स्वास्थ्य साथी : जीपीएस लोकेशन के जरिये मरीज पर रखी जायेगी नजर

स्वास्थ्य साथी योजना में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआइ की मदद लेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | December 5, 2024 1:51 AM

एआइ की मदद लेगा स्वास्थ्य विभाग

इलाज करने वाले डॉक्टरों पर भी नजर रखेगा स्वास्थ्य विभाग

संवाददाता, कोलकाता

स्वास्थ्य साथी योजना में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआइ की मदद लेगा. स्वास्थ्य साथी से होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए राज्य सरकार सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है. इस वजह से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से अनावश्यक खर्च को रोका जायेगा. इसके लिए एक नया एप भी लांच किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य साथी योजना में ””””धोखाधड़ी”””” रोकने के लिए यह कदम उठाया है. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य साथी योजना से जुड़े निजी अस्पतालों को कुछ दिशा निर्देश भी दिये हैं, जो इस प्रकार हैं.

अस्पताल में भर्ती होने के बाद, जांच के दौरान, ऑपरेशन से पहले और बाद में और मरीज की छुट्टी के समय उसकी फोटो व वीडियो विशिष्ट एप की मदद से स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर अपलोड करने का भी निर्देश दिया गया है. मरीज के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उससे संबंधित जानकारी नित जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भेजना का निर्देश दिया गया है. इस दौरान जीपीएस के जरिए मरीज को ट्रैक किया जायेगा, ताकि यह पुष्टि हो सके कि रोगी वास्तव में अस्पताल में है या नहीं.

हेल्थ कार्ड के जरिये डायलिसिस, कीमोथेरेपी और अन्य जांचों के दौरान भी यही नियम लागू रहेगा. यदि मरीज से संबंधित जानकारी में किसी प्रकार की गड़बड़ी होती है, उसकी तस्वीर मैच नहीं करती है, तो अस्पताल के इलाज खर्च का भुगतान सरकार नहीं करेगी. संबंधित नर्सिंग होम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है. अस्पताल पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इस मामले में निजी अस्पताल और नर्सिंग होम के चिकित्सक को भी जिम्मेवार माना जायेगा.

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