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पत्नी का डेथ क्लेम पाने की आस में गंवा दिये 17.24 लाख रुपये

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अपराध. जागरूकता के बावजूद साइबर ठगी के बढ़ रहे मामले

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आसनसोल.

साइबर अपराधी आपकी हर गतिविधि की निगरानी कर रहे हैं, थोड़ी सी चूक हुई कि आप उनके चंगुल में फंस जायेंगे. ऐसे ही एक मामले ने पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है. अंडाल थाना क्षेत्र के अरविंद नगर दक्षिण बाजार इलाके के निवासी अबू तालिब को साइबर अपराधियों ने 17,24,705 रुपये का चूना लगा दिया. श्री तालिब को उनकी पत्नी के डेथ क्लेम के 36 लाख रुपये भुगतान करने के झांसे में लेकर इस कांड को अंजाम दिया गया. ठगों के दिशानिर्देश पर उन्होंने 20 दिनों तक समय-समय पर राशि का भुगतान किया. 17 अप्रैल को जब संपर्क टूट गया तब वह समझ गये कि उनके साथ साइबर फ्रॉड हो गया है. श्री तालिब की शिकायत पर एडीपीसी साइबर क्राइम थाना में कांड संख्या 41/24 में आइपीसी की धारा 419/420/406/120बी के तहत मामला दर्ज हुआ. डेथ क्लेम की जानकारी और कागजात की सारी डिटेल्स साइबर ठगों तक कैसे पहुंची? इसकी जांच पुलिस कर रही है.गौरतलब है कि एडीपीसी में पुलिस और विभिन्न वित्तीय संस्था द्वारा लगातार जागरूकता फैलाने के बावजूद भी साइबर अपराध पर अंकुश लगने के बजाय यह और तेजी से बढ़ रहा है. इस साल हुई ठगी के आंकड़ों के आधार पर हर ठगी में औसत 15 लाख रुपये साइबर अपराधियों ने लूटे हैं. अंडाल निवासी श्री तालिब ने अपनी शिकायत में बताया कि दिसंबर 2023 से अप्रैल 2024 के बीच उन्हें 9205193558/9643587813/9643613430/9821599054/7838152081 नंबरों से उन्हें फोन आया था. कॉल करनेवाले ने खुद को मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का अधिकारी बताया और उन्हें सूचित किया गया कि उनकी मृत पत्नी की दो पॉलिसी का भुगतान प्राप्त करने के लिए प्रीमियम, एनओसी शुल्क, आयकर और अलग एक इंश्योरेंस खाता खोलना होगा. उसने उन्हें अपने झांसे में ले लिया. विश्वास पर श्री तालिब ने नौ मार्च 2024 से 28 मार्च 2024 के बीच अपने दो बैंक खातों से 17,24,705 रुपये का भुगतान उसके निर्देशानुसार किया. 17 अप्रैल के बाद से फोन करने वाले से संपर्क टूट गया. सारे मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो गये. उसके बाद वह समझ गये कि उनके साथ साइबर फ्रॉड हो गया है. जिसकी शिकायत उन्होंने साइबर क्राइम थाने में दर्ज करायी. पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है. इस मामले में पुलिस यह तलाश कर रही है कि श्री तालिब की पत्नी की पॉलिसी का डिटेल्स साइबर ठगों तक कैसे पंहुचा? उन्होंने पुलिस को बताया कि डेथ क्लेम के लिये कागजात स्थानीय कार्यालय में जमा किया गया था.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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