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल बेमौसम बारिश से आलू बीज को बहुत नुकसान हुआ. किसानों को दोबारा आलू की बुआई करनी पड़ी. इसके आलू के उत्पादन में गिरावट आयी और उसका आकार भी छोटा हो गया. कुछ व्यापारियों का मानना है कि मौजूदा खुदरा कीमतों में थोड़ी कमी की जा सकती है. चुनाव से पहले ज्योति आलू की खुदरा कीमत 27-28 रुपये प्रति किलो थी. जब आलू को कोल्ड स्टोरेज में रखा गया था, तब बाजार में इसकी कीमत 16-17 रुपये प्रति किलो थी. कोल्ड स्टोरेज की अवधि समाप्त होने के बाद आलू 22 रुपये प्रति किलो हो गया. इसमें 6-7 रुपये प्रति किलो भंडारण किराया सहित अतिरिक्त लागत शामिल है.

संघ के राज्य सचिव लालू मुखोपाध्याय ने कहा कि थोक मूल्य सही हैं, लेकिन खुदरा कीमतों पर ध्यान देने की जरूरत है. कोल्ड स्टोरेज मालिक संघ के राज्य अध्यक्ष बरेन मंडल ने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि आलू की जमाखोरी से महंगाई बढ़ रही है, तो वह आगे की जांच कर सकती है.

बताया गया है कि कोल्ड स्टोरेज से आलू 26-28 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इसके बाद ये बड़े थोक विक्रेताओं और स्थानीय व्यापारियों से होते हुए खुदरा विक्रेताओं तक पहुंचता है. इस प्रक्रिया में छोटे, मध्यम और खराब गुणवत्ता वाले आलू छांटे जाते हैं, जिससे कीमतें और बढ़ जाती हैं. कोली मार्केट के एक खुदरा व्यापारी ने बताया कि हम हुगली और बर्दवान से चुनिंदा आलू ला रहे हैं. अच्छी गुणवत्ता वाले आलू की कीमत ज्यादा है.

दावा, अन्य वर्षों की तुलना में कोर्ड स्टोरेज से अधिक निकल रहा आलू

कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के सूत्रों के अनुसार, पिछले साल राज्य में 67 लाख टन आलू का भंडारण किया गया था. वर्तमान में राज्य के 475 कोल्ड स्टोरेज में 45 लाख टन आलू का भंडारण किया गया है. वर्तमान आवश्यकता 700,000 टन है. 500,000 टन बीज के लिए रिजर्व है. प्रगतिशील आलू व्यापारी संघ ने दावा किया कि अन्य वर्षों की तुलना में कोल्ड स्टोरेज से कम से कम एक से दो फीसदी अधिक आलू निकल रहा है.

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