13.1 C
Ranchi
Tuesday, February 25, 2025 | 05:49 am
13.1 C
Ranchi
No videos found

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

WB News : आज से चित्तरंजन में बंद होंगे पॉकेट गेट

Advertisement

चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका) प्रबंधन ने रेलनगरी में प्रवेश के लिए बने पॉकेट गेटों को बंद करने के अपने पुराने आदेश पर फिर कार्रवाई शुरू कर दी है, जिससे इलाके में हलचल है. गुरुवार 16 मई को रामकृष्ण पाठचक्र के पास बने पॉकेट गेट और 17 मई को नामोकेशिया काली मंदिर पॉकेट गेट को बंद किया जायेगा. इसे लेकर नये सिरे से आदेश जारी हुआ है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

आसनसोल/रूपनारायणपुर.

चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका) प्रबंधन ने रेलनगरी में प्रवेश के लिए बने पॉकेट गेटों को बंद करने के अपने पुराने आदेश पर फिर कार्रवाई शुरू कर दी है, जिससे इलाके में हलचल है. गुरुवार 16 मई को रामकृष्ण पाठचक्र के पास बने पॉकेट गेट और 17 मई को नामोकेशिया काली मंदिर पॉकेट गेट को बंद किया जायेगा. इसे लेकर नये सिरे से आदेश जारी हुआ है. इन गेटों से गुजरनेवालों ने उसे बंद करने के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान छेड़ दिया है. गुरुवार को डीएम को जन-हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपा जायेगा. गेटों को बंद करने के दौरान भारी हंगामे की आशंका है. इससे पहले भी कोरोना के समय इन गेटों को बंद किया गया था. काफी आंदोलन हुआ, बाद में लोगों ने गेटों को सील की गयी दीवारों को तोड़ कर रास्ता बना लिया. इस पर चिरेका प्रबंधन ने कोई एक्शन नहीं लिया. बुधवार को गेटों को बंद करने के खिलाफ चिरेका से जुड़े सीटू संगठन के नेताओं ने डीजीएम को ज्ञापन दिया और इन गेटों को बंद करने से पहले चिरेका रेलनगरी में प्रवेश के लिए दो नये गेट बनाने की अपील की है.गौरतलब है कि चिरेका प्रशसन ने अपनी रेलनगरी में प्रवेश के लिए तीन जगहों पर बने पॉकेट गेटों कुर्मीपाड़ा, नामोकेशिया कालीमंदिर और रामकृष्ण पाठचक्र को अवैध बताते हुए इसे विकेट गेट (बस पैदल यात्री ही प्रवेश कर सकें) लगा कर बंद करने का आदेश जारी आठ अप्रैल को जारी किया है. इसके तहत 15 अप्रैल को चित्तरंजन से सटे मिहीजाम (झारखंड) कुर्मीपाड़ा के पास बने पॉकेट गेट को, 17 अप्रैल को सालानपुर प्रखंड के नामोकेशिया कालीमंदिर इलाके के पास स्थित पॉकेट गेट को और 19 अप्रैल शुक्रवार को हिंदुस्तान केबल्स लोअर केशिया के पास बने रामकृष्ण पाठचक्र पॉकेट गेट को बंद करना था. इस आदेश को पूरा करने को लेकर सभी पॉकेट गेटों के सामने रेलवे ट्रैक पर बिछाया जानेवाला स्लीपर, बालू, गिट्टी आदि सामान जमा कर लिये गये. कुर्मीपाड़ा का गेट बंद करके यहां विकेट गेट लगा दिया गया. पर बाकी दो जगहों पर भारी हंगामा होने की आशंका को देखते हुए पुलिस व प्रशासन के हस्तक्षेप से कार्य टल गया. तब भी स्थानीय लोगों ने डीएम को ज्ञापन दिया था. एक तो रामनवमी, दूजे चुनाव के मद्देनजर हंगामे से क्षेत्र में तनाव हो सकता था. इसे ध्यान में रख कर तब कार्य को स्थगित कर दिया गया था.क्या है पूरा मामला रेलनगरी चित्तरंजन में प्रवेश करने के तीन मुख्यमार्ग एक नंबर गेट, दो नंबर गेट और तीन नंबर गेट हैं. एक नंबर गेट चित्तरंजन रेलवे स्टेशन के निकट है. दो नंबर गेट मिहीजाम (झारखंड) बॉर्डर पर हिलटॉप के पास है और तीन नंबर गेट आसनसोल चित्तरंजन बस रुट पर एचसीएल रूपनारायणपुर और चित्तरंजन के बॉर्डर पर है. तीनों गेटों पर आरपीएफ की 24सों घंटे तैनाती रहती है. किसी भी चारपहिया वाहन को अंदर जाने के लिए अनुमति लेनी होती है. दो पहिया और तीन पहिया वाहनों को नजरंदाज कर दिया जाता है. इन मुख्य गेटों के अलावा भी उक्त तीन पॉकेट गेट वर्षों से चला आ रहा है. रामकृष्ण पाठचक्र पॉकेट गेट पर एक समय आरपीएफ की तैनाती रहती थी. बाद में गेट ऐसे ही खुला रहा. यहां से सिर्फ दो पहिया वाहन गुजरने का प्रावधान था. समय के साथ-साथ चिरेका रेल नगरी के आसपास के गांव और बस्तियों में अवादी काफी तेजी से बढ़ी. रेल नगरी और इसके आसपास के गांवों में रहनेवालों का मुख्य रूप से चित्तरंजन शहर के बाजार, स्कूल, अस्पताल पर ही निर्भर हैं. इन गांवों में चिरेका के कर्मी व पूर्व कर्मी भी रहते हैं. इन पॉकेट गेटों से हजारों लोग विशेषकर विद्यार्थियों का आनाजाना होता है. चिरेका प्रबंधन के इस फैसले से हजारों लोग प्रभावित होंगे.सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे नामोकेशिया कालीमंदिर क्षेत्र के लोगइन पॉकेट गेटों के बंद होने से सबसे ज्यादा प्रभावित नामोकेशिया कालीमंदिर इलाके के लोग होंगे. इस इलाके में रहनेवाले अधिकतर लोगों की जीविका चित्तरंजन बाजार पर ही निर्भर है. इनके बच्चे भी चितरंजन रेल नगरी में स्थित स्कूलों में पढ़ते हैं. इनके लिए सबसे करीबी अस्पताल भी चित्तरंजन में है. दोनों पॉकेट गेट बंद होने से इन्हें करीब छह किलोमीटर घूम कर तीन नंबर गेट से होकर चित्तरंजन शहर में दाखिल होना होगा. अहम बात है कि शाम होने पर इन्हें चित्तरंजन आने के लिए काफी खतरा मोल लेना होगा. नामोकेशिया से तीन नंबर गेट तक 90 फीसदी हिस्सा सुनसान और अंधेरा है. यहां अनेक घटनाएं भी हो चुकी हैं. इसलिए सबसे ज्यादा विरोध पिछली बार भी यहीं के लोगों ने किया था. पॉकेट गेट की जगह होंगे विकेट गेट चिरेका प्रबंधन ने सभी पैकेट गेटों को अवैध करार दिया है. इन गेटों को विकेट गेट लगाकर बंद किया जाएगा. जिससे सिर्फ पैदल यात्री ही एक-एक करके आना जाना कर सकते हैं. प्रबंधन के इस फैसले का चिरेका से जुड़े यूनियन नेताओं ने भी विरोध शुरू किया है. इंटक नेता इंद्रजीत सिंह, सीटू नेता राजीव गुप्ता ने कहा कि इस मुद्दे पर वे चिरेका प्रबंधन से बात भी की है. फिलहाल कोई राहत नहीं मिला है. रेलवे बोर्ड सहित विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों को लोगों को होनेवाली समस्या से अवगत कराया गया है. श्री सिंह ने इसे प्रबंधन का तुगलगी फरमान बताया.चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका) प्रबंधन ने रेलनगरी में प्रवेश के लिए बने पॉकेट गेटों को बंद करने के अपने पुराने आदेश पर फिर कार्रवाई शुरू कर दी है, जिससे इलाके में हलचल है. गुरुवार 16 मई को रामकृष्ण पाठचक्र के पास बने पॉकेट गेट और 17 मई को नामोकेशिया काली मंदिर पॉकेट गेट को बंद किया जायेगा. इसे लेकर नये सिरे से आदेश जारी हुआ है. इन गेटों से गुजरनेवालों ने उसे बंद करने के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान छेड़ दिया है. गुरुवार को डीएम को जन-हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपा जायेगा. गेटों को बंद करने के दौरान भारी हंगामे की आशंका है. इससे पहले भी कोरोना के समय इन गेटों को बंद किया गया था. काफी आंदोलन हुआ, बाद में लोगों ने गेटों को सील की गयी दीवारों को तोड़ कर रास्ता बना लिया. इस पर चिरेका प्रबंधन ने कोई एक्शन नहीं लिया. बुधवार को गेटों को बंद करने के खिलाफ चिरेका से जुड़े सीटू संगठन के नेताओं ने डीजीएम को ज्ञापन दिया और इन गेटों को बंद करने से पहले चिरेका रेलनगरी में प्रवेश के लिए दो नये गेट बनाने की अपील की है.गौरतलब है कि चिरेका प्रशसन ने अपनी रेलनगरी में प्रवेश के लिए तीन जगहों पर बने पॉकेट गेटों कुर्मीपाड़ा, नामोकेशिया कालीमंदिर और रामकृष्ण पाठचक्र को अवैध बताते हुए इसे विकेट गेट (बस पैदल यात्री ही प्रवेश कर सकें) लगा कर बंद करने का आदेश जारी आठ अप्रैल को जारी किया है. इसके तहत 15 अप्रैल को चित्तरंजन से सटे मिहीजाम (झारखंड) कुर्मीपाड़ा के पास बने पॉकेट गेट को, 17 अप्रैल को सालानपुर प्रखंड के नामोकेशिया कालीमंदिर इलाके के पास स्थित पॉकेट गेट को और 19 अप्रैल शुक्रवार को हिंदुस्तान केबल्स लोअर केशिया के पास बने रामकृष्ण पाठचक्र पॉकेट गेट को बंद करना था. इस आदेश को पूरा करने को लेकर सभी पॉकेट गेटों के सामने रेलवे ट्रैक पर बिछाया जानेवाला स्लीपर, बालू, गिट्टी आदि सामान जमा कर लिये गये. कुर्मीपाड़ा का गेट बंद करके यहां विकेट गेट लगा दिया गया. पर बाकी दो जगहों पर भारी हंगामा होने की आशंका को देखते हुए पुलिस व प्रशासन के हस्तक्षेप से कार्य टल गया. तब भी स्थानीय लोगों ने डीएम को ज्ञापन दिया था. एक तो रामनवमी, दूजे चुनाव के मद्देनजर हंगामे से क्षेत्र में तनाव हो सकता था. इसे ध्यान में रख कर तब कार्य को स्थगित कर दिया गया था.क्या है पूरा मामला रेलनगरी चित्तरंजन में प्रवेश करने के तीन मुख्यमार्ग एक नंबर गेट, दो नंबर गेट और तीन नंबर गेट हैं. एक नंबर गेट चित्तरंजन रेलवे स्टेशन के निकट है. दो नंबर गेट मिहीजाम (झारखंड) बॉर्डर पर हिलटॉप के पास है और तीन नंबर गेट आसनसोल चित्तरंजन बस रुट पर एचसीएल रूपनारायणपुर और चित्तरंजन के बॉर्डर पर है. तीनों गेटों पर आरपीएफ की 24सों घंटे तैनाती रहती है. किसी भी चारपहिया वाहन को अंदर जाने के लिए अनुमति लेनी होती है. दो पहिया और तीन पहिया वाहनों को नजरंदाज कर दिया जाता है. इन मुख्य गेटों के अलावा भी उक्त तीन पॉकेट गेट वर्षों से चला आ रहा है. रामकृष्ण पाठचक्र पॉकेट गेट पर एक समय आरपीएफ की तैनाती रहती थी. बाद में गेट ऐसे ही खुला रहा. यहां से सिर्फ दो पहिया वाहन गुजरने का प्रावधान था. समय के साथ-साथ चिरेका रेल नगरी के आसपास के गांव और बस्तियों में अवादी काफी तेजी से बढ़ी. रेल नगरी और इसके आसपास के गांवों में रहनेवालों का मुख्य रूप से चित्तरंजन शहर के बाजार, स्कूल, अस्पताल पर ही निर्भर हैं. इन गांवों में चिरेका के कर्मी व पूर्व कर्मी भी रहते हैं. इन पॉकेट गेटों से हजारों लोग विशेषकर विद्यार्थियों का आनाजाना होता है. चिरेका प्रबंधन के इस फैसले से हजारों लोग प्रभावित होंगे.सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे नामोकेशिया कालीमंदिर क्षेत्र के लोगइन पॉकेट गेटों के बंद होने से सबसे ज्यादा प्रभावित नामोकेशिया कालीमंदिर इलाके के लोग होंगे. इस इलाके में रहनेवाले अधिकतर लोगों की जीविका चित्तरंजन बाजार पर ही निर्भर है. इनके बच्चे भी चितरंजन रेल नगरी में स्थित स्कूलों में पढ़ते हैं. इनके लिए सबसे करीबी अस्पताल भी चित्तरंजन में है. दोनों पॉकेट गेट बंद होने से इन्हें करीब छह किलोमीटर घूम कर तीन नंबर गेट से होकर चित्तरंजन शहर में दाखिल होना होगा. अहम बात है कि शाम होने पर इन्हें चित्तरंजन आने के लिए काफी खतरा मोल लेना होगा. नामोकेशिया से तीन नंबर गेट तक 90 फीसदी हिस्सा सुनसान और अंधेरा है. यहां अनेक घटनाएं भी हो चुकी हैं. इसलिए सबसे ज्यादा विरोध पिछली बार भी यहीं के लोगों ने किया था. पॉकेट गेट की जगह होंगे विकेट गेट चिरेका प्रबंधन ने सभी पैकेट गेटों को अवैध करार दिया है. इन गेटों को विकेट गेट लगाकर बंद किया जाएगा. जिससे सिर्फ पैदल यात्री ही एक-एक करके आना जाना कर सकते हैं. प्रबंधन के इस फैसले का चिरेका से जुड़े यूनियन नेताओं ने भी विरोध शुरू किया है. इंटक नेता इंद्रजीत सिंह, सीटू नेता राजीव गुप्ता ने कहा कि इस मुद्दे पर वे चिरेका प्रबंधन से बात भी की है. फिलहाल कोई राहत नहीं मिला है. रेलवे बोर्ड सहित विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों को लोगों को होनेवाली समस्या से अवगत कराया गया है. श्री सिंह ने इसे प्रबंधन का तुगलगी फरमान बताया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर