दार्जिलिंग चिड़ियाघर पहुंचे दो लाल पांडा
नीदरलैंड से मिला क्रिसमस उपहार, 10 साल की मेहनत रंग लायी
नीदरलैंड से मिला क्रिसमस उपहार, 10 साल की मेहनत रंग लायी कोलकाता. क्रिसमस के मौके पर नीदरलैंड के रॉटरडैम से दो लाल पांडा को दार्जिलिंग चिड़ियाघर लाया गया. इससे चिड़ियाघर कर्मियों और राज्य के वनकर्मियों में खुशी व उत्साह का माहौल है. पश्चिम बंगाल चिड़ियाघर प्राधिकरण के सदस्य सचिव सौरभ चौधरी ने गुरुवार को बताया कि पिछले 10 वर्षों में विदेश से लाल पांडा नहीं लाया गया था. उन्होंने कहा : इन जानवरों को संरक्षण और प्रजनन के उद्देश्य से पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क (पीएमजेडपी) में लाया गया है, जिसे दार्जिलिंग चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है. श्री चौधरी ने कहा कि दोनों लाल पांडा ढाई साल के हैं. उन्होंने बताया कि चिड़ियाघर में आनुवांशिक विविधता लाने के लिए लाल पांडा को लाया गया है और यहां की जलवायु रॉटरडैम चिड़ियाघर में उनके पहले के प्रवास स्थान जैसी ही है. उन्होंने कहा : यह हमारे लिए खुशी और गर्व का क्षण है. उन्होंने कहा : कई वर्षों के प्रयासों, आधिकारिक प्रक्रिया और केंद्र और राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद आखिरकार इन दो प्यारे जानवरों को यहां लाया गया. 10 साल बाद विदेश से लाल पांडा को लाया गया है. हालांकि चिड़ियाघर में पहले से ही लाल पांडा हैं. लाल पांडा (ऐलुरस फुलगेंस) एक छोटा स्तनपायी प्राणी है, जो पूर्वी हिमालय और दक्षिण-पश्चिमी चीन में मुख्य रूप से पाया जाता है. दोनों लाल पांडा को 27 घंटे की उड़ान के बाद बुधवार तड़के कोलकाता हवाई अड्डे लाया गया. दोहा में विमान बदलना पड़ा और पशु चिकित्सकों द्वारा दोनों पांडा की जांच की गयी. नाम विशाल व कोशी रखा गया पश्चिम बंगाल चिड़ियाघर प्राधिकरण के सदस्य सचिव सौरभ चौधरी ने बताया कि दोनों जानवरों की स्थिति ठीक है. दो लाल पांडा का नाम विशाल और कोशी रखा है. उन्हें रॉटरडैम से क्रिसमस का उपहार कहा जा सकता है. फिलहाल चिड़ियाघर में 19 लाल पांडा हैं. इनमें से सात नर, 12 मादा और दो शावक हैं.
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